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श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व: पानीपत में सीएम मनोहर लाल ने की चार बड़ी घोषणा, यमुनानगर मेडिकल कॉलेज गुरु साहिब के नाम पर होगा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पानीपत (हरियाणा) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sun, 24 Apr 2022 02:22 PM IST
सार

पानीपत में रविवार को ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश उत्सव पर सुबह से ही संगत उमड़ पड़ी।

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Guru Teg Bahadur Prakash Parv 2022 Grand Celebration In Panipat Today News in Hindi
पानीपत में प्रकाश पर्व पर उमड़ी संगत। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व समागम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरु साहिब के त्याग और बलिदान को नमन करते हुए चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर आयोजित किए जा रहे समागम स्थल सेक्टर-13-17 का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा जाएगा। 

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सतनाम श्री वाहेगुरु... #प्रकाश_पर्व_पानीपत

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- Manohar Lal (@manoharlalbjp) 24 Apr 2022

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वहीं, जिस रास्ते से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी निकाली गई, उस रास्ते का नाम श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग रखा जाएगा। उन्होंने यमुनानगर में बन रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम भी गुरु जी के नाम पर रखने की घोषणा की गई। साथ ही कहा कि तीन महीने में मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा गुरु तेग बहादुर जी ने लड़ते वक्त जिन शस्त्रों का प्रयोग किया था, उनकी प्रदर्शनी देशभर में लगाई जाएगी।

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धर्म की रक्षा की खातिर जिस लाल किले पर श्री गुरु तेग बहादुर जी ने सर्वोच्च बलिदान दिया, 355 वर्षों के पश्चात आज हमारे प्रधानमंत्री ने उसी लाल किले की दीवारों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की यादों से सजाया। #प्रकाश_पर्व_पानीपत

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- Manohar Lal (@manoharlalbjp) 24 Apr 2022


 
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। आज उनके 400वें प्रकाश पर्व को आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मनाया जा रहा है। इस समागम का मुख्य मकसद उनके त्याग, बलिदान एवं संघर्ष की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा ले सकें। 

गुरु साहिब के विचारों को सहेजने के लिए दृढ़ संकल्पित
मनोहर लाल ने कहा कि संतों एवं महापुरुषों के विचार जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए हरियाणा सरकार सभी संत एवं महापुरुषों की जयंती और प्रकाश पर्व मना रही है। पानीपत की धरती ऐतिहासिक रही है और यहां श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाकर एक और इतिहास रचा गया है। हरियाणा सरकार गुरु साहिब के विचारों को सहेजने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उनके चरणों में नतमस्तक होते हुए सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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#प्रकाश_पर्व_पानीपत में सम्मिलित हुए गीता मनीषी स्वामी ग्यानानंद जी महाराज की अगवानी की और उनका आशीर्वाद लिया। #400yearsGuruParv https://t.co/R2qSZsHcBb

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- Parmod Kumar Vij (@parmod_vij) 24 Apr 2022



दो बार पानीपत आए थे श्री गुरु नानक देव जी
सीएम ने कहा कि पानीपत वह शहर है जहां श्री गुरु नानक देव जी दो बार आए। यहां पर पहली पातशाही गुरुद्वारा स्थापित किया। ये धरती गुरुओं की धरती रही है। गुरु श्री तेग बहादुर जी की शहादत से बड़ा उदाहरण हो नहीं सकता। उनकी शिक्षाएं प्रेरणास्त्रोत हैं, भारत की पहचान कायम रखने में गुरुओं का हमेशा से ही अहम योगदान रहा है।

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“नवम गुरु का तेज ही पीढ़ी दर पीढ़ी जा सकता था, कोई भगीरथ ही धरती पर गंगा को ला सकता था” #हिंद_दी_चादर गुरु तेगबहादुर जी को कृतज्ञ प्रणाम। https://t.co/QM4lboMgNe

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- Parmod Kumar Vij (@parmod_vij) 24 Apr 2022



मुख्यमंत्री ने सुनाई श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की कहानी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुओं ने समाज और देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। उन्होंने गुरुओं के त्याग और बलिदान की कहानी भी सुनाई। कहा कि जब 500 कश्मीरी पंडितों का एक जत्था श्री गुरु तेग बहादुर जी के पास श्री आनंदपुर साहिब पहुंचा और औरंगजेब के अत्याचार से अवगत करवाया। तब गुरु साहिब जी ने कहा कि वक्त आ गया है, जब किसी महापुरुष को बलिदान देना होगा। इस पर गुरु साहिब के पुत्र ने कहा कि आपसे बड़ा बलिदानी कौन होगा। इसके बाद गुरु साहिब जी ने औरंगजेब को चुनौती दी, जिसके बाद अत्याचारी शासक औरंगजेब ने गुरु साहिब को घोर यातनाएं देकर उनका शीश धड़ से अलग कर दिया। गुरु साहिब जी ने देश-धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।

हरियाणा से रहा गुरु साहिब का गहरा नाता 
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का हरियाणा से गहरा नाता रहा है। उन्होंने हरियाणा और पंजाब से होकर छह यात्राएं कीं। गुरु साहिब ने हरियाणा के 32 गुरुद्वारों में अपने चरण रखे। गुरु जी धमतान साहिब, मंजी साहिब, गढ़ी साहिब, कराह साहिब आदि स्थानों पर पहुंचे। गुरु साहिब के शीश की अंतिम यात्रा भी हरियाणा से होकर निकली। 

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आज #हिंद_दी_चादर गुरु श्री तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर खेल मंत्री श्री @flickersingh जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को समागम स्थल तक पहुंचाया। मेरा सौभाग्य है कि इस यात्रा में मुझे सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। !!सत श्री अकाल!! #400yearsGuruParv

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- Parmod Kumar Vij (@parmod_vij) 24 Apr 2022



उन्होंने कहा कि जब गुरु साहिब के शीश के पीछे औरंगजेब की सेना लगी तो गुरु जी के चेहरे से मिलते-जुलते सोनीपत के बड़खालसा गांव के किसान खुशहाल सिंह दहिया ने अपना शीश कटवा दिया था, जिसे लेकर औरंगजेब की सेना दिल्ली चली गई। फिर गुरु साहिब का शीश पंजाब ले जाया जा सका।

आजादी के बाद भी कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार हुए
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुओं के त्याग और संघर्ष की तरह भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद करवाने के लिए देश के क्रांतिकारियों ने भी बलिदान दिया है। 1947 में देश आजाद होने के बाद भी कश्मीर पंडितों पर अत्याचार हुए, जिसे हम कश्मीर फाइल्स फिल्म में देख सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर एक देश, एक विधान, एक निशान का सपना साकार किया।

नायकों को याद रखना होगा: सीएम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में नायक भी हुए और खलनायक भी लेकिन हमें नायकों को याद रखना होगा। श्री गुरु तेग बहादुर जी एक नायक थे और औरंगजेब खलनायक था। इसी तरह त्रेता युग में रावण एक खलनायक था जबकि प्रभु श्री राम नायक हुए। इन महापुरुषों ने अत्याचार, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया। 

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