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Rohtak News: डाकघर के चोर दरवाजे से सिस्टम मैनेजर ही डालता था खातों में डाका
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चौकीदार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी के आगे मास्टरमाइंड की खोली पोल
संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। लाखों रुपये के डाक घोटाले को इनका ही सिस्टम मैनेजर चोर दरवाजे से खातों में डाका डाल रहा था। तीन सदस्यीय जांच कमेटी को चौकीदार ने यही बताया है। कहा है, इस मास्टर माइंड को सहायक डाक अधीक्षक राजाराम ने रहने के लिए अपना सरकारी आवास दे रखा था।
विभाग के आईटी सेल के इंस्पेक्टर मोहित बंसल की अगुवाई में झज्जर निरीक्षक मिलन व रोहतक निरीक्षक पुनीत की टीम प्रकरण की तहकीकात में लगी है। कमेटी देख रही है कि बंद डाक खातों से किन-किन खातों में राशि भेजी गई। बंद खातों का असली मालिक भी पता लगाया जा रहा है।
कमेटी ने चौकीदार समेत कई कर्मचारियों से पूछताछ कर बयान भी दर्ज किए हैं। डाक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, सारा खेल सहायक डाक अधीक्षक राजाराम के अंग्रेजों के जमाने वाले सरकारी आवास से चल रहा था। उन्होंने यह घर सिस्टम मैनेजर मुकुल को दे रखा था।
इस मकान का एक दरवाजा दफ्तर और दूसरा आवास में खुलता था। मुकुल ने इसी का फायदा उठाया। दफ्तर के सारे साथियों के चले जाने के बाद वह रात को यहां आता और घंटों तक बंद खातों की हेराफेरी में लगा रहता था।
सूत्रों के मुताबिक, मुकुल ने सहायक डाक अधीक्षक राजाराम से कई लाख रुपये उधार ले रखे थे। लौटाने का दबाव डालने पर उसने कई बार खातों में रकम ट्रांसफर की। आशंका है कि बंद खातेदारों के पैसे ही उसने इन्हें ट्रांसफर किए हैं। कमेटी का कहना है कि जल्दी ही जांच रिपोर्ट दे देंगे।
बंद खातों से राशि निकालने के मामले की जांच की जा रही है। कमेटी ने कई लोगों के बयान भीस लिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- दिनेश कुमार, अधीक्षक, डाक मंडल
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रोहतक। लाखों रुपये के डाक घोटाले को इनका ही सिस्टम मैनेजर चोर दरवाजे से खातों में डाका डाल रहा था। तीन सदस्यीय जांच कमेटी को चौकीदार ने यही बताया है। कहा है, इस मास्टर माइंड को सहायक डाक अधीक्षक राजाराम ने रहने के लिए अपना सरकारी आवास दे रखा था।
विभाग के आईटी सेल के इंस्पेक्टर मोहित बंसल की अगुवाई में झज्जर निरीक्षक मिलन व रोहतक निरीक्षक पुनीत की टीम प्रकरण की तहकीकात में लगी है। कमेटी देख रही है कि बंद डाक खातों से किन-किन खातों में राशि भेजी गई। बंद खातों का असली मालिक भी पता लगाया जा रहा है।
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कमेटी ने चौकीदार समेत कई कर्मचारियों से पूछताछ कर बयान भी दर्ज किए हैं। डाक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, सारा खेल सहायक डाक अधीक्षक राजाराम के अंग्रेजों के जमाने वाले सरकारी आवास से चल रहा था। उन्होंने यह घर सिस्टम मैनेजर मुकुल को दे रखा था।
इस मकान का एक दरवाजा दफ्तर और दूसरा आवास में खुलता था। मुकुल ने इसी का फायदा उठाया। दफ्तर के सारे साथियों के चले जाने के बाद वह रात को यहां आता और घंटों तक बंद खातों की हेराफेरी में लगा रहता था।
सूत्रों के मुताबिक, मुकुल ने सहायक डाक अधीक्षक राजाराम से कई लाख रुपये उधार ले रखे थे। लौटाने का दबाव डालने पर उसने कई बार खातों में रकम ट्रांसफर की। आशंका है कि बंद खातेदारों के पैसे ही उसने इन्हें ट्रांसफर किए हैं। कमेटी का कहना है कि जल्दी ही जांच रिपोर्ट दे देंगे।
बंद खातों से राशि निकालने के मामले की जांच की जा रही है। कमेटी ने कई लोगों के बयान भीस लिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- दिनेश कुमार, अधीक्षक, डाक मंडल