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Rewari News: बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की प्रतिभागियों को दिलाई गई शपथ
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sun, 14 Dec 2025 12:06 AM IST
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बाल भवन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरूक करती टीम। स्रोत : प्रशान
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रेवाड़ी। जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के उद्देश्य से 100 दिवसीय विशेष अभियान की शुरूआत की गई है। बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा और प्रमोद कुमार ने जस्ट राइट के सहयोग से एमडीडी ऑफ इंडिया टीम के जिला संयोजक जगदीप सिंह रावत और तुषार शर्मा के साथ मिलकर बाल भवन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा ने बाल विवाह और घरेलू हिंसा से जुड़े कानूनों, दुष्परिणामों और रोकथाम के बारे में जानकारी दी। इस दौरान प्रतिभागियों को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की शपथ भी दिलाई गई। अभियान के तहत जिला प्रशासन द्वारा 100 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल और कॉलेज में जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही है।
गांवों में बाल कल्याण समितियों का गठन भी किया जा रहा है ताकि समस्या की जड़ तक पहुंचकर रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन ने पुजारी, पाठी, पंच, सरपंच, नंबरदार, नगर पार्षद, बैंक्वेट हॉल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला, कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड-बाजा और टेंट हाउस संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विवाह से पूर्व दूल्हा-दुल्हन की उम्र की जांच अनिवार्य रूप से करें और किसी भी संदिग्ध बाल विवाह की सूचना तुरंत साझा करें।
बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बताया कि कानून के मुताबिक लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है।
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बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा ने बाल विवाह और घरेलू हिंसा से जुड़े कानूनों, दुष्परिणामों और रोकथाम के बारे में जानकारी दी। इस दौरान प्रतिभागियों को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की शपथ भी दिलाई गई। अभियान के तहत जिला प्रशासन द्वारा 100 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल और कॉलेज में जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही है।
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गांवों में बाल कल्याण समितियों का गठन भी किया जा रहा है ताकि समस्या की जड़ तक पहुंचकर रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन ने पुजारी, पाठी, पंच, सरपंच, नंबरदार, नगर पार्षद, बैंक्वेट हॉल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला, कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड-बाजा और टेंट हाउस संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विवाह से पूर्व दूल्हा-दुल्हन की उम्र की जांच अनिवार्य रूप से करें और किसी भी संदिग्ध बाल विवाह की सूचना तुरंत साझा करें।
बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बताया कि कानून के मुताबिक लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है।