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तीन साल बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगे नहीं हुई पूरी
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पलवल। आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन के तत्वावधान में बीती आठ दिसंबर से जारी हड़ताल 17वें दिन भी जारी रही। शुक्रवार को भी सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लघु सचिवालय स्थित पार्क में एकत्रित हुईं और धरना प्रदर्शन किया। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान उर्मिला रावत व रामरति दलाल ने की, जबकि संचालन जिला सचिव कृष्णा देवी ने किया। धरने में किसान संघर्ष समिति के नेता रूपराम तेवतिया, संयुक्त समिति के नेता देवी सिंह बेचैन ने पहुंचकर अपने विचार रखे।
जिला प्रधान उर्मिला रावत ने अपनी मांगों के बारे में बताया हुए कहा कि विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए कार्यकर्ता पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2018 में की गई कार्यकर्ता व सहायक के वेतन में 1500 एवं 750 रुपये की बढ़ोतरी को एरियर समेत दिया जाए। रिटायरमेंट पेंशन लागू की जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया न देनेे पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। किसी भी विभागीय प्रशिक्षण या बैठक में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए। दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च व मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 1600 रुपये की जाए।
रामरति दलाल ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने की बजाय सभी सरकारी संस्थाओं के निजीकरण पर ज्यादा ध्यान दे रही है। विभागों का निजीकरण कर सरकार कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। यदि सभी विभागों को निजीकरण कर दिया जाएगा तो फिर गरीब जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार द्वारा मानी गई मांगों को तीन साल बाद भी लागू नहीं किया जा रहा है। विभाग ऑनलाइन काम का भारी दबाव बना रहा है। धरने को कमला देवी, राजवती, ओमवती, विमलेश, पसंदी, पुष्पा, सीमा, शशि, अनीता, सुषमा, सरोज, ऊषा ने भी संबोधित किया।

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जिला प्रधान उर्मिला रावत ने अपनी मांगों के बारे में बताया हुए कहा कि विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए कार्यकर्ता पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2018 में की गई कार्यकर्ता व सहायक के वेतन में 1500 एवं 750 रुपये की बढ़ोतरी को एरियर समेत दिया जाए। रिटायरमेंट पेंशन लागू की जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया न देनेे पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। किसी भी विभागीय प्रशिक्षण या बैठक में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए। दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च व मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 1600 रुपये की जाए।
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रामरति दलाल ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने की बजाय सभी सरकारी संस्थाओं के निजीकरण पर ज्यादा ध्यान दे रही है। विभागों का निजीकरण कर सरकार कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। यदि सभी विभागों को निजीकरण कर दिया जाएगा तो फिर गरीब जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार द्वारा मानी गई मांगों को तीन साल बाद भी लागू नहीं किया जा रहा है। विभाग ऑनलाइन काम का भारी दबाव बना रहा है। धरने को कमला देवी, राजवती, ओमवती, विमलेश, पसंदी, पुष्पा, सीमा, शशि, अनीता, सुषमा, सरोज, ऊषा ने भी संबोधित किया।