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एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: सीएम सुक्खू बोले- कर्ज के जाल से हिमाचल को बाहर निकालेंगे, आमदनी के नए स्रोत पैदा करेंगे

बविंद्र वशिष्ठ/सुरेश शांडिल्य/शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 10 Dec 2025 05:00 AM IST
सार

Exclusive Interview: हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में तीन साल पूरे करने जा रही है। जिस पर अमर उजाला ने मुख्यमंत्री सुक्खू से विशेष बातचीत की। जानें विस्तार से...

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Amar Ujala exclusive interview with Himachal Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से अमर उजाला की विशेष बातचीत। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार 11 दिसंबर को तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ सत्ता में आई उत्तर भारत की इस इकलौती कांग्रेस सरकार की क्या बड़ी उपलब्धियां रहीं? तीन वर्ष में दस में से कितनी गारंटियां पूरी कीं, अगले दो साल का रोडमैप क्या है? आर्थिक तंगहाली के बीच हर साल प्राकृतिक आपदाओं से जूझते हिमाचल के समक्ष किस तरह की चुनौतियां हैं? प्रदेश कांग्रेस सरकार की तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में अमर उजाला से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश:-

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प्रश्न : विपक्ष कह रहा है कि सरकार के पास बताने के लिए कोई योजना नहीं है। तीन साल की तीन बड़ी उपलब्धियां क्या हैं?
उत्तर :
कई योजनाओं को लागू कर जनता का पैसा जनता के हाथ में दिया। माता-पिता को खो चुके असहाय बच्चों की सरकार अभिभावक बनी। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में ऐसे 6000 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा देकर उनका पूरा खर्च उठाया। विधवाओं के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना शुरू की। गरीब तबके के बच्चों के लिए सरकार ने डॉ. वाईएस परमार योजना शुरू कर उनकी उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक के लोन की व्यवस्था की। हम हिमाचल की संपदा का हिस्सा उस वर्ग को दिला रहे हैं, जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद है।

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प्रश्न : व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ आप सत्ता में आए थे। तीन साल व्यवस्था में तीन बड़े बदलाव क्या लाए गए?
उत्तर : हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन की शुरुआत हुई। शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए गए। पूर्व सरकार की गलत नीतियों के चलते शिक्षा में हिमाचल 21वें स्थान पर चला गया था। स्कूलों को मर्ज कर क्वालिटी एजूकेशन पर ध्यान दिया। परिणामस्वरूप तीन साल में हिमाचल फिर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई, सौ स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। दावा कर सकता हूं कि 2032 तक सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए लोग सिफारिश लगाएंगे। रोबोटिक सर्जरी समेत कई आधुनिक उपकरण लाकर स्वास्थ्य सेवाओं में आधारभूत बदलाव किया है। दूध के रेट, मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाकर गांव में रोजगार के अवसर पैदा किए।

प्रश्न : आप कह रहे हैं कि वर्ष 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर हो जाएगा। अगले दो साल का रोडमैप क्या है?
उत्तर : भाजपा सरकार में राज्य पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। तब राजस्व घाटा अनुदान 11 हजार करोड़ रुपये आता था। अब तीन हजार करोड़ रुपये आ रहा है। यानी केंद्र से आठ हजार करोड़ रुपये सीधे कम हो गए। फिर भी ठीक से सरकार चला रहे हैं। हम पिछले 75 हजार करोड़ रुपये के मूलधन और ब्याज को चुकाने के लिए कर्ज लेने को विवश हैं। कर्ज के जाल से हिमाचल प्रदेश को बाहर निकालेंगे और आमदनी के नए स्रोत पैदा करेंगे। वाइल्ड फ्लॉवर हाल का केस 23 साल में हमने जीता, जिससे 300 करोड़ रुपये आए। शराब से 450 करोड़ का राजस्व एक साल में बढ़ाया। एनपीएस कर्मचारियों के 9000 करोड़ ही वापस आ जाएं तो हम आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

प्रश्न : हिमाचल पर करीब एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऋण के जाल में फंसा प्रदेश 2032 तक सबसे अमीर कैसे बनेगा?
उत्तर : वर्ष 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे अमीर राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। जब लोगों की जेब में पैसा होगा तो अमीर राज्य कहलाएगा। इन्वेस्मेंट ड्रेन को रोकेंगे। पिछली सरकार ने एसजेवीएन और एनटीपीसी को बिजली प्रोजेक्ट चार प्रतिशत रॉयल्टी पर दे दिए। मैं इसकी लड़ाई लड़ रहा हूं। इन प्रोजेक्टों से करीब 2000 करोड़ रुपये का राजस्व एक साल में मिलेगा। वाटर सेस, बीबीएमबी के 4500 करोड़ रुपये के एरियर की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। शानन प्रोजेक्ट को भी हासिल करेंगे। रिसोर्स मोबलाइजेशन पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है।

