{"_id":"65a8abbf1b992a183b090c96","slug":"now-women-will-take-command-to-save-the-falling-groundwater-in-yamunanagar-2024-01-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"Yamunanagar: गिरते भूजल को बचाने के लिए अब महिलाएं संभालेंगी कमान, गांव-गांव जाकर चलाएगी जागरूग अभियान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Yamunanagar: गिरते भूजल को बचाने के लिए अब महिलाएं संभालेंगी कमान, गांव-गांव जाकर चलाएगी जागरूग अभियान
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुनानगर (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Thu, 18 Jan 2024 10:10 AM IST
सार
अटल भूजल योजना के अंतर्गत सभी ब्लॉकों में अटल भूजल सहेली प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। कार्यशाला के माध्यम से अटल भूजल सहेलियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और अटल भूजल योजना के लक्ष्यों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
विस्तार
यमुनानगर के 251 गांवों में गिरते भूजल को बचाने के लिए अब महिलाएं कमान संभालेंगी। योजना के तहत अब हर गांव में एक अटल भूजल सहेली महिला को एंबेसडर बनाया जाएगा। भूजल सहेली बनाकर उस महिला को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Trending Videos
इसी कड़ी में 18 जनवरी को खंड जगाधरी के गांव खजूरी में इस अभियान की शुरूआत हो जाएगी। जगाधरी ब्लॉक की 69 महिलाएं इस कार्यक्रम में भाग लेगी। जिन्हें अटल भूजल सहेलियां योजना के अंतर्गत लगाए गए वाटर फ्लो मीटर, रेन गेज और और पानी के जलस्तर को मापने का विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसके बाद महिला अपने-अपने गांव में इसके बारे में जागरूक अभियान चलाएंगी। वहीं इसी तरह खंड रादौर 19 तारीख को और 22 तारीख को खंड सरस्वती नगर और 23 तारीख को खंड साढौरा में इसका आयोजन किया जाएगा। नवंबर-दिसंबर माह में भूजल सुधार के लिए 100 से अधिक पंचायतों में जागरूक बैठकें कराई जा चुकी हैं।
ब्लॉक जगाधरी, रादौर, सरस्वती नगर और साढौरा डार्क जोन घोषित हैं। यहां पानी का स्तर नीचे जाने की बड़ी वजह धान की खेती है। भूजल स्तर में गिरावट को रोकने के उद्देश्य से ही सिंचाई विभाग अटल भूजल योजना के तहत मुफ्त में किसानों को बाजरे का बायो 448 बीज अभी तक 295 किसानों को 492 एकड़ के लिए 738 किलोग्राम बाजरा बांट चुका है।
विभाग की तरफ से विभिन्न गांवों में 110 पीजो मीटर भी लगाए जा चुके हैं। दरअसल, पीजो मीटर एक भू-तकनीकी सेंसर है, जिसका उपयोग जमीन में छिद्र जल दबाव (पीजोमेट्रिक स्तर) को मापने के लिए किया जाता है। यह मिट्टी, चट्टान भराव, नींव और कंक्रीट संरचनाओं में छिद्र जल दबाव को मापने के लिए डिजाइन किया गया है।
प्रदेश की 1656 पंचायतें डार्क जोन में
वहीं विभागीय आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 14 जिलों के 36 ब्लॉकों की 1656 पंचायतें डार्क जोन में है। इन गांवों में लगातार हर साल डेढ़ से दो फीट भूजल का स्तर नीचे खिसक रहा है। यमुनानगर के ब्लॉक जगाधरी, सरस्वतीनगर, साढौरा के 251 गांवों में खराब स्थिति है। ट्यूबवेलों भी जवाब देने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार साल 2002 में 40 फीट, 2022 में 87, 2047 में 146 और 2100 में 271 फीट भूजल गहराई की स्थिति की स्थिति बन सकती है।
अटल भूजल योजना के अंतर्गत सभी ब्लॉकों में अटल भूजल सहेली प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। कार्यशाला के माध्यम से अटल भूजल सहेलियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और अटल भूजल योजना के लक्ष्यों के बारे में जागरूक किया जाएगा। यह कार्यक्रम 18 जनवरी को खंड जगाधरी के गांव खजूरी में किया जा रहा है। - भूपेंद्र सिंह, आईईसी विशेषज्ञ अटल भूजल योजना, सिंचाई विभाग।