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Karnal News: यूपी से आ रहे सस्ते धान पर भकियू का प्रदर्शन, सीमा से लौटा दिए ट्रक
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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। उत्तर प्रदेश से सस्ता धान लाए जाने से प्रदेश के किसानों की समस्या बढ़ने का आरोप लगाते हुए शनिवार को भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार की सुबह यूपी की सीमा पर स्थित मंगलौरा चौकी पर प्रदर्शन किया। यूपी से हरियाणा में आने वाले धान से भरे ट्रकों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की जांच करवाई। जिन वाहनों में ज्यादा धान भरा पाया गया, उन्हें वापस यूपी की ओर मुड़वा दिया।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और उनके समर्थक किसान जत्थे सहित यूपी की ओर रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बाहर से आने वाले धान की आवाजाही पर सख्त आदेश जारी नहीं करती, तब तक भाकियू का यह आंदोलन जारी रहेगा। चढूनी के इस कदम की चर्चा पूरे इलाके में रही। किसानों ने कहा कि यूपी से आने वाले सस्ते धान की वजह से स्थानीय मंडियों में रेट नीचे जा रहे हैं। जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है।
कुरुक्षेत्र में डीएफएससी को थप्पड़ मारने के मामले में चढूनी ने कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव, डीसी तक को शिकायत दी थी लेकिन किसी ने कोई सुनवाई तक नहीं की। जब अधिकारी सुनवाई तक न करें तो उनके पास दूसरा चारा क्या बचता है। अगर किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा तो थप्पड़ ही लगेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ने गिरफ्तार करने से नहीं रोका था। पुलिस ने उसी दिन उन्हें पकड़कर छोड़ भी दिया। उन्होंने खुद कहा कि छोड़ क्यों रहे हो तो उन्होंने कहा कि वे उनको नहीं रख सकते, इसलिए वे जा सकते हैं।
यूपी के सस्ते धान से नुकसान
चढूनी ने कहा कि हाल के दिनों में यूपी का सस्ता धान हरियाणा की मंडियों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, जिससे हरियाणा के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा के व्यापारी यूपी से सस्ता धान खरीदकर यहां बेच रहे हैं, जिससे न केवल किसानों की उपज प्रभावित हो रही है बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि इस समय हरियाणा की सभी मंडियां धान से भरी पड़ी हैं लेकिन उठान की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। ऐसे में जब बाहरी प्रदेश से सस्ता धान लगातार आ रहा है, तो स्थानीय किसानों की उपज कौन खरीदेगा।

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भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और उनके समर्थक किसान जत्थे सहित यूपी की ओर रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बाहर से आने वाले धान की आवाजाही पर सख्त आदेश जारी नहीं करती, तब तक भाकियू का यह आंदोलन जारी रहेगा। चढूनी के इस कदम की चर्चा पूरे इलाके में रही। किसानों ने कहा कि यूपी से आने वाले सस्ते धान की वजह से स्थानीय मंडियों में रेट नीचे जा रहे हैं। जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है।
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कुरुक्षेत्र में डीएफएससी को थप्पड़ मारने के मामले में चढूनी ने कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव, डीसी तक को शिकायत दी थी लेकिन किसी ने कोई सुनवाई तक नहीं की। जब अधिकारी सुनवाई तक न करें तो उनके पास दूसरा चारा क्या बचता है। अगर किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा तो थप्पड़ ही लगेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ने गिरफ्तार करने से नहीं रोका था। पुलिस ने उसी दिन उन्हें पकड़कर छोड़ भी दिया। उन्होंने खुद कहा कि छोड़ क्यों रहे हो तो उन्होंने कहा कि वे उनको नहीं रख सकते, इसलिए वे जा सकते हैं।
यूपी के सस्ते धान से नुकसान
चढूनी ने कहा कि हाल के दिनों में यूपी का सस्ता धान हरियाणा की मंडियों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, जिससे हरियाणा के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा के व्यापारी यूपी से सस्ता धान खरीदकर यहां बेच रहे हैं, जिससे न केवल किसानों की उपज प्रभावित हो रही है बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि इस समय हरियाणा की सभी मंडियां धान से भरी पड़ी हैं लेकिन उठान की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। ऐसे में जब बाहरी प्रदेश से सस्ता धान लगातार आ रहा है, तो स्थानीय किसानों की उपज कौन खरीदेगा।