प्रश्न : हिमाचल हर साल आपदा से जूझ रहा है। आपकी नजर में प्रदेश के सामने तीन बड़ी चुनौतियां क्या हैं?
उत्तर : लगभग हर साल प्राकृतिक आपदा झेल रहे प्रदेश के सामने जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती है। बादल फटने की ऐसी घटनाएं कभी नहीं देखीं, जो पिछले दो-तीन वर्षों में देखी गईं। करीब 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दूसरी चुनौती राजनीतिक भ्रष्टाचार है। विधायक तोड़कर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। विपक्ष केवल राजनीति करता है। भाजपा ने केंद्र सरकार से आपदा के लिए वांछित राहत पैकेज दिलाने में सहयोग नहीं किया। तीसरी चुनौती, प्रदेश की बिगड़ी आर्थिक स्थिति है। इस सिस्टम को ठीक करना होगा। भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद करना भी चुनौती है।

प्रश्न : तीन साल में मंत्रियों की परफॉर्मेंस कैसी रही? कैबिनेट में एक पद खाली है। क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा?
उत्तर : मंत्रिमंडल विस्तार हाईकमान के निर्देश पर होगा। फेरबदल भविष्य के गर्भ में छिपा है। मंत्रियों के कामकाज की हर सप्ताह समीक्षा होती है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री समेत सभी मंत्रियों का काम अच्छा है। पूरा मंत्रिमंडल अच्छा काम कर रहा है। मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की सलाह सुनता हूं।

प्रश्न : कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी। तीन साल में कितने लोगों को रोजगार मिला?
उत्तर : पांच लाख रोजगार दे रहे हैं। सरकारी नौकरी को ही रोजगार मत मानिए। 75 लाख की जनता में पांच लाख सरकारी नौकरियां कौन दे सकता है। हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं। पर्यटन समेत विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। इनमें रोजगार मिल रहा है। सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार दिया जा रहा है।

प्रश्न : सरकार ने चिट्टे के खिलाफ अभियान शुरू किया है, लेकिन पुलिस के पास उतने संसाधन नहीं हैं। कैसे जड़ से उखाड़ेंगे इसे?
उत्तर : मुझसे अनेक परिवार मिले और बोले कि चिट्टे से हमारे बच्चों को बचाओ। हम चिट्टे के खिलाफ चार स्तर पर अभियान चला रहे हैं। पहला जागरूकता, दूसरा चिट्टा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, तीसरा चिट्टे का सेवन करने वालों का पुनर्वास और चिट्टे से अर्जित संपत्ति को भी नष्ट करना सरकार का कर्तव्य है। पिछली सरकार ने गलती की कि पिट एनडीपीएस एक्ट नहीं लगाया। इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। मैं खुद चिट्टे के खिलाफ कार्यक्रम में शामिल हो रहा हूं। युवा पीढ़ी को बचाना है।

प्रश्न : उत्तर भारत में हिमाचल में ही कांग्रेस की इकलौती सरकार है। निगाहें भी आप पर हैं। कामकाज का कैसा मॉडल पेश करेंगे?
उत्तर : हिमाचल सरकार आम लोगों के लिए काम कर रही है। व्यवस्था में कई परिवर्तन कर आम लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। यही कारण है कि सरकार को गिराने का षड्यंत्र प्रदेश की जनता ने विफल कर दिया। हिमाचल में देवी-देवताओं और जनता की कृपा से सरकार एक तरह से दोबारा रिपीट हुई है। मुझे हिमाचल की जनता का धन्यवाद करना है। हिमाचल को मॉडल स्टेट के रूप में विकसित किया जा रहा है। हम पर्यटन व खेल को बढ़ावा दे रहे हैं।

प्रश्न : विपक्ष का आरोप है कि कांग्रेस सरकार पंचायत चुनाव टाल रही है। राज्य चुनाव आयोग भी सवाल उठा रहा है। क्या कहेंगे आप?
उत्तर : हिमाचल प्रदेश में आपदा एक्ट लागू है। सड़कें खुली नहीं हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में शून्य से नीचे तापमान है। ऐसी स्थिति में पंचायत के चुनाव नहीं होने चाहिए। सभी उपायुक्त आपदा राहत मदद पहुंचाने लगे हुए हैं। पंचायत चुनाव एक-दो महीने आगे-पीछे हो सकते हैं। कुछ पंचायतें भी बनानी हैं। चुनाव आयोग से कोई टकराव नहीं है। चुनाव आने वाले समय में जल्दी होंगे।

प्रश्न : एक सीएम के रूप में आपने व्यक्तिगत रूप से क्या बदलाव पाया?
उत्तर :
हिमाचल कैसे आगे बढ़े... यही सोचता हूं। इसके चलते कई बार स्ट्रेस भी रहा। फाइनांस का तनाव रहा। रात को नींद नहीं आती थी। सुबह अधिकारियों से बात करता था। कई बैठकें होती थीं। मुख्यमंत्री पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी होती है कि कहां से पैसा आना है। फैसले लेने हैं। कई बार निर्णयों से जनता की नाराजगी भी रहती है। मैंने सोचा यही कि कुछ अच्छा करना है। इसमें सफल भी रहा।

प्रश्न : विनय कुमार कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में कितने कामयाब हाेंगे? क्या इससे जातीय संतुलन सधेगा?
उत्तर : हाईकमान ने अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले को पार्टी का अध्यक्ष बनाया है तो स्वाभाविक रूप से सारी बातें देखी गई हैं। विनय कुमार को अध्यक्ष बनाने से पहले कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मुझसे चर्चा की। निस्संदेह आलाकमान के इस फैसले से संगठन मजबूती से आगे बढ़ेगा।
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