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Yamuna Nagar News: नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर से 11 लाख रुपये और आभूषण लूटे
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:24 AM IST
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पक्का घाट मंदिर में स्थानीय लोगो से बात करते एसपी कमलदीप गोयल। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
रादौर। शहर के श्री दंडी स्वामी आश्रम स्थित नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में शुक्रवार देर रात हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुसते हुए आश्रम संचालक दंडी स्वामी महेशाश्रम जी महाराज के शिष्य आशाराम (50) को बेरहमी से पीटा और बंधक बनाकर 11 लाख रुपये व सोने-चांदी के गहने लूट लिए। इस वारदात में मंदिर को करीब 20 से 22 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
सूचना मिलने पर थाना रादौर प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। बाद में जिला पुलिस अधीक्षक कमलजीत गोयल भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बातचीत कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मामले की जांच के लिए सीएफएल टीम ने मौके से फिंगर प्रिंट जुटाए, वहीं सीआईए टीम सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश में जुट गई। रादौर थाना पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
जिस वक्त बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया उस दौरान मंदिर के महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम महाराज उस समय जगाधरी में कथा करने गए हुए थे। मंदिर परिसर में केवल उनके शिष्य आशाराम ही मौजूद थे, जो मंदिर से सटे कमरे में सो रहे थे। रात करीब 11 बजे उन्हें मंदिर परिसर से कुछ आवाजें सुनाई दीं।
जब वह बाहर निकले तो एक अज्ञात व्यक्ति ने लोहे की रॉड से उन पर हमला कर दिया। हमले में आशाराम गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें कपड़े से बांधकर कमरे में बंद कर दिया और लूटपाट को अंजाम दिया।
बदमाशों ने मंदिर के ऊपर बने महंत के कमरे व अलमारी के ताले तोड़कर लगभग 11 लाख रुपये नकद, सोने की नौ अंगूठियां, चार तोले की सोने की चेन, चांदी के पांच गिलास, चांदी के दो लोटे समेत अन्य कीमती सामान लूट लिया। इसके अलावा मंदिर के दानपात्र को भी तोड़कर हजारों रुपये की दानराशि लूटकर ले गए।
सुबह मंदिर के पास से गुजर रहे लोगों की नजर जब बंधे हुए शिष्य पर पड़ी तो उन्होंने शोर मचाया। स्थानीय लोगों ने आशाराम की रस्सियां खोलकर उन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। मंदिर के महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम महाराज ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी मंदिर में पांच बार चोरी व हमले की घटनाएं हो चुकी हैं।
करीब दो वर्ष पहले उनके एक अन्य शिष्य पप्पू पांडे पर भी हमला हुआ था, लेकिन आज तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं लगा। महंत ने बताया कि वह कई बार प्रशासन और सरकार से सुरक्षा की मांग कर चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुरक्षा नहीं मिली तो उन्हें रादौर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सात घंटे तक बंधक बने रहे घायल शिष्य
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। श्री दंडी स्वामी आश्रम, नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में हुई लूट की वारदात एक शिष्य के लिए मौत से आमने-सामने संघर्ष की कहानी भी है। शुक्रवार रात बदमाशों के हमले के बाद शिष्य आशाराम करीब सात घंटे तक बंधक बने रहे और हर पल अपनी जान बचने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते रहे।
घटना की रात करीब 11 बजे मंदिर परिसर में हल्की आहट सुनकर आशाराम अपने कमरे से बाहर निकले। उन्हें अंदेशा भी नहीं था कि यह आवाजें उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा बन जाएंगी। जैसे ही वह बाहर पहुंचे, अंधेरे में खड़े एक बदमाश ने उनके सिर पर सरिए से जोरदार वार कर दिया। अचानक हुए हमले से आशाराम वहीं गिर पड़े और कुछ देर के लिए बेसुध हो गए।
आशाराम ने बताया कि जब कुछ होश आया तो बदमाश उसे घसीटते हुए अंदर कमरे तक ले गए। खून से लथपथ हालत में उसे कपड़े के परने से हाथ-पैर बांधकर एक कोने में डाल दिया गया। इसके बाद बदमाश मंदिर और आश्रम के कमरों में बेखौफ होकर ताले तोड़ते रहे। भीतर से टूटते तालों की आवाजें, अलमारियों के गिरने की धमक और कदमों की आहट उसके लिए डरावनी साबित हो रही थीं।
बंधे होने के कारण वह न तो मदद के लिए आवाज लगा सकते थे और न ही खुद को छुड़ा सकते थे। आशाराम का कहना है कि उन्हें हर पल यही लग रहा था कि कहीं बदमाश उसकी हत्या न कर दें। इस भय के बीच उसने आंखें बंद कर ईश्वर का नाम लेना शुरू कर दिया। करीब सात घंटे तक वह कभी होश में, कभी अर्धबेहोशी की हालत में पड़ा रहा और लगातार प्रार्थना करते हे कि उनकी जान बच जाए।
सुबह करीब छह बजे ठंड लगने के कारण उसकी आंख खुली। तब तक मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ था और बदमाश जा चुके थे। खुद को बंधा देख उन्होंने बची-खुची ताकत जुटाकर आवाज लगाई। मंदिर के बाहर से गुजर रहे कुछ लोगों ने उसकी आवाज सुनी और भीतर पहुंचकर रस्सियां खोलीं।
जब होश आया और उसने आसपास देखा तो मंदिर में सबकुछ लुटा हुआ मिला। अलमारियां खुली पड़ी थीं, ताले टूटे थे और दानपात्र भी खाली था। उस पल उसे एहसास हुआ कि उसने ईश्वर की कृपा से अपनी जान तो बचा ली, लेकिन यह रात उसके जीवन की सबसे डरावनी रात बन चुकी थी।
