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Bahadurgarh: अलाव जलाकर सोया था पुजारी का परिवार, दम घुटने पर 5 साल की बच्ची की मौत, माता-पिता गंभीर

संवाद न्यूज एजेंसी, बहादुरगढ़ (हरियाणा) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 07 Jan 2023 02:50 PM IST
सार

अलाव लगाकर सोने से दम घुटकर मौत होने की बीते 15 दिन में शहर में कई घटनाएं हो चुकी हैं। गत 26 दिसंबर की रात कसार में अपने कमरे में अलाव जलाकर सो रहे तीन कामगारों की दम घुटने से मौत हो गई थी।

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Daughter of priest of Ganapati Dham temple died of suffocation in Bahadurgarh
जांच करते पुलिसकर्मी। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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कड़ाके की ठंड से बचने की कोशिश ने शुक्रवार रात को बहादुरगढ़ में एक और जान ले ली। रात को अलाव जलाकर सो रहे गणपति धाम मंदिर के पुजारी की पांच साल की मासूम बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। जबकि स्वयं पुजारी व उनकी पत्नी की हालत गंभीर हो गई। दोनों को पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया है। यह परिवार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का निवासी है। अलाव के धुएं से दम घुटने के कारण शहर में 15 दिन में पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
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गणपति धाम मंदिर में तीन पुजारी हैं। प्रतापगढ़ जिले के गांव सुरखेलपुर निवासी दीपक (28) भी कई साल से यहां पुजारी हैं। वह करीब तीन हफ्ते पहले अपनी पत्नी श्वेता (24) व पांच साल की बेटी गुनगुन को भी यहां ले आए और परिवार सहित रहां रहने लगे। मंदिर प्रबंधन ने मंदिर परिसर में ही उन्हें रहने के लिए कमरा व अन्य सविधाएं दी। कड़ी ठंड पड़ने लगी तो कमरे में लगी खिड़कियों को भी श्वेता ने कपड़े व गत्ते आदि लगाकर बंद कर दिया। शुक्रवार की रात ठंड से बचने के लिए परिवार ने अलाव जला लिया। काफी देर तो वे इस पर हाथ सेंकते रहे और जब नींद आई तो सो गए। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। 
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मंदिर प्रबंधक अशोक गुप्ता ने बताया कि रात को कमरे में अलाव से बहुत अधिक कार्बनडाईऑक्साइड बन गई और ऑक्सीजन की कमी होने से तीनों का दम घुट गया। गुनगुन की तो रात को ही मौत हो गई और उसके माता-पिता बेहोश हो गए। दोनों को पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया है। जहां दीपक को होश आ गया है, लेकिन श्वेता की हालत गंभीर है।

हादसे की जानकारी सुबह करीब आठ बजे उस वक्त लगी जब नजदीक ही सांखोल में रहने वाला दीपक का साला (श्वेता का भाई) यशस्वी बहन से मिलने के लिए आया। दरअसल, शनिवार को यशस्वी को उत्तर प्रदेश में अपने गांव जाना था और उन्हें कुछ पैसों की जरूरत थी। इसलिए वह अपनी बहन से पैसे लेने आए थे। यशस्वी ने यहां आकर कमरे का दरवाजा बहुत बार खटखटाया और आवाजें लगाईं। लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। इस पर यशस्वी ने दूसरे लोगों की मदद से लोहे के दरवाजे पर लगे कुंडे को तोड़ा। लोग अंदर गए तो मंजर देख सभी घबरा गए। परिवार के तीनों अचेत अवस्था में थे। गुनगुन की मौत हो चुकी थी। दीपक व श्वेता को यशस्वी ने अन्य लोगों की मदद से तुरंत नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जहां से पीजीआई रोहतक भेज दिया गया।

अशोक गुप्ता ने बताया कि पुजारी दीपक हर रोज सुबह 5 बजे जाग जाते थे। लेकिन शनिवार सुबह साढ़े छह बजे तक भी नहीं जागे तो दूसरे पुजारी जगाने गए। एक-दो अवाज लगाने पर भी नहीं जवाब नहीं मिला तो पति-पत्नी के देर तक सोने की बात सोचकर लौट गए। उसके बाद लगभग 8 बजे श्वेता के भाई यशस्वी को भी अंदर से जवाब नहीं आया तो कुंडा तोड़ा गया। अस्पताल से हादसे की सूचना मिलने पर सेक्टर-6 थाना पुलिस घटना स्थल पहुंची और मामले की जांच शुरू की। दीपक व श्वेता के बयान लेने के लिए पुलिस पीजीआई रोहतक भी भेजी गई।

चार की पहले हो चुकी मौत
अलाव लगाकर सोने से दम घुटकर मौत होने की बीते 15 दिन में शहर में कई घटनाएं हो चुकी हैं। गत 26 दिसंबर की रात कसार में अपने कमरे में अलाव जलाकर सो रहे तीन कामगारों की दम घुटने से मौत हो गई थी। मृतकों में पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले का करीब 41 वर्षीय सैफिजुल मेहेना और उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के गांव मुंडाखेड़ा कलां निवासी 42 वर्षीय मुनेश व कल्लू शामिल थे। इनके अलावा 28 दिसंबर की रात को गांव रोहद में अपने कमरे में अलाव जलाकर सो रहे 36 साल के कामगार अनुराग की भी दम घुटने से से मौत हो गई थी। वह उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर के निवासी थे।
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