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Yamuna Nagar News: 75 करोड़ के धान घोटाले का आरोपी राइस मिलर गिरफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Wed, 03 Dec 2025 01:37 AM IST
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आरोपी संदीप सिंगला। आर्काइव
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संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। प्रतापनगर, छछरौली व रणजीतपुर की सात राइस मिलों में करीब 75 करोड़ रुपये के धान का घोटाला करने के आरोपी राइस मिलर संदीप सिंगला मंगलवार को गिरफ्तार हो गया। एसआईटी ने संदीप सिंगला को राजस्थान से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उन्हें छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने संदीप सिंगला से पूछताछ शुरू कर दी है।
मांडखेड़ी रोड निवासी संदीप सिंगला की गिरफ्तारी के बाद धान घोटाले की परतें जल्दी खुलने की उम्मीद जग गई है। फरार होने के बाद से वह राजस्थान में ही छिपा छा। एसआईटी बनने के बाद से उनकी गिरफ्तारी जल्द होने की उम्मीद जगी थी। पुलिस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि संदीप सिंगला राजस्थान में देखा गया है। इस पर सोमवार को ही राजस्थान में पहुंच गई थी। वहां से गिरफ्तार करके उन्हें यमुनानगर लाया गया।
कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे व्यासपुर न्यायालय में पेश किया। 13 नवंबर को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक अंशज कुमार ने टीम के साथ उनकी चार राइस मिलों में जाकर जांच की थी। जिसमें उसकी राइस मिलों में धान का स्टॉक कम मिला था। इसके बाद छछरौली व रणजीतपुर की मिलों में भी जांच की गई तो वहां भी स्टॉक नहीं मिला था। उसी दिन संदीप सिंगला व उनकी पत्नी रितिका सिंगला पर थाना प्रतापनगर व थाना व्यासपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच के लिए एसपी कमलदीप गोयल ने डीएसपी रजत गुलिया के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
संदीप सिंगला को गिरफ्तार करके कोर्ट से छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जाएगी कि धान का गबन कैसे किया गया। रिमांड में जिसके भी नाम सामने आते रहेंगे उनसे भी पूछताछ की जाएगी। - डीएसपी रजत गुलिया, एसआईटी इंचार्ज।
संदीप सिंगला की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। जिला के इतिहास में हुए अब तक के सबसे बड़े धान घोटाले से बहुत जल्द न केवल कई परतें उठेंगी, बल्कि कई चौकाने वाले खुलासे भी हो सकते हैं। अभी तक सबसे बड़ा सवाल तो यही है करोड़ों रुपये का धान घोटाला आखिरकार हुआ कैसे? मंडियों से धान उठाकर उनकी राइस मिलों में गया भी या फिर फर्जी गेट पास काटे गए। राइस मिलस संदीप सिंगल की गिरफ्तारी मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी की बड़ी कामयाबी है।
वहीं इस गिरफ्तारी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला कार्यालय के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। वह इसलिए कि यदि धान की फर्जी खरीद और गेट पास काटने जैसा खुलासा हुआ तो विभाग के इंस्पेक्टरों से लेकर कई बड़े अधिकारी बहुत जल्द ही सलाखों के पीछे देखने को मिल सकते हैं।
इस सीजन में धान खरीद का सीजन बहुत विवादों में रहा। प्राकृतिक आपदा व धान के पौधों में बौनेपन की शिकायत आने के बाद धान के कम उत्पादन की संभावना जताई जा रही थी। कृषि विभाग के उपनिदेशक ने तो इस बार 20 प्रतिशत उत्पादन कम होने की बात कही थी। परंतु खरीद सीजन जैसे-जैसे समाप्ति की तरफ बढ़ा तो मंडियों में खरीद के रिकॉर्ड टूटते चले गए।
इस साल मंडियों में 6,75,384.2 मीट्रिक टन धान खरीदा गया जो कि पिछले साल से 66,218 मीट्रिक टन ज्यादा रहा। गत वर्ष मंडियों में 6,09,166 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। जिस एरिया की राइस मिलों में धान का गबन उजागर हुआ वहां छछरौली अनाज मंडी में 83361 मीट्रिक टन, प्रतापनगर मंडी में 126049 मीट्रिक टन व रणजीतपुर अनाज मंडी में 52170 मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