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रादौर। शहर के श्री दंडी स्वामी आश्रम स्थित नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में शुक्रवार देर रात हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुसते हुए आश्रम संचालक दंडी स्वामी महेशाश्रम जी महाराज के शिष्य आशाराम (50) को बेरहमी से पीटा और बंधक बनाकर 11 लाख रुपये व सोने-चांदी के गहने लूट लिए। इस वारदात में मंदिर को करीब 20 से 22 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
सूचना मिलने पर थाना रादौर प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। बाद में जिला पुलिस अधीक्षक कमलजीत गोयल भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बातचीत कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मामले की जांच के लिए सीएफएल टीम ने मौके से फिंगर प्रिंट जुटाए, वहीं सीआईए टीम सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश में जुट गई। रादौर थाना पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
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जिस वक्त बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया उस दौरान मंदिर के महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम महाराज उस समय जगाधरी में कथा करने गए हुए थे। मंदिर परिसर में केवल उनके शिष्य आशाराम ही मौजूद थे, जो मंदिर से सटे कमरे में सो रहे थे। रात करीब 11 बजे उन्हें मंदिर परिसर से कुछ आवाजें सुनाई दीं।
जब वह बाहर निकले तो एक अज्ञात व्यक्ति ने लोहे की रॉड से उन पर हमला कर दिया। हमले में आशाराम गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें कपड़े से बांधकर कमरे में बंद कर दिया और लूटपाट को अंजाम दिया।
बदमाशों ने मंदिर के ऊपर बने महंत के कमरे व अलमारी के ताले तोड़कर लगभग 11 लाख रुपये नकद, सोने की नौ अंगूठियां, चार तोले की सोने की चेन, चांदी के पांच गिलास, चांदी के दो लोटे समेत अन्य कीमती सामान लूट लिया। इसके अलावा मंदिर के दानपात्र को भी तोड़कर हजारों रुपये की दानराशि लूटकर ले गए।
सुबह मंदिर के पास से गुजर रहे लोगों की नजर जब बंधे हुए शिष्य पर पड़ी तो उन्होंने शोर मचाया। स्थानीय लोगों ने आशाराम की रस्सियां खोलकर उन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। मंदिर के महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम महाराज ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी मंदिर में पांच बार चोरी व हमले की घटनाएं हो चुकी हैं।
करीब दो वर्ष पहले उनके एक अन्य शिष्य पप्पू पांडे पर भी हमला हुआ था, लेकिन आज तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं लगा। महंत ने बताया कि वह कई बार प्रशासन और सरकार से सुरक्षा की मांग कर चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुरक्षा नहीं मिली तो उन्हें रादौर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सात घंटे तक बंधक बने रहे घायल शिष्य
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। श्री दंडी स्वामी आश्रम, नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में हुई लूट की वारदात एक शिष्य के लिए मौत से आमने-सामने संघर्ष की कहानी भी है। शुक्रवार रात बदमाशों के हमले के बाद शिष्य आशाराम करीब सात घंटे तक बंधक बने रहे और हर पल अपनी जान बचने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते रहे।
घटना की रात करीब 11 बजे मंदिर परिसर में हल्की आहट सुनकर आशाराम अपने कमरे से बाहर निकले। उन्हें अंदेशा भी नहीं था कि यह आवाजें उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा बन जाएंगी। जैसे ही वह बाहर पहुंचे, अंधेरे में खड़े एक बदमाश ने उनके सिर पर सरिए से जोरदार वार कर दिया। अचानक हुए हमले से आशाराम वहीं गिर पड़े और कुछ देर के लिए बेसुध हो गए।
आशाराम ने बताया कि जब कुछ होश आया तो बदमाश उसे घसीटते हुए अंदर कमरे तक ले गए। खून से लथपथ हालत में उसे कपड़े के परने से हाथ-पैर बांधकर एक कोने में डाल दिया गया। इसके बाद बदमाश मंदिर और आश्रम के कमरों में बेखौफ होकर ताले तोड़ते रहे। भीतर से टूटते तालों की आवाजें, अलमारियों के गिरने की धमक और कदमों की आहट उसके लिए डरावनी साबित हो रही थीं।
बंधे होने के कारण वह न तो मदद के लिए आवाज लगा सकते थे और न ही खुद को छुड़ा सकते थे। आशाराम का कहना है कि उन्हें हर पल यही लग रहा था कि कहीं बदमाश उसकी हत्या न कर दें। इस भय के बीच उसने आंखें बंद कर ईश्वर का नाम लेना शुरू कर दिया। करीब सात घंटे तक वह कभी होश में, कभी अर्धबेहोशी की हालत में पड़ा रहा और लगातार प्रार्थना करते हे कि उनकी जान बच जाए।
सुबह करीब छह बजे ठंड लगने के कारण उसकी आंख खुली। तब तक मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ था और बदमाश जा चुके थे। खुद को बंधा देख उन्होंने बची-खुची ताकत जुटाकर आवाज लगाई। मंदिर के बाहर से गुजर रहे कुछ लोगों ने उसकी आवाज सुनी और भीतर पहुंचकर रस्सियां खोलीं।
जब होश आया और उसने आसपास देखा तो मंदिर में सबकुछ लुटा हुआ मिला। अलमारियां खुली पड़ी थीं, ताले टूटे थे और दानपात्र भी खाली था। उस पल उसे एहसास हुआ कि उसने ईश्वर की कृपा से अपनी जान तो बचा ली, लेकिन यह रात उसके जीवन की सबसे डरावनी रात बन चुकी थी।

पक्का घाट मंदिर में स्थानीय लोगो से बात करते एसपी कमलदीप गोयल। संवाद

पक्का घाट मंदिर में स्थानीय लोगो से बात करते एसपी कमलदीप गोयल। संवाद