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Rewari News: लावारिस कुत्तों के टीकाकरण व बधियाकरण का काम शुरू, हेल्पलाइन नंबर जारी
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अनाज मंडी मार्ग पर घूम रहे लावारिस कुत्ते। संवाद
- फोटो : टूंडला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार मे ंखडे़ रेलयात्री संवाद
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रेवाड़ी। करीब चार साल बाद शहर में कुत्तों के बधियाकरण के लिए नगर परिषद ने कार्य शुरू कर दिया है। 3 हजार कुत्तों के बधियाकरण पर 45 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कुत्तों को रेबीज का इंजेक्शन भी लगाया जाएगा ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
नगर परिषद रेवाड़ी की ओर से स्नेह एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से रेवाड़ी क्षेत्र में कुत्तों का टीकाकरण व बधियाकरण का कार्य शुरू किया गया है। बधियाकरण अभियान को चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा। सबसे पहले शहर के उन क्षेत्रों को चुना जाएगा जहां कुत्तों की संख्या ज्यादा है।
विशेष टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण केंद्रों तक ले जाएगी। वहां बधियाकरण और टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कुत्तों को वापस उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
सितंबर में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। अब जाकर वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं। लोग कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 8572827322 व एजेंसी हेल्पलाइन नंबर 9680317487 पर संपर्क कर सकते है।
बता दें कि नगर परिषद की ओर से 4 साल पहले कुत्तों के बधियाकरण को लेकर प्रयास किए गए थे। वह कार्य कुछ समय तक चला लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसे में कुत्तों की संख्या 3 हजार से कई गुना ज्यादा भी हो सकती है।
पार्षदों ने भी कई बार मीटिंग में कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर मुद्दा उठाया था लेकिन नगर परिषद के कानों में जूं तभी रेंगी, जब सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर मामला संज्ञान में लिया था।
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कुत्तों का बधियाकरण करना बहुत जरूरी
सेक्टर-1 निवासी सुशील, विनोद, राहुल ने बताया कि सेक्टर में स्थिति इस प्रकार की है कि अगर रात के समय में कोई पैदल गुजरे तो कुत्तों के झुंड हमला भी कर सकते हैं। कई बार ऐसा हुआ भी है। रात के समय घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए कुत्तों का बधियाकरण करना बहुत जरूरी है। कई सालों से बधियाकरण नहीं हुआ है। इससे कुत्तों की संख्या काफी बढ़ चुकी है।
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इस साल कुत्तों के काटने के 7 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके
जनवरी से अभी तक कुत्तों के काटने के 7 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। पूरे जिले में रोजाना 40 से 50 कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं। इनमें 30 से 40 मामले तो अकेले सिविल अस्पताल के हैं। बाकी ग्रामीण क्षेत्र के मामले इससे ज्यादा हो सकते हैं। कई लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक की ओर रुख करते हैं। ऐसे में कुत्तों के काटने की मूल संख्या काफी अधिक है। कुत्तों के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है जो काफी जानलेवा होती है।
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कई लोगों पर कुत्ते ने किया था हमला
पिछले वर्ष गढ़ी बोलनी रोड के पास एक निर्माणाधीन साइट पर कार्य कर रहे कुछ लोगों पर कुत्ते ने हमला कर दिया था। 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायलों को इलाज के लिए ट्राॅमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था। एक युवक का अंगूठा कुत्ते ने चबा लिया था। इसी कुत्ते ने पहले भी कई लोगों को काटा था। सेक्टर-1 में अप्रैल माह में रात के समय जाते वक्त कुत्तों के झुंड ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था।
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नगर परिषद रेवाड़ी की ओर से स्नेह एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से रेवाड़ी क्षेत्र में कुत्तों का टीकाकरण व बधियाकरण का कार्य शुरू किया गया है। लोग कार्यालय व एजेंसी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते है। -सुशील कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद
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नगर परिषद रेवाड़ी की ओर से स्नेह एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से रेवाड़ी क्षेत्र में कुत्तों का टीकाकरण व बधियाकरण का कार्य शुरू किया गया है। बधियाकरण अभियान को चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा। सबसे पहले शहर के उन क्षेत्रों को चुना जाएगा जहां कुत्तों की संख्या ज्यादा है।
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विशेष टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण केंद्रों तक ले जाएगी। वहां बधियाकरण और टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कुत्तों को वापस उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
सितंबर में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। अब जाकर वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं। लोग कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 8572827322 व एजेंसी हेल्पलाइन नंबर 9680317487 पर संपर्क कर सकते है।
बता दें कि नगर परिषद की ओर से 4 साल पहले कुत्तों के बधियाकरण को लेकर प्रयास किए गए थे। वह कार्य कुछ समय तक चला लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसे में कुत्तों की संख्या 3 हजार से कई गुना ज्यादा भी हो सकती है।
पार्षदों ने भी कई बार मीटिंग में कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर मुद्दा उठाया था लेकिन नगर परिषद के कानों में जूं तभी रेंगी, जब सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर मामला संज्ञान में लिया था।
कुत्तों का बधियाकरण करना बहुत जरूरी
सेक्टर-1 निवासी सुशील, विनोद, राहुल ने बताया कि सेक्टर में स्थिति इस प्रकार की है कि अगर रात के समय में कोई पैदल गुजरे तो कुत्तों के झुंड हमला भी कर सकते हैं। कई बार ऐसा हुआ भी है। रात के समय घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए कुत्तों का बधियाकरण करना बहुत जरूरी है। कई सालों से बधियाकरण नहीं हुआ है। इससे कुत्तों की संख्या काफी बढ़ चुकी है।
इस साल कुत्तों के काटने के 7 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके
जनवरी से अभी तक कुत्तों के काटने के 7 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। पूरे जिले में रोजाना 40 से 50 कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं। इनमें 30 से 40 मामले तो अकेले सिविल अस्पताल के हैं। बाकी ग्रामीण क्षेत्र के मामले इससे ज्यादा हो सकते हैं। कई लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक की ओर रुख करते हैं। ऐसे में कुत्तों के काटने की मूल संख्या काफी अधिक है। कुत्तों के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है जो काफी जानलेवा होती है।
कई लोगों पर कुत्ते ने किया था हमला
पिछले वर्ष गढ़ी बोलनी रोड के पास एक निर्माणाधीन साइट पर कार्य कर रहे कुछ लोगों पर कुत्ते ने हमला कर दिया था। 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायलों को इलाज के लिए ट्राॅमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था। एक युवक का अंगूठा कुत्ते ने चबा लिया था। इसी कुत्ते ने पहले भी कई लोगों को काटा था। सेक्टर-1 में अप्रैल माह में रात के समय जाते वक्त कुत्तों के झुंड ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था।
नगर परिषद रेवाड़ी की ओर से स्नेह एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से रेवाड़ी क्षेत्र में कुत्तों का टीकाकरण व बधियाकरण का कार्य शुरू किया गया है। लोग कार्यालय व एजेंसी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते है। -सुशील कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद