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हाईकमान के कड़े रुख के बाद नरम पड़ा हुड्डा खेमा

Panchkula Bureau पंचकुला ब्‍यूरो
Updated Thu, 22 Jul 2021 01:21 AM IST
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After the crackdown of the fight in Punjab Congress, now the eyes of the high command on Haryana
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चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में चल रही खींचतान के पटाक्षेप के बाद अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की नजरें हरियाणा पर टिकी हैं। हरियाणा में भी लड़ाई प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए है। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपना आदमी बैठाना चाह रहे थे। उसी तरह से हरियाणा में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खेमा प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर सक्रिय है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा समकक्ष नेता माने जाते हैं। ऐसे में हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष को बदलने जाने की मांग को लेकर आलाकमान क्या निर्णय लेगा, इसकी तरफ हुड्डा और सैलजा दोनों ही खेमों की नजरें टिकी हैं।
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हुड्डा खेमा इस पूरे प्रकरण को लेकर जहां शांत हो गया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा विवादों से दूर रह कर फूंक-फूंक कर कदम रख रहीं हैं। उन्होंने हर फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है। कुमारी सैलजा का कहना है कि पार्टी का हर फैसला सर्वमान्य है। प्रदेश में जल्दी संगठन बनेगा। हर प्रदेश की अपनी अलग-अलग राजनीतिक स्थिति रहती है। एक ही चीज हर जगह लागू नहीं होती। पार्टी कार्यक्रमों के लिए सभी विधायकों को सूचित किया जाता है। कार्यक्रमों में शामिल न होने को लेकर जवाब मांगना हाईकमान व विधायकों के बीच का मामला है। कई बार विधायक व्यस्त रहते हैं तो धरना-प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाते।
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पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने जैसे कैप्टन की नाराजगी को नजरअंदाज करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश की प्रधानी सौंपी है, उसे देखते हुए हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खेमा नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गया है। समर्थक विधायक हुड्डा को प्रदेश की राजनीति में मजबूत देखना चाहते हैं, इसलिए सैलजा को हटाकर उनके खेमे का प्रधान बनाने की कोशिश हाल में ही दिल्ली तक कर चुके हैं। हालांकि, उन्हें बदलाव की मांग करना उल्टा भी पड़ा और प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने हुड्डा समर्थक विधायकों से पार्टी के धरना-प्रदर्शनों से दूर रहने को लेकर जवाब-तलब कर दिया। उसके बाद से सियासी तौर पर फिलहाल शांति है। हुड्डा खेमे की मांग को कांग्रेस हाईकमान किस तरह से लेता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
पंजाब कांग्रेस के विवाद का काफी हद तक पटाक्षेप हो चुका है। अब हाईकमान का पूरा ध्यान हरियाणा में कांग्रेस की अंदरूनी कलह को खत्म करने पर रहने वाला है। प्रदेश में जिला व ब्लॉक स्तर पर पार्टी संगठन खड़ा करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जिला व ब्लॉक प्रधानों की नियुक्तियों की सूची हाईकमान के पास पहुंच चुकी है। अब देखना यह है कि इसमें किस तरह से हुड्डा-सैलजा खेमों के अलावा अन्य क्षेत्रीय क्षत्रपों को हाईकमान संतुष्ट करता है।
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