पुलिस अब रिमांड अवधि के दौरान यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि गबन किए गए धान को कहां बेचा गया, इसमें और कौन-कौन शामिल थे। धन का लेन देन किन माध्यमों से हुआ। यह भी संभावना है कि धान की खरीद केवल कागजों में ही दिखाई गई। इसके बाद फर्जी गेट पास काट गए। अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि एक बार खरीदे गए धान को राइस मिलों में पहुंचा कर बार-बार मंडियों में बेचा गया। ऐसा करके सरकार से भी धान की कीमत ली गई। इस एंगल से भी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरोपी की प्रतापनगर में चार, रणजीतपुर में दो व छछरौली में एक राइस मिल है। कुल मिलाकर सभी सातों राइस मिलों में 75 करोड़ रुपये का धान घोटाला होने की बात कही जा रही है। इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। राइस मिलों में धान घोटाला सामने आने के बाद अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। खासकर फूड इंस्पेक्टरों की नींद उड़ी हुई है जिनकी ड्यूटी खरीद के दौरान अनाज मंडियों में लगी हुई थी।
संदीप सिंगला बाला जी व बांके बिहारी का भक्त है। उसकी ज्यादातर राइस मिल भी भगवान के नाम पर ही रजिस्टर्ड हैं। इसलिए संदीप सिंगला के छिपने के लिए इससे अच्छी जगह कोई दूसरी हो ही नहीं सकती थी। संदीप सिंगला परिवार के साथ अक्सर राजस्थान जाता रहता है। इसलिए राजस्थान में स्थानीय लोगों से उनकी अच्छी जान पहचान थी। इसलिए वह राजस्थान में छिपा था। अब पुलिस संदीप सिंगला की पत्नी को भी जल्द गिरफ्तार कर सकती है, क्योंकि वह सभी सातों राइस मिलों में पार्टनर है।
संदीप सिंगला राजस्थान में छिपा था। गुप्त सूचना के आधार पर से वहां से गिरफ्तार कर लिया गया। इस गबन की सभी कड़ियों काे आपस में मिलाया जाएगा। जिस भी कर्मचारी, अधिकारी का नाम जिस स्तर पर सामने आएगा उनसे पूछताछ की जाएगी। बहुत जल्द ही सारा मामला साफ हो जाएगा। - राजकुमार, इंचार्ज सीआईए-वन, यमुनानगर।
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यमुनानगर। प्रतापनगर, छछरौली व रणजीतपुर की सात राइस मिलों में करीब 75 करोड़ रुपये के धान का घोटाला करने के आरोपी राइस मिलर संदीप सिंगला मंगलवार को गिरफ्तार हो गया। एसआईटी ने संदीप सिंगला को राजस्थान से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उन्हें छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने संदीप सिंगला से पूछताछ शुरू कर दी है।
मांडखेड़ी रोड निवासी संदीप सिंगला की गिरफ्तारी के बाद धान घोटाले की परतें जल्दी खुलने की उम्मीद जग गई है। फरार होने के बाद से वह राजस्थान में ही छिपा छा। एसआईटी बनने के बाद से उनकी गिरफ्तारी जल्द होने की उम्मीद जगी थी। पुलिस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि संदीप सिंगला राजस्थान में देखा गया है। इस पर सोमवार को ही राजस्थान में पहुंच गई थी। वहां से गिरफ्तार करके उन्हें यमुनानगर लाया गया।
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कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे व्यासपुर न्यायालय में पेश किया। 13 नवंबर को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक अंशज कुमार ने टीम के साथ उनकी चार राइस मिलों में जाकर जांच की थी। जिसमें उसकी राइस मिलों में धान का स्टॉक कम मिला था। इसके बाद छछरौली व रणजीतपुर की मिलों में भी जांच की गई तो वहां भी स्टॉक नहीं मिला था। उसी दिन संदीप सिंगला व उनकी पत्नी रितिका सिंगला पर थाना प्रतापनगर व थाना व्यासपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच के लिए एसपी कमलदीप गोयल ने डीएसपी रजत गुलिया के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
