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Bilaspur News: दुर्लभ और लुप्त पहाड़ी लोकगीतों से बांधा समां
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:56 PM IST
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10 घंटे चली हार्मनी ऑफ हिमालयज म्यूजिक अकादमी की संगोष्ठी
लोक संस्कृति को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाना रहा उद्देश्य
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। लोक संस्कृति को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से हार्मनी ऑफ हिमालयज म्यूजिक अकादमी की ओर से रौड़ा सेक्टर ऑडिटोरियम के सामने गायन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी के संस्थापक नरेंद्र दत्त शर्मा ने की। मुख्य अतिथि भाषा एवं संस्कृति विभाग की कार्यालय अधिकारी नीलम चंदेल रहीं।
कार्यक्रम भोजनावकाश को छोड़कर करीब दस घंटे तक चला। संगोष्ठी में चंडीगढ़ से आए कलाकार सर्वजीत सिंह शिब्बू, पालमपुर के गजल गायक अजय पराशर, प्रसार भारती दिल्ली से प्रथम श्रेणी लोक गायक बलदेव सांख्यान, तबला वादक अभिषेक कुमार और नरेंद्र दत्त शर्मा ने प्रस्तुतियां दीं। कलाकारों ने बिलासपुर, सोलन सहित हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के दुर्लभ और लुप्तप्राय पहाड़ी लोक गीतों को प्रस्तुत किया। बलदेव सांख्यान ने गंगी गायन को तीन शैलियों में पेश किया, जबकि अजय पराशर की बांसुरी ने गायन को विशेष प्रभाव दिया। सर्वजीत सिंह शिब्बू ने हारमोनियम और एकॉर्डियन पर पुराने हिंदी फिल्मी गीतों व पहाड़ी गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अकादमी के प्रशिक्षु बच्चों सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद रहे। आयोजन को सफल बनाने में भारत भूषण, डॉ. जय महलवाल, सुमन चड्ढा, रविंद्र चंदेल, दिनेश गुप्ता, गायत्री शर्मा और निक्का राम ने सहयोग दिया।
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लोक संस्कृति को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाना रहा उद्देश्य
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। लोक संस्कृति को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से हार्मनी ऑफ हिमालयज म्यूजिक अकादमी की ओर से रौड़ा सेक्टर ऑडिटोरियम के सामने गायन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी के संस्थापक नरेंद्र दत्त शर्मा ने की। मुख्य अतिथि भाषा एवं संस्कृति विभाग की कार्यालय अधिकारी नीलम चंदेल रहीं।
कार्यक्रम भोजनावकाश को छोड़कर करीब दस घंटे तक चला। संगोष्ठी में चंडीगढ़ से आए कलाकार सर्वजीत सिंह शिब्बू, पालमपुर के गजल गायक अजय पराशर, प्रसार भारती दिल्ली से प्रथम श्रेणी लोक गायक बलदेव सांख्यान, तबला वादक अभिषेक कुमार और नरेंद्र दत्त शर्मा ने प्रस्तुतियां दीं। कलाकारों ने बिलासपुर, सोलन सहित हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के दुर्लभ और लुप्तप्राय पहाड़ी लोक गीतों को प्रस्तुत किया। बलदेव सांख्यान ने गंगी गायन को तीन शैलियों में पेश किया, जबकि अजय पराशर की बांसुरी ने गायन को विशेष प्रभाव दिया। सर्वजीत सिंह शिब्बू ने हारमोनियम और एकॉर्डियन पर पुराने हिंदी फिल्मी गीतों व पहाड़ी गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अकादमी के प्रशिक्षु बच्चों सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद रहे। आयोजन को सफल बनाने में भारत भूषण, डॉ. जय महलवाल, सुमन चड्ढा, रविंद्र चंदेल, दिनेश गुप्ता, गायत्री शर्मा और निक्का राम ने सहयोग दिया।
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