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हड़ताल खत्म : ओपीडी 1443 रही, 56 मरीजों के हुए ऑपरेशन
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sat, 13 Dec 2025 12:05 AM IST
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सिविल अस्पताल में ओपीडी के लिए पर्ची कटवाते लोग। संवाद
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रेवाड़ी। मांगों पर सहमति बनने पर सरकारी चिकित्सकों की चार दिन से चल रही हड़ताल खत्म होने के बाद शुक्रवार को नागरिक अस्पताल सहित जिले की सीएचसी-पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हो गईं। हालांकि ओपीडी में मरीजों की संख्या सामान्य से काफी कम रही।
नागरिक अस्पताल में आम दिनों में ओपीडी 1800 के करीब पहुंच जाती है। चार दिन चली चिकित्सकों की हड़ताल में आपीडी में कमी आई। पहले दिन 1349, दूसरे दिन 1166 तीसरे दिन, 1254 व चौथे दिन 1217 मरीजों की ओपीडी रही। हड़ताल खत्म होने के बाद शुक्रवार को ओपीडी में कुछ इजाफा हुआ। शुक्रवार को ओपीडी 1443 रही तथा 56 मरीजों के विभिन्न बीमारियों के ऑपरेशन भी किए गए।
दरअसल वीरवार की देर रात हड़ताल खत्म होने की जानकारी काफी लोगों तक नहीं पहुंचने के कारण कई मरीज अस्पताल नहीं पहुंचे। अब शनिवार और सोमवार को मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और पिछले चार दिन से लंबित सर्जरी तथा अन्य ऑपरेशन भी शुरू किए जाएंगे। वहीं हड़ताल के चलते पिछले चार दिनों से नागरिक अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद न होने के कारण कई ऑपरेशन टल गए थे और मरीजों का चेकअप गुरुग्राम से बुलाए गए डॉक्टरों, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, एनएचएम व बीएएमएस के माध्यम से किया जा रहा था। इससे मरीजों को उचित और समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था।
इंसेट
इन चार मुद्दों पर बनी सहमति
एचसीएमएसए की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि एसएमओ की सीधी भर्ती को रोकने के लिए सेवा नियमों में संशोधन के संबंध में सीपीएस टू सीएम द्वारा 5 दिसंबर को हुई बैठक में लिया निर्णय। अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद उचित अवधि के भीतर लागू किया जाएगा। आयुष्मान भारत के अंतर्गत डॉक्टरों को इंसेटिव दिया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें एचसीएमएस एसोसिएशन का एक सदस्य भी होगा। समिति अन्य राज्य सरकारों की प्रोत्साहन योजनाओं और एनएचए की ओर से जारी किए गए दिशा-निदेर्शों की जांच करेगी। एक महीने में सरकार को प्रस्ताव देगी। उन्हें समयबद्ध अवधि में एसीपी नहीं मिल पाता। इस पर सहमति बनी कि यदि सरकार नई भर्ती चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात नहीं करती है, तो शहरी स्वास्थ्य सुविधा में तैनाती के कारण उन्हें प्रथम एसीपी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। अनुपस्थिति को देय अवकाश माना जाएगा, बशर्ते कि एचसीएमएस एसोसिएशन भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं करेगा।
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इन मांगों को लेकर हुई थी हड़ताल
एचसीएमएसए की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांगे, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए और इन पदों पर केवल प्रमोशन से ही नियुक्ति हो। केंद्र सरकार की तर्ज पर 4, 9, 13 और 20 साल की सेवा पर एसीपी लागू की जाए, जबकि हरियाणा में पूरी सेवा अवधि में केवल तीन एसीपी मिलती हैं। तीसरी मांग में तीसरे ग्रेड पे को 9500 रुपये तक बढ़ाया जाए। फिलहाल 10 साल की सेवा पर डॉक्टरों को 7600 और थर्ड ग्रेड पे पर 8700 रुपये मिलते हैं। सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन दिया जाता है लेकिन उन्हें लागू नहीं करती है।
