उमा हत्याकांड में नया खुलासा: बिलाल ने मीट वाले छुरे से काटा गला, फिर किया ये काम... होटल वाली साजिश आई सामने
सोमवार को दूसरे दिन के पुलिस रिमांड में बिलाल ने ये सारे खुलासे किए। अब पुलिस आरोपी बिलाल की निशानदेही पर उस हथियार को बरामद करने की कोशिश कर रही है, जिससे उसने उमा की गला रेतकर हत्या की थी।
विस्तार
हत्यारोपी बिलाल ने अपनी प्रेमिका उमा का मीट काटने वाले छुरे से उसका गला काटा था। वह किसी भी सूरत में उमा से पीछा छुड़वाना चाहता था। इसकी साजिशा उसने पहले ही बना ली थी, क्योंकि 14 दिसंबर को उसका निकाह होना था। यही नहीं वह उमा को सहारनपुर से हिमाचल के पांवटा साहिब कार में लेकर आया। यहां उसकी योजना होटल में कमरा लेकर उसे मौत के घाट उतारने की थी।
शनिवार को छुट्टी का दिन होने के चलते पर्यटकों की संख्या अधिक थी, इसलिए उसे यहां कमरा नहीं मिल पाया। आरोपी बिलाल ने यह सारे खुलासे सोमवार को दूसरे दिन के पुलिस रिमांड में किए। अब पुलिस आरोपी बिलाल की निशादेशी पह वह हथियार बरामद करेगी, जिससे उसने उमा का सिर काटा था।
आरोपी बिलाल ने हत्या करने के बाद घर पहुंचकर सबसे पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया। इससे उसके मोबाइल में उमा की फोटो और कॉन्टैक्ट नंबर सब डिलीट हो गए। पुलिस ने मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया है, ताकि डेटा रिकवर किया जा सके। आधी रात के बाद बिलाल सो गया और सुबह घरवालों से कहा-अब निकाह की तैयारियों में रहूंगा। इस दौरान उसने खरीदारी भी की।
पति से झगड़े के बाद दो साल से अकेली रह रही थी उमा
30 साल की उमा 8 साल के बेटे की मां है। दो साल पहले तक पति के साथ सहारनपुर के रमजानपुरा में रहती थी। पति से विवाद हुआ तो अकेले ही गंगोत्री कॉलोनी में रहने लगी। बेटा पिता के साथ रहता है, जो कभी-कभार मिलने आता था। करीब दो साल पहले उमा टैक्सी ड्राइवर बिलाल के संपर्क में आई। दोनों लिव इन रिलेशन में रहने लगे। उमा का खर्च बिलाल ही उठाता था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कहा कि इस रिश्ते के बारे में उसके परिजनों को नहीं पता था। पुलिस जांच में सामने आया कि उमा का पति हाथ से दिव्यांग है और पेंटर का काम करता है। पत्नी के चरित्र को लेकर दोनों में विवाद हुआ था। बताया जा रहा है कि उमा पहले भी किसी के साथ रिलेशनशिप में रही। रिश्ता लंबा नहीं चला और उसके बाद बिलाल के संपर्क में आई।
पिता बोले- 13 साल पहले हमारे लिए मर गई थी उमा
पुलिस ने कलेसर जंगल के लाल ढांग से रविवार को उमा का कटा सिर बरामद करने के बाद सोमवार को उसका पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान मृतका उमा के परिजनों की तरफ से पिता पवन, उसका भाई, पड़ोसी तथा रिश्तेदार पहुंचे थे।
मृतका उमा के सिर का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों सौंप दिया गया है। आरोपी ने मीट काटने वाले छुरे से हत्या की थी। वह हथियार अभी बरामद करना है। कल निशानदेही के लिए आरोपी को दोबारा लेकर जाएंगे। -राकेश कुमार, इंचार्ज, सीआईए टू।
यह है मामला
देहात कोतवाली क्षेत्र के हलालपुर गांव निवासी उमा की 6 दिसंबर को यमुनानगर में कलेसर जंगल के पास गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप उसके प्रेमी टिडोली निवासी बिलाल पर है। उमा शादी के लिए जिद कर रही थी। इसलिए उसकी हत्या की गई थी। यमुनानगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर रविवार को पूरे मामले का खुलासा किया था। शुक्रवार को लावारिस में उमा का अंतिम संस्कार पुलिस ने करा दिया था, जिसकी गर्दन रविवार शाम को बरामद की गई थी।
उमा के भाई ने किए ये खुलासे
सोमवार सुबह उमा का भाई टिंकू कुमार अन्य परिजनों के साथ यमुनानगर पहुंचा। इस दौरान मीडिया के साथ बातचीत करते हुए टिंकू ने बताया कि करीब 13 साल पहले शादी वाले दिन उमा पड़ोस में रहने वाले दिव्यांग जोनी के साथ चली गई थी। तब हमारी बहुत बेइज्जती हुई थी। उसी समय उमा से रिश्ता तोड़ दिया था। वो कहां रहती थी, किससे बात करती थी और किसके साथ रहती थी हमें पता नहीं।
टिंकू ने बताया कि उसकी हत्या का पता भी तब चला, जब यमुनानगर पुलिस उनके घर पर पहुंची। जिस मुस्लिम युवक ने हत्या की, हम उसे नहीं जानते। उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यहां तक कि पूर्व पति पर भी कार्रवाई की मांग की।
परिजनों ने सिर का किया अंतिम संस्कार
आरोप लगाया कि क्या पता उसने ही मुस्लिम युवक को बेच दी हो। टिंकू ने बताया कि जिस दिन उमा घर से गई, उसी दिन उनके लिए खत्म हो गई थी, लेकिन अब इंसानियत के नाते उसके सिर का अंतिम संस्कार किया।
पड़ोसियों ने बताया तो बिलाल तक पहुंची पुलिस
पड़ोसियों ने बताया कि छह दिसंबर को बिलाल कार लेकर आया था। उस समय उमा खुश थी। उमा ने दूसरे किराएदारों को बताया था कि बिलाल उससे शादी करेगा और वह बिलाल के साथ जा रही है। इसके बाद से वह नहीं लौटी।
शनिवार को यमुनानगर पुलिस कॉलोनी में पहुंची और मकान मालिक बबीता से पूरी जानकारी ली। घटनास्थल के आसपास देखी गई सहारनपुर नंबर की एक कार को ट्रेस करके पुलिस ने कड़ियां जोड़ीं और बिलाल तक पहुंची।
दो दिन पहले ही हुआ अंतिम संस्कार
छह दिन तक उमा के शव की शिनाख्त नहीं होने पर शुक्रवार को उसके सेवा समिति के माध्यम से उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।