{"_id":"686ed32bcb282e6b2509e6fa","slug":"vaccination-campaign-affected-by-strike-kurukshetra-news-c-45-1-kur1008-138531-2025-07-10","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kurukshetra News: हड़ताल से प्रभावित हुआ टीकाकरण अभियान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kurukshetra News: हड़ताल से प्रभावित हुआ टीकाकरण अभियान
विज्ञापन


संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कई सेवाओं पर अधिक तो कई पर आंशिक असर पड़ा। स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादातर बाधित रही, जिसके चलते टीकाकरण थम गया तो गर्भवती महिलाओं का विशेष स्वास्थ्य जांच अभियान भी प्रभावित रहा। पटवार भवनों में भी लोग बैरंग लौटते दिखाई दिए।
परिवहन सेवाओं पर आंशिक असर रहा। पुलिस लाइन से अधिकतर बसों को निकाला गया और कुछ बसें बस अड्डे से भी निकाली गई, लेकिन गडबड़ाई व्यवस्था के कारण यात्रियों को खामियाजा भुगतना पड़ा। पुलिस लाइन से निकली अधिकतर बसों में यात्रियों की संख्या भी न के बराबर ही रही।
हड़ताल में सांझा मोर्चा के आह्वान पर जिलेभर से दर्जनभर यूनियनों ने हिस्सा लिया, लेकिन आशा कर्मी यूनियन व आंगनबाड़ी यूनियन 90 प्रतिशत हड़ताल में शामिल रही। 720 आशा कर्मी में से 694 व आंगनबाड़ी के 1500 में से करीब 700 कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहीं। दूसरी यूनियनों से महज पदाधिकारी ही धरना स्थल पर पहुंचे। जिले से करीब 550 कर्मचारी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताने के लिए उपायुक्त कार्यालय पर इकट्ठा हुए। कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक धरना दिया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी कर रही है। सत्ता में आने से पहले सरकार ने कर्मचारियों के साथ अनेक वादे किए थे लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने कर्मचारी विरोधी नीति अपना ली। विभागों में पक्के कर्मचारियों की जगह कच्चे कर्मचारियों को रखा जा रहा है। कर्मचारियों को हर माह वेतन भी नहीं दिया जा रहा जिससे उन्हें घर का खर्च चलाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
विज्ञापन
Trending Videos
कुरुक्षेत्र। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कई सेवाओं पर अधिक तो कई पर आंशिक असर पड़ा। स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादातर बाधित रही, जिसके चलते टीकाकरण थम गया तो गर्भवती महिलाओं का विशेष स्वास्थ्य जांच अभियान भी प्रभावित रहा। पटवार भवनों में भी लोग बैरंग लौटते दिखाई दिए।
परिवहन सेवाओं पर आंशिक असर रहा। पुलिस लाइन से अधिकतर बसों को निकाला गया और कुछ बसें बस अड्डे से भी निकाली गई, लेकिन गडबड़ाई व्यवस्था के कारण यात्रियों को खामियाजा भुगतना पड़ा। पुलिस लाइन से निकली अधिकतर बसों में यात्रियों की संख्या भी न के बराबर ही रही।
विज्ञापन
विज्ञापन
हड़ताल में सांझा मोर्चा के आह्वान पर जिलेभर से दर्जनभर यूनियनों ने हिस्सा लिया, लेकिन आशा कर्मी यूनियन व आंगनबाड़ी यूनियन 90 प्रतिशत हड़ताल में शामिल रही। 720 आशा कर्मी में से 694 व आंगनबाड़ी के 1500 में से करीब 700 कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहीं। दूसरी यूनियनों से महज पदाधिकारी ही धरना स्थल पर पहुंचे। जिले से करीब 550 कर्मचारी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताने के लिए उपायुक्त कार्यालय पर इकट्ठा हुए। कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक धरना दिया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी कर रही है। सत्ता में आने से पहले सरकार ने कर्मचारियों के साथ अनेक वादे किए थे लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने कर्मचारी विरोधी नीति अपना ली। विभागों में पक्के कर्मचारियों की जगह कच्चे कर्मचारियों को रखा जा रहा है। कर्मचारियों को हर माह वेतन भी नहीं दिया जा रहा जिससे उन्हें घर का खर्च चलाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है।