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Jhajjar-Bahadurgarh News: खामियों ने अस्पताल प्रबंधन की चिंता बढ़ाई
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:59 AM IST
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-फोटो 64 : अस्पताल स्टाफ से सवाल-जवाब करते टीम के अधिकारी। संवाद
- फोटो : doda news
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बहादुरगढ़। शहर के नागरिक अस्पताल में राष्ट्रीय स्तर की मान्यता के लिए तीन दिवसीय नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनएक्यूएस) टीम के निरीक्षण का बुधवार को अंतिम दिन रहा। टीम के अधिकारियों को अस्पताल में कई खामियां मिलीं। दो दिनों में मिलीं खामियों ने अस्पताल प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। वहीं कुछ सुधार भी टीम को दिखाई दिए। अब तीन दिनों के निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार होगी।
पहले दिन टीम अधिकारियों ने पार्किंग से लेकर ओपीडी, ट्राॅमा सेंटर समेत अस्पताल का निरीक्षण किया था। दूसरे दिन टीम ने अलग-अलग हिस्सों में स्थिति देखी। इस दौरान लैब, प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, अल्ट्रासाउंड यूनिट, बाल रोग विभाग, एसएनसीयू, पीपीसी वार्ड और सभी ओपीडी का निरीक्षण किया था।
इस दौरान पुराने पोस्टर व प्रचार सामग्री, गाइडलाइन के हिसाब से आवश्यक सुविधाओं में कमी पाई गई थी। कई जगह दिशा सूचक पुराने मिले थे। अस्पताल के रिकाॅर्ड को भी टीम ने जांचा था। पहले दिन मिली खामियों को अस्पताल प्रबंधन ने दूर किया था। इसमें शिकायत पेटी के पास टीम को पेन और कागज नहीं मिले थे।
अगले ही दिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से वहां पर शिकायत दर्ज कराने के लिए आने वाले लोगों के लिए पेटी के पास एक पेन और कागजों की व्यवस्था की गई थी। टीम में डॉ. गुरबीर सिंह ढिल्लो, मोनिका राणा, डॉ. रेणुका शिंदे शामिल रहीं। निरीक्षण पूरा होने के बाद टीम अब अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके आधार पर यह तय होगा कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल को राष्ट्रीय मान्यता मिलेगी या नहीं।
राष्ट्रीय मान्यता के लिए 70 प्रतिशत अंक जरूरी है। टीम ने अस्पताल में 7 बिंदुओं पर निरीक्षण में सर्विस प्रोविजन, मरीज अधिकार, सपोर्ट सर्विस, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट व आउटकम को शामिल किया था। दो दिनों में मिलीं खामियों ने अस्पताल प्रबंधन की चिंता बढ़ाई है।
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पहले दिन टीम अधिकारियों ने पार्किंग से लेकर ओपीडी, ट्राॅमा सेंटर समेत अस्पताल का निरीक्षण किया था। दूसरे दिन टीम ने अलग-अलग हिस्सों में स्थिति देखी। इस दौरान लैब, प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, अल्ट्रासाउंड यूनिट, बाल रोग विभाग, एसएनसीयू, पीपीसी वार्ड और सभी ओपीडी का निरीक्षण किया था।
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इस दौरान पुराने पोस्टर व प्रचार सामग्री, गाइडलाइन के हिसाब से आवश्यक सुविधाओं में कमी पाई गई थी। कई जगह दिशा सूचक पुराने मिले थे। अस्पताल के रिकाॅर्ड को भी टीम ने जांचा था। पहले दिन मिली खामियों को अस्पताल प्रबंधन ने दूर किया था। इसमें शिकायत पेटी के पास टीम को पेन और कागज नहीं मिले थे।
अगले ही दिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से वहां पर शिकायत दर्ज कराने के लिए आने वाले लोगों के लिए पेटी के पास एक पेन और कागजों की व्यवस्था की गई थी। टीम में डॉ. गुरबीर सिंह ढिल्लो, मोनिका राणा, डॉ. रेणुका शिंदे शामिल रहीं। निरीक्षण पूरा होने के बाद टीम अब अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके आधार पर यह तय होगा कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल को राष्ट्रीय मान्यता मिलेगी या नहीं।
राष्ट्रीय मान्यता के लिए 70 प्रतिशत अंक जरूरी है। टीम ने अस्पताल में 7 बिंदुओं पर निरीक्षण में सर्विस प्रोविजन, मरीज अधिकार, सपोर्ट सर्विस, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट व आउटकम को शामिल किया था। दो दिनों में मिलीं खामियों ने अस्पताल प्रबंधन की चिंता बढ़ाई है।