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Jind News: डिप्टी स्पीकर के निर्देशों के 12 दिन बाद भी नहीं सुधरी शौचालय की हालात
संवाद न्यूज एजेंसी, जींद
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:03 AM IST
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20जेएनडी05: नागरिक अस्पताल में महिला शौचालय पर लटका ताला। संवाद
- फोटो : 1
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जींद। नागरिक अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं में अब तक कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा के दौरे को करीब 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन उनके स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अस्पताल के शौचालय अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। शौचालयों के दरवाजे पर ताले लटके हुए हैं।
अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों, उनके परिजनों और स्टाफ को सामना करना पड़ रहा है। डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने 12 दिन पहले निरीक्षण के दौरान नागरिक अस्पताल की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई थी। विशेष रूप से शौचालयों की स्थिति को गंभीर मानते हुए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर शौचालय शुरू कराने के निर्देश दिए थे।
इसके बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। अस्पताल परिसर में बने महिला व पुरुष शौचालयों के दरवाजों पर ताले लटके हुए हैं। इससे लोगों को मजबूरी में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं।
शौचालय बंद होने के कारण मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। कई मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्हें मजबूरी में अस्पताल परिसर से बाहर जाकर शौच के लिए स्थान तलाशना पड़ता है, जो न केवल असहज है बल्कि स्वच्छता के लिहाज से भी गलत है।
महिला मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल में महिला शौचालय बंद होने से उन्हें काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को इलाज के दौरान शौचालय की जरूरत पड़ने पर वह या तो इलाज बीच में छोड़ने को मजबूर होती हैं या फिर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
अस्पताल में शौचालयों को शुरू करवाने के लिए ठेकेदार को डिप्टी स्पीकर ने भी कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन काम की गति नहीं बढ़ने से अस्पताल में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल में शौचालय की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। डिप्टी स्पीकर के निर्देशों पर दो मोबाइल टायलेट खड़ी की गई हैं। उन्होंने खुद भी काम की गति बढ़ाने के लिए ठेकेदार व लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है।
- डॉ. रघुवीर पूनिया, पीएमओ नागरिक अस्पताल जींद।
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अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों, उनके परिजनों और स्टाफ को सामना करना पड़ रहा है। डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने 12 दिन पहले निरीक्षण के दौरान नागरिक अस्पताल की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई थी। विशेष रूप से शौचालयों की स्थिति को गंभीर मानते हुए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर शौचालय शुरू कराने के निर्देश दिए थे।
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इसके बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। अस्पताल परिसर में बने महिला व पुरुष शौचालयों के दरवाजों पर ताले लटके हुए हैं। इससे लोगों को मजबूरी में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं।
शौचालय बंद होने के कारण मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। कई मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्हें मजबूरी में अस्पताल परिसर से बाहर जाकर शौच के लिए स्थान तलाशना पड़ता है, जो न केवल असहज है बल्कि स्वच्छता के लिहाज से भी गलत है।
महिला मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल में महिला शौचालय बंद होने से उन्हें काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को इलाज के दौरान शौचालय की जरूरत पड़ने पर वह या तो इलाज बीच में छोड़ने को मजबूर होती हैं या फिर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
अस्पताल में शौचालयों को शुरू करवाने के लिए ठेकेदार को डिप्टी स्पीकर ने भी कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन काम की गति नहीं बढ़ने से अस्पताल में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल में शौचालय की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। डिप्टी स्पीकर के निर्देशों पर दो मोबाइल टायलेट खड़ी की गई हैं। उन्होंने खुद भी काम की गति बढ़ाने के लिए ठेकेदार व लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है।
- डॉ. रघुवीर पूनिया, पीएमओ नागरिक अस्पताल जींद।