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Rewari News: छात्र को पीटने के मामले में स्कूल ने मामला परिजनों के फैसले पर छोड़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sun, 07 Dec 2025 12:24 AM IST
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ट्रॉमा सेंटर में बच्चे को इलाज के लिए लेकर जाते परिजन। स्रोत : वीडियो ग्रैब
- फोटो : सांकेतिक
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रेवाड़ी। महेंद्रगढ़ रोड स्थित वीआईपी स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र को बायोलॉजी के अध्यापक की तरफ से मारपीट करने के प्रकरण में स्कूल प्रबंधन ने पूरा मामला परिजनों के फैसले पर छोड़ दिया है। इस मामले में स्कूल के प्राचार्य नवदीप लांबा ने छात्र के परिजनों को कहा है कि वह जिस प्रकार की कार्रवाई शिक्षक पर चाहते हैं, इसके लिए वह तैयार हैं।
फिलहाल शिक्षक को कुछ समय के लिए कार्य से हटा दिया गया है। शुक्रवार की देर शाम तक जब छात्र से पीड़ा सहन नहीं हुई तो परिजन रात को उसे ट्रामा सेंटर में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे। पीड़ित नौवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि उसके बायो के अध्यापक ने होमवर्क याद करके आने को कहा था।
उसने होमवर्क पूरा याद नहीं किया। शिक्षक ने कहा कि उसने पूरा याद क्यों नहीं किया। इस बात पर शिक्षक ने छात्र को डंडे मारे। छात्र ने आग्रह किया कि डंडे उसके हाथ में मारे जाएं ताकि चोट न लगे। मगर शिक्षक ने उसकी बात नहीं मानी। उसके बाद उसे धूप में खड़ा कर दिया गया।
बच्चे की हालत बिगड़ी तो डॉक्टर को दिखाने के बाद छात्र को घर भेज दिया गया। जब छात्र घर पहुंचा तो मामले की जानकारी उसने अपने परिजनों को दी। उसके बाद परिजन रात के समय छात्र को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। आरोप है कि बच्चे की कमर, पीठ और शरीर के पिछले हिस्से पर कई डंडे लगने से गहरे नीले-काले निशान पड़ गए थे।
स्कूल प्रबंधन ने पूरा मामला छात्र व उसके परिजनों पर छोड़ दिया है। वह जो कार्रवाई शिक्षक पर चाहते हैं, इसके लिए हम तैयार हैं। हालांकि, मामले को लेकर छात्र के परिजनों ने राजीनामा कर लिया है। स्कूल ने हमेशा छात्र के हितों को ध्यान में रखा है।
- नवदीप लांबा, प्राचार्य, वीआईपी स्कूल
एक स्कूल में छात्र को पीटने का मामला जरूर आया था। जो हमारे पास अर्जी आई थी वह राजीनामा को लेकर आई थी।
- संजय कुमार, प्रभारी, रामपुरा थाना
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फिलहाल शिक्षक को कुछ समय के लिए कार्य से हटा दिया गया है। शुक्रवार की देर शाम तक जब छात्र से पीड़ा सहन नहीं हुई तो परिजन रात को उसे ट्रामा सेंटर में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे। पीड़ित नौवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि उसके बायो के अध्यापक ने होमवर्क याद करके आने को कहा था।
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उसने होमवर्क पूरा याद नहीं किया। शिक्षक ने कहा कि उसने पूरा याद क्यों नहीं किया। इस बात पर शिक्षक ने छात्र को डंडे मारे। छात्र ने आग्रह किया कि डंडे उसके हाथ में मारे जाएं ताकि चोट न लगे। मगर शिक्षक ने उसकी बात नहीं मानी। उसके बाद उसे धूप में खड़ा कर दिया गया।
बच्चे की हालत बिगड़ी तो डॉक्टर को दिखाने के बाद छात्र को घर भेज दिया गया। जब छात्र घर पहुंचा तो मामले की जानकारी उसने अपने परिजनों को दी। उसके बाद परिजन रात के समय छात्र को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। आरोप है कि बच्चे की कमर, पीठ और शरीर के पिछले हिस्से पर कई डंडे लगने से गहरे नीले-काले निशान पड़ गए थे।
स्कूल प्रबंधन ने पूरा मामला छात्र व उसके परिजनों पर छोड़ दिया है। वह जो कार्रवाई शिक्षक पर चाहते हैं, इसके लिए हम तैयार हैं। हालांकि, मामले को लेकर छात्र के परिजनों ने राजीनामा कर लिया है। स्कूल ने हमेशा छात्र के हितों को ध्यान में रखा है।
- नवदीप लांबा, प्राचार्य, वीआईपी स्कूल
एक स्कूल में छात्र को पीटने का मामला जरूर आया था। जो हमारे पास अर्जी आई थी वह राजीनामा को लेकर आई थी।
- संजय कुमार, प्रभारी, रामपुरा थाना