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Bilaspur News: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल का कठोर कारावास
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:35 PM IST
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अदालत से
विशेष न्यायाधीश बिलासपुर की अदालत ने दिया दोषी करार
एक साथ चलेंगी पॉक्सो सहित अन्य मामलों में हुई सजा
पुलिस के साक्ष्यों ने आरोपी को दोषी सिद्ध करने में की मदद
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। विशेष न्यायाधीश बिलासपुर की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने दोषी पर पॉक्सो एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत यह दंड निर्धारित किया है।
जिला न्यायवादी चंद्रशेखर भाटिया ने बताया कि घटना की शिकायत 27 फरवरी 2020 को पीड़िता की ओर से जिले के एक थाना में दर्ज करवाई गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी उसे काफी समय से परेशान कर रहा था। आरोपी ने पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल करने और उसके परिवार (माता-पिता व भाई-बहन) को जान से मारने की धमकी देकर उसे रात के समय खेतों में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। आरोपी ने पीड़िता को चुप रहने के लिए डराया-धमकाया भी था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने इसकी गहन तफ्तीश की। पुलिस ने मामले में न केवल गवाहों के बयान दर्ज किए, बल्कि डीएनए टेस्ट और अन्य मेडिकल साक्ष्यों को भी अदालत के समक्ष पेश किया। इन वैज्ञानिक प्रमाणों ने दोषी के खिलाफ मामले को अत्यंत मजबूत बना दिया। ट्रायल के दौरान जिला न्यायवादी ने अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 23 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष अपनी बेगुनाही का कोई भी गवाह पेश नहीं कर सका। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी कुलविंदर सिंह को दोषी पाया। इसके बाद अब पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। छेड़छाड़ के लिए 6-6 महीने का साधारण कारावास और जुर्माने की सजा तय की। धमकाने के लिए 6 महीने का साधारण कारावास। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इस फैसले को महिला एवं बाल सुरक्षा की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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एक साथ चलेंगी पॉक्सो सहित अन्य मामलों में हुई सजा
पुलिस के साक्ष्यों ने आरोपी को दोषी सिद्ध करने में की मदद
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। विशेष न्यायाधीश बिलासपुर की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने दोषी पर पॉक्सो एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत यह दंड निर्धारित किया है।
जिला न्यायवादी चंद्रशेखर भाटिया ने बताया कि घटना की शिकायत 27 फरवरी 2020 को पीड़िता की ओर से जिले के एक थाना में दर्ज करवाई गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी उसे काफी समय से परेशान कर रहा था। आरोपी ने पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल करने और उसके परिवार (माता-पिता व भाई-बहन) को जान से मारने की धमकी देकर उसे रात के समय खेतों में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। आरोपी ने पीड़िता को चुप रहने के लिए डराया-धमकाया भी था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने इसकी गहन तफ्तीश की। पुलिस ने मामले में न केवल गवाहों के बयान दर्ज किए, बल्कि डीएनए टेस्ट और अन्य मेडिकल साक्ष्यों को भी अदालत के समक्ष पेश किया। इन वैज्ञानिक प्रमाणों ने दोषी के खिलाफ मामले को अत्यंत मजबूत बना दिया। ट्रायल के दौरान जिला न्यायवादी ने अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 23 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष अपनी बेगुनाही का कोई भी गवाह पेश नहीं कर सका। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी कुलविंदर सिंह को दोषी पाया। इसके बाद अब पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। छेड़छाड़ के लिए 6-6 महीने का साधारण कारावास और जुर्माने की सजा तय की। धमकाने के लिए 6 महीने का साधारण कारावास। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इस फैसले को महिला एवं बाल सुरक्षा की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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