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वर्जन
सभी चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर लौट चुके हैं। हड़ताल के कारण रुका काम अब सुचारू रूप से चल रहा है। ऑपरेशन सहित सभी चिकित्सा सेवाएं समय पर होगी और अब मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।-डॉ. नरेंद्र दहिया, सिविल सर्जन
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नागरिक अस्पताल में आम दिनों में ओपीडी 1800 के करीब पहुंच जाती है। चार दिन चली चिकित्सकों की हड़ताल में आपीडी में कमी आई। पहले दिन 1349, दूसरे दिन 1166 तीसरे दिन, 1254 व चौथे दिन 1217 मरीजों की ओपीडी रही। हड़ताल खत्म होने के बाद शुक्रवार को ओपीडी में कुछ इजाफा हुआ। शुक्रवार को ओपीडी 1443 रही तथा 56 मरीजों के विभिन्न बीमारियों के ऑपरेशन भी किए गए।
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दरअसल वीरवार की देर रात हड़ताल खत्म होने की जानकारी काफी लोगों तक नहीं पहुंचने के कारण कई मरीज अस्पताल नहीं पहुंचे। अब शनिवार और सोमवार को मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और पिछले चार दिन से लंबित सर्जरी तथा अन्य ऑपरेशन भी शुरू किए जाएंगे। वहीं हड़ताल के चलते पिछले चार दिनों से नागरिक अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद न होने के कारण कई ऑपरेशन टल गए थे और मरीजों का चेकअप गुरुग्राम से बुलाए गए डॉक्टरों, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, एनएचएम व बीएएमएस के माध्यम से किया जा रहा था। इससे मरीजों को उचित और समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था।
इंसेट
इन चार मुद्दों पर बनी सहमति
एचसीएमएसए की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि एसएमओ की सीधी भर्ती को रोकने के लिए सेवा नियमों में संशोधन के संबंध में सीपीएस टू सीएम द्वारा 5 दिसंबर को हुई बैठक में लिया निर्णय। अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद उचित अवधि के भीतर लागू किया जाएगा। आयुष्मान भारत के अंतर्गत डॉक्टरों को इंसेटिव दिया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें एचसीएमएस एसोसिएशन का एक सदस्य भी होगा। समिति अन्य राज्य सरकारों की प्रोत्साहन योजनाओं और एनएचए की ओर से जारी किए गए दिशा-निदेर्शों की जांच करेगी। एक महीने में सरकार को प्रस्ताव देगी। उन्हें समयबद्ध अवधि में एसीपी नहीं मिल पाता। इस पर सहमति बनी कि यदि सरकार नई भर्ती चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात नहीं करती है, तो शहरी स्वास्थ्य सुविधा में तैनाती के कारण उन्हें प्रथम एसीपी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। अनुपस्थिति को देय अवकाश माना जाएगा, बशर्ते कि एचसीएमएस एसोसिएशन भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं करेगा।
इन मांगों को लेकर हुई थी हड़ताल
एचसीएमएसए की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांगे, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए और इन पदों पर केवल प्रमोशन से ही नियुक्ति हो। केंद्र सरकार की तर्ज पर 4, 9, 13 और 20 साल की सेवा पर एसीपी लागू की जाए, जबकि हरियाणा में पूरी सेवा अवधि में केवल तीन एसीपी मिलती हैं। तीसरी मांग में तीसरे ग्रेड पे को 9500 रुपये तक बढ़ाया जाए। फिलहाल 10 साल की सेवा पर डॉक्टरों को 7600 और थर्ड ग्रेड पे पर 8700 रुपये मिलते हैं। सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन दिया जाता है लेकिन उन्हें लागू नहीं करती है।
वर्जन
सभी चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर लौट चुके हैं। हड़ताल के कारण रुका काम अब सुचारू रूप से चल रहा है। ऑपरेशन सहित सभी चिकित्सा सेवाएं समय पर होगी और अब मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।-डॉ. नरेंद्र दहिया, सिविल सर्जन