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Yamuna Nagar News: लकड़ी मंडियों में आवक सामान्य होने के बावजूद घटे पॉपुलर के दाम

संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर Updated Wed, 12 Nov 2025 12:57 AM IST
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Prices of poplar have fallen despite normal arrivals in timber markets
मानकपुर मंडी के बाहर खड़ी पॉपुलर की लकड़ी से भरी ट्रॉलियां। संवाद - फोटो : जिला अस्पताल में मंगलवार को दवा के लिए लगी लाइन।
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संवाद न्यूज एजेंसी
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यमुनानगर। जब कोई वस्तु जरूरत से ज्यादा हो जाए अक्सर तभी उसकी कीमतों में कमी आती है। परंतु मानकपुर व मंडौली की लकड़ी मंडियों में उल्टा हो रहा है। दोनों मंडियों में पहले की तरह ही लकड़ी की आवक हो रही है। न आवक कम है और न ही ज्यादा। बावजूद इसके मंडियों में लकड़ी की कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक कमी आ गई है। इसके किसानों को प्रति ट्राली 50 हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा है।
मानसून सीजन से पहले पॉपुलर की लकड़ी की कीमत 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक चली गई थी। इसके बाद इसमें 50 से 100 रुपये की कमी आई। अब कीमतें 300 रुपये तक गिर गई हैं। पॉपुलर की जो वैरायटी 1700 से 1750 रुपये प्रति क्विंटल थी वहां अब 1450 रुपये बिक रहा है। इसी तरह जो वैरायटी 1400 रुपये थी वह अब 1150 से 1200 रुपये पर बिक रहा है।
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प्लाईवुड फैक्टरी संचालकों का तर्क है कि कई इकाइयों के बंद होने और कुछ के पलायन करने की वजह से लकड़ी की मांग काफी घट गई है। वहीं आढ़तियों व किसानों का आरोप है कि फैक्टरी संचालकों की मनमानी से लकड़ी के रेट में कमी आई है। फैक्टरी संचालक मिलकर तय करते हैं कि अगले दिन मंडी में लकड़ी किस भाव पर खरीदी जाएगी। सस्ती दर पर लकड़ी खरीदने से प्लाई तैयार करने की लागत कम आती है।
जिले में दो लकड़ी मंडियां हैं। इनमें एक मंडी सहारनपुर मार्ग स्थित मंडौली गांव में तथा दूसरी जगाधरी में छछरौली हाईवे किनारे मानकपुर में है। केवल मंडौली में मंडी में ही रोजाना लकड़ी की 400 से 450 ट्राली आ रही हैं। जिले में प्लाईवुड की 300 फैक्टरियां हैं। इसके अलावा करीब 400 पिलिंग यूनिट व सॉ मिल हैं। फैक्टरियों में रोजाना 7000 क्यूबिक मीटर प्लाई का उत्पादन होता है।
सरकार तय करे लकड़ी का रेट : संजू गुंदियाना
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान संजू गुंदियाना का कहना है कि जिस तरह से धान, गेहूं समेत अन्य फसलों का एमएसपी सरकार निर्धारित करती है उसी तरह पॉपुलर व सफेदा की लकड़ी का भाव भी सरकार को ही तय करना चाहिए। 300 रुपये तक रेट कम होने से किसान को 150 क्विंटल लकड़ी पर 50 हजार रुपये तक का नुकसान है। फैक्ट्री संचालक जानबूझ कर रेट कम करते हैं ताकि वह ज्यादा मुनाफा कमा सके। काफी समय से मांग की जा रही है कि सरकार सफेदा व पॉपुलर की लकड़ी का एमएसपी निर्धारित करे।
किसान अब बहुत ज्यादा पॉपुलर व सफेदा लगा रहे हैं। जो पेड़ तीन साल पहले लगाए गए थे, वह अब तैयार हो गए हैं। इससे मंडियों में आवक ज्यादा हो रही है। फैक्टरी संचालकों को यदि रेट कम करने हैं तो वह 1700 से 1800 तक महंगी दर पर लकड़ी क्यों खरीदेंगे। - जेके बिहानी, अध्यक्ष, हरियाणा प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन।
मंडियों में लकड़ी की आवक पहले जितनी ही है। फिर भी पॉपुलर की कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई है। फिलहाल दाम बढ़ने की संभावना भी कम ही लग रही है। - बलदेव पंवार, प्रधान, टिंबर आढ़ती संगठन यमुनानगर।
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