संदीप सिंगला को गिरफ्तार करके कोर्ट से छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जाएगी कि धान का गबन कैसे किया गया। रिमांड में जिसके भी नाम सामने आते रहेंगे उनसे भी पूछताछ की जाएगी। - डीएसपी रजत गुलिया, एसआईटी इंचार्ज।
संदीप सिंगला की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। जिला के इतिहास में हुए अब तक के सबसे बड़े धान घोटाले से बहुत जल्द न केवल कई परतें उठेंगी, बल्कि कई चौकाने वाले खुलासे भी हो सकते हैं। अभी तक सबसे बड़ा सवाल तो यही है करोड़ों रुपये का धान घोटाला आखिरकार हुआ कैसे? मंडियों से धान उठाकर उनकी राइस मिलों में गया भी या फिर फर्जी गेट पास काटे गए। राइस मिलस संदीप सिंगल की गिरफ्तारी मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी की बड़ी कामयाबी है।
वहीं इस गिरफ्तारी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला कार्यालय के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। वह इसलिए कि यदि धान की फर्जी खरीद और गेट पास काटने जैसा खुलासा हुआ तो विभाग के इंस्पेक्टरों से लेकर कई बड़े अधिकारी बहुत जल्द ही सलाखों के पीछे देखने को मिल सकते हैं।
इस सीजन में धान खरीद का सीजन बहुत विवादों में रहा। प्राकृतिक आपदा व धान के पौधों में बौनेपन की शिकायत आने के बाद धान के कम उत्पादन की संभावना जताई जा रही थी। कृषि विभाग के उपनिदेशक ने तो इस बार 20 प्रतिशत उत्पादन कम होने की बात कही थी। परंतु खरीद सीजन जैसे-जैसे समाप्ति की तरफ बढ़ा तो मंडियों में खरीद के रिकॉर्ड टूटते चले गए।
इस साल मंडियों में 6,75,384.2 मीट्रिक टन धान खरीदा गया जो कि पिछले साल से 66,218 मीट्रिक टन ज्यादा रहा। गत वर्ष मंडियों में 6,09,166 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। जिस एरिया की राइस मिलों में धान का गबन उजागर हुआ वहां छछरौली अनाज मंडी में 83361 मीट्रिक टन, प्रतापनगर मंडी में 126049 मीट्रिक टन व रणजीतपुर अनाज मंडी में 52170 मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
पुलिस अब रिमांड अवधि के दौरान यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि गबन किए गए धान को कहां बेचा गया, इसमें और कौन-कौन शामिल थे। धन का लेन देन किन माध्यमों से हुआ। यह भी संभावना है कि धान की खरीद केवल कागजों में ही दिखाई गई। इसके बाद फर्जी गेट पास काट गए। अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि एक बार खरीदे गए धान को राइस मिलों में पहुंचा कर बार-बार मंडियों में बेचा गया। ऐसा करके सरकार से भी धान की कीमत ली गई। इस एंगल से भी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरोपी की प्रतापनगर में चार, रणजीतपुर में दो व छछरौली में एक राइस मिल है। कुल मिलाकर सभी सातों राइस मिलों में 75 करोड़ रुपये का धान घोटाला होने की बात कही जा रही है। इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। राइस मिलों में धान घोटाला सामने आने के बाद अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। खासकर फूड इंस्पेक्टरों की नींद उड़ी हुई है जिनकी ड्यूटी खरीद के दौरान अनाज मंडियों में लगी हुई थी।
संदीप सिंगला बाला जी व बांके बिहारी का भक्त है। उसकी ज्यादातर राइस मिल भी भगवान के नाम पर ही रजिस्टर्ड हैं। इसलिए संदीप सिंगला के छिपने के लिए इससे अच्छी जगह कोई दूसरी हो ही नहीं सकती थी। संदीप सिंगला परिवार के साथ अक्सर राजस्थान जाता रहता है। इसलिए राजस्थान में स्थानीय लोगों से उनकी अच्छी जान पहचान थी। इसलिए वह राजस्थान में छिपा था। अब पुलिस संदीप सिंगला की पत्नी को भी जल्द गिरफ्तार कर सकती है, क्योंकि वह सभी सातों राइस मिलों में पार्टनर है।
संदीप सिंगला राजस्थान में छिपा था। गुप्त सूचना के आधार पर से वहां से गिरफ्तार कर लिया गया। इस गबन की सभी कड़ियों काे आपस में मिलाया जाएगा। जिस भी कर्मचारी, अधिकारी का नाम जिस स्तर पर सामने आएगा उनसे पूछताछ की जाएगी। बहुत जल्द ही सारा मामला साफ हो जाएगा। - राजकुमार, इंचार्ज सीआईए-वन, यमुनानगर।