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हिमाचल: हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे देव दर्शन सूद के निधन पर बंद रहा अदालती कामकाज

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 10 Dec 2025 03:25 PM IST
सार

 प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देव दर्शन सूद के निधन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

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himachal high Court proceedings came to a standstill following the demise of former acting Chief Justice of Hi
पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देव दर्शन सूद(फाइल) - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देव दर्शन सूद के निधन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।  सूद के निधन के चलते बुधवार को बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए अदालती कामकाज को बंद रखा। पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने मंगलवार शाम को पीजीआई में आखरी सांस ली। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को शिमला लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह संस्कार कलनोग में किया गया। अंतिम संस्कार में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया, न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, न्यायाधीश सत्येन वैद्य, न्यायाधीश रंजन शर्मा, न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह, न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी, न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज, रोमेश वर्मा मौजूद रहे। प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता अनूप रत्न, भारत सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ताओं सहित अन्य वकीलों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

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ट्रांसफर पॉलिसी को बनाने में दिया बड़ा योगदान
न्यायाधीश देव दर्शन सूद का जन्म 18 फरवरी 1952 को कांगड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 1967 में सेंट एडवर्ड्स स्कूल शिमला से पूरी की। 1970 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस चंडीगढ़ के फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस मैनेजमेंट से बीकॉम की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1977 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी और 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की। 1980 से 1983 तक उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय, तीस हजारी जिला न्यायालय, पटियाला हाउस जिला न्यायालय, आयकर ट्रिब्यूनल और केंद्रीय उत्पाद शुल्क ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली में सिविल, आपराधिक, सांविधानिक और कराधान मामलों में वकालत की। 1985 से उन्होंने शिमला में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, सांविधानिक, कंपनी और कराधान मामलों में वकालत की। 1997 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। 27 नवंबर 2006 को हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 24 नवंबर 2013 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय का कार्यभार संभाला और 27 नवंबर 2013 तक इस पद पर रहे। 18 फरवरी 2014 को वह सेवानिवृत्त हुए। न्यायाधीश अधिवक्ताओं के बीच तेज तर्रार, बेबाक और निष्पक्ष फैसलों के लिए जाने जाते थे। कानून के हर क्षेत्र में उन्हें बहुत बारीकी से समझ थी। हिमाचल प्रदेश ट्रांसफर पॉलिसी को बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। सर्विस मामलों के वे बहुत बड़े ज्ञाता थे।

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