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Kaithal News: अब खर्चे पर लटका शहर में कालोनियों को वैध करने का मामला
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कैथल। शहर में अवैध कालोनियों के वैध होने के लिए लोगों को अभी इंतजार करना होगा। विभागीय कार्यवाहियों में उलझा यह मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा। निकाय विभाग मुख्यालय जहां एक सप्ताह में लंबित सर्वे जैसे कार्य पूरे करने के लिए लिख चुका है। वहीं जिलास्तर पर डीटीपी व नगर परिषद कार्यालय के कर्मचारी इस मामले का हल निकालने में जुटे हैं। मामला नए सिरे से होने वाले खर्च पर अटकाहै। यदि नए सिरे से सर्वे किया जाए तो उसका खर्च कौन सा विभाग उठाएगा, यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
विदित रहे कि पिछले साल सरकार ने जिले भर की कालोनियों का सर्वे करवाया था। डीटीपी विभाग द्वारा करवाए सर्वे में पूरे जिले में 152 कालोनियां अवैध पाई गई थीं। इन्हें नियमित करने की रिपोर्ट बना कर डीटीपी कार्यालय ने विभाग मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी। इनमें से कैथल शहर की 49 कालोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव नगर परिषद द्वारा पारित किया जाना था। परिषद की हाउस की बैठक में कई कालोनियों पर सवाल उठे। जिस पर नगर परिषद ने फिर से सर्वे करवाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके बाद विभाग मुख्यालय से फिर पत्र जारी हुआ कि पूर्व में सर्वे डीटीपी कार्यालय ने किया था तो अब भी सर्वे डीटीपी कार्यालय करके दे। जो कमियां हैं, उन्हें दूर करे। इसके बाद डीटीपी कार्यालय को पत्र भी जारी किया। मामला तभी से ठंडे बस्ते में था।
पिछले सप्ताह फिर से निकाय विभाग मुख्यालय ने पत्र जारी कर कहा कि एक सप्ताह में इस काम को पूरा किया जाए।
इन निर्देशों के बाद डीटीपी कार्यालय में नगर परिषद व डीटीपी कार्यालय के अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार अब दोनों ही विभाग सर्वे पर आने वाले खर्च को लेकर पशोपेश में हैं। पूर्व में जिस एजेंसी ने सर्वे किया था, उसका भुगतान भी हो चुका है। डीटीपी कार्यालय यदि फिर से सर्वे करवाता है तो उस पर खर्च कहां से होगा? अभी यह स्पष्ट नहीं है। नगर परिषद अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में डीटीपी कार्यालय ने सर्वे करवाया था, इसे पूरा करना भी इसी विभाग की जिम्मेवारी है। अभी तक बैठक बेनतीजा रही।
डीटीपी कार्यालय के कर्मचारी किसी तरह सर्वे एजेंसी से तालमेल कर सर्वे करने का प्रयास कर रहे हैं।नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मलिक ने कहा कि डीटीपी कार्यालय में बैठक कर प्रयास किया जा रहा है कि जो सर्वे में कमियां हैं, वे दूर हों। जैसे ही सर्वे की कमियां दूर करके रिपोर्ट मिलेगी, उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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विदित रहे कि पिछले साल सरकार ने जिले भर की कालोनियों का सर्वे करवाया था। डीटीपी विभाग द्वारा करवाए सर्वे में पूरे जिले में 152 कालोनियां अवैध पाई गई थीं। इन्हें नियमित करने की रिपोर्ट बना कर डीटीपी कार्यालय ने विभाग मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी। इनमें से कैथल शहर की 49 कालोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव नगर परिषद द्वारा पारित किया जाना था। परिषद की हाउस की बैठक में कई कालोनियों पर सवाल उठे। जिस पर नगर परिषद ने फिर से सर्वे करवाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके बाद विभाग मुख्यालय से फिर पत्र जारी हुआ कि पूर्व में सर्वे डीटीपी कार्यालय ने किया था तो अब भी सर्वे डीटीपी कार्यालय करके दे। जो कमियां हैं, उन्हें दूर करे। इसके बाद डीटीपी कार्यालय को पत्र भी जारी किया। मामला तभी से ठंडे बस्ते में था।
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पिछले सप्ताह फिर से निकाय विभाग मुख्यालय ने पत्र जारी कर कहा कि एक सप्ताह में इस काम को पूरा किया जाए।
इन निर्देशों के बाद डीटीपी कार्यालय में नगर परिषद व डीटीपी कार्यालय के अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार अब दोनों ही विभाग सर्वे पर आने वाले खर्च को लेकर पशोपेश में हैं। पूर्व में जिस एजेंसी ने सर्वे किया था, उसका भुगतान भी हो चुका है। डीटीपी कार्यालय यदि फिर से सर्वे करवाता है तो उस पर खर्च कहां से होगा? अभी यह स्पष्ट नहीं है। नगर परिषद अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में डीटीपी कार्यालय ने सर्वे करवाया था, इसे पूरा करना भी इसी विभाग की जिम्मेवारी है। अभी तक बैठक बेनतीजा रही।
डीटीपी कार्यालय के कर्मचारी किसी तरह सर्वे एजेंसी से तालमेल कर सर्वे करने का प्रयास कर रहे हैं।नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मलिक ने कहा कि डीटीपी कार्यालय में बैठक कर प्रयास किया जा रहा है कि जो सर्वे में कमियां हैं, वे दूर हों। जैसे ही सर्वे की कमियां दूर करके रिपोर्ट मिलेगी, उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।