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Kurukshetra News: जगह के अभाव में लटका कैथ लैब का प्रोजेक्ट, महंगे दाम चुका मरीजों को निजी अस्पताल में डलवाने पड़ रहे स्टंट
संवाद न्यूज एजेंसी, कुरुक्षेत्र
Updated Fri, 21 Nov 2025 01:22 AM IST
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कुरुक्षेत्र। जिला नागरिक अस्पताल में कैथ लैब की योजना लंबे अरसे से सिरे नहीं चढ़ पाई। पांच साल पहले अस्पताल में कैथ लैब खोले जाने के महानिदेशक की तरफ से आदेश हुए थे। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर इलाज लेना पड़ रहा है।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिले में कैथ लैब खोली जानी थी। अंबाला जोन में अंबाला नागरिक अस्पताल को छोड़कर अभी तक किसी भी सरकारी अस्पताल में कैथ लैब नहीं खुली। कैथ लैब के अस्पताल में न बनाए जाने का मुख्य कारण जगह की कमी मानी जा रही है। 100 बेड के अस्पताल में इन दिनों 200 बेड के अस्पताल को चलाया जा रहा है। सात मंजिला नया भवन बनने के बाद ही अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो पाएंगी।
कैथ लैब में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी तक की मरीजों को सुविधा दी जानी थी जिसमें एंजियोप्लास्टी के जरिये हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज को दूर करने के लिए धमनियों में स्टंट डालकर ब्लॉकेज दूर करने की सुविधा मरीजों को मिलती। लैब ने बनने के कारण हृदय रोग के मरीजों को अब भी अस्पताल से पीजीआई व अंबाला रेफर किया जा रहा है। जिले में रोजाना आठ से 10 लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है।
आधे रेट में डलेंगे स्टंट
पीपीपी मोड पर खोली गई कैथ लैब में मरीज से स्टंट का आधा दाम वसूला जाता है। निजी अस्पताल में एक स्टंट के मरीज से करीब एक लाख रुपये लिए जा रहे हैं जबकि पीपीपी मोड की कैथ लैब में 50 से 60 हजार में स्टंट डलता है।
जल्द खोली जाएगी कैथ लैब : डॉ. सुखबीर
सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर सिंह का कहना है कि जगह के अभाव में अभी तक जिला अस्पताल में कैथ लैब नहीं खोली गई है। अस्पताल का नया भवन बन रहा है। जल्द ही कैथ लैब खाली जाएगी। मरीजों को पीजीआई व अंबाला तक की दूरी नहीं नापनी पड़ेगी।
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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिले में कैथ लैब खोली जानी थी। अंबाला जोन में अंबाला नागरिक अस्पताल को छोड़कर अभी तक किसी भी सरकारी अस्पताल में कैथ लैब नहीं खुली। कैथ लैब के अस्पताल में न बनाए जाने का मुख्य कारण जगह की कमी मानी जा रही है। 100 बेड के अस्पताल में इन दिनों 200 बेड के अस्पताल को चलाया जा रहा है। सात मंजिला नया भवन बनने के बाद ही अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो पाएंगी।
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कैथ लैब में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी तक की मरीजों को सुविधा दी जानी थी जिसमें एंजियोप्लास्टी के जरिये हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज को दूर करने के लिए धमनियों में स्टंट डालकर ब्लॉकेज दूर करने की सुविधा मरीजों को मिलती। लैब ने बनने के कारण हृदय रोग के मरीजों को अब भी अस्पताल से पीजीआई व अंबाला रेफर किया जा रहा है। जिले में रोजाना आठ से 10 लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है।
आधे रेट में डलेंगे स्टंट
पीपीपी मोड पर खोली गई कैथ लैब में मरीज से स्टंट का आधा दाम वसूला जाता है। निजी अस्पताल में एक स्टंट के मरीज से करीब एक लाख रुपये लिए जा रहे हैं जबकि पीपीपी मोड की कैथ लैब में 50 से 60 हजार में स्टंट डलता है।
जल्द खोली जाएगी कैथ लैब : डॉ. सुखबीर
सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर सिंह का कहना है कि जगह के अभाव में अभी तक जिला अस्पताल में कैथ लैब नहीं खोली गई है। अस्पताल का नया भवन बन रहा है। जल्द ही कैथ लैब खाली जाएगी। मरीजों को पीजीआई व अंबाला तक की दूरी नहीं नापनी पड़ेगी।