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Panchkula News: भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित जज सुधीर परमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
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पंचकूला। हरियाणा की स्टेट विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो ने निलंबित सीबीआई व ईडी स्पेशल जज सुधीर परमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि उन्होंने रियल एस्टेट कंपनियों एम3एम, आईआरईओ और वाटिका के मालिकों को अदालत में फायदा पहुंचाया और बदले में करोड़ों की संपत्तियां हासिल कीं।
चार्जशीट के अनुसार परमार ने नवंबर 2021 में पंचकूला में सीबीआई और ईडी जज के रूप में पदभार संभाला था। इसके तीन-चार महीनों बाद ही उन्होंने और उनके परिवार ने सात से आठ करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीद लीं जबकि उनकी आय इतनी नहीं थी कि वे इतने महंगे सौदे कर सकें। ईडी के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में आए हैं।
एम3एम और आईआरईओ से सांठगांठ
जांच में सामने आया कि आईआरईओ और एम3एम के बीच करोड़ों के प्रोजेक्ट डील के दौरान परमार ने एम3एम के मालिक रूप बंसल को फायदा पहुंचाया। ऑडियो रिकॉर्डिंग में परमार यह कहते सुने गए कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों से बात कर ली है, जिससे कि संबंधित जमीन जब्त न हो।
परिवार को भी फायदा
चार्जशीट में कहा गया है कि परमार के भतीजे अजय को एम3एम में कानूनी अधिकारी की नौकरी दिलाई गई और उसकी सैलरी दोगुनी कर दी गई। इसके अलावा परमार के परिवार के नाम पर गुरुग्राम में करोड़ों की जमीन और मकान खरीदे गए, जिनकी कीमत बाजार दर से कहीं कम दिखाई गई। जांच एजेंसी के मुताबिक परमार और उनके परिवार ने इस दौरान फॉर्च्यूनर, थार जैसी लग्जरी गाड़ियां खरीदीं और गुरुग्राम में करोड़ों का घर व पेट्रोल पंप बनवाया।
ईडी अधिकारियों की भूमिका पर भी जांच
दाखिल की गई चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि ईडी के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं, क्योंकि जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए था, वे अब तक नहीं की गईं। सरकार अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जज और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच कितनी गहरी मिलीभगत थी।
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चार्जशीट के अनुसार परमार ने नवंबर 2021 में पंचकूला में सीबीआई और ईडी जज के रूप में पदभार संभाला था। इसके तीन-चार महीनों बाद ही उन्होंने और उनके परिवार ने सात से आठ करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीद लीं जबकि उनकी आय इतनी नहीं थी कि वे इतने महंगे सौदे कर सकें। ईडी के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में आए हैं।
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एम3एम और आईआरईओ से सांठगांठ
जांच में सामने आया कि आईआरईओ और एम3एम के बीच करोड़ों के प्रोजेक्ट डील के दौरान परमार ने एम3एम के मालिक रूप बंसल को फायदा पहुंचाया। ऑडियो रिकॉर्डिंग में परमार यह कहते सुने गए कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों से बात कर ली है, जिससे कि संबंधित जमीन जब्त न हो।
परिवार को भी फायदा
चार्जशीट में कहा गया है कि परमार के भतीजे अजय को एम3एम में कानूनी अधिकारी की नौकरी दिलाई गई और उसकी सैलरी दोगुनी कर दी गई। इसके अलावा परमार के परिवार के नाम पर गुरुग्राम में करोड़ों की जमीन और मकान खरीदे गए, जिनकी कीमत बाजार दर से कहीं कम दिखाई गई। जांच एजेंसी के मुताबिक परमार और उनके परिवार ने इस दौरान फॉर्च्यूनर, थार जैसी लग्जरी गाड़ियां खरीदीं और गुरुग्राम में करोड़ों का घर व पेट्रोल पंप बनवाया।
ईडी अधिकारियों की भूमिका पर भी जांच
दाखिल की गई चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि ईडी के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं, क्योंकि जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए था, वे अब तक नहीं की गईं। सरकार अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जज और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच कितनी गहरी मिलीभगत थी।