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Bilaspur Train Accident: 'टक्कर, धमाका और फिर सन्नाटा, सामने पड़ी थीं लाशें'; यात्री ने सुनाया आंखों देखा मंजर

न्यूज डेस्क,अमर उजाला, बिलासपुर Published by: विजय पुंडीर Updated Wed, 05 Nov 2025 08:51 AM IST
सार

ट्रेन हादसे के प्रत्यक्षदर्शी यात्री संजय विश्वकर्मा ने जो कुछ देखा, उसने उन्हें दहला दिया। 35 वर्षीय संजय पैसेंजर ट्रेन के पहले डिब्बे में बैठे थे और अपने ससुराल अकलतरा से लौट रहे थे।

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Bilaspur Train Accident Sanjay Vishwakarma, an eyewitness to the train accident, said he saw the bodies
बिलासपुर ट्रेन हादसा - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन (मेमू) व मालगाड़ी की भीषण टक्कर हो गई। ट्रेन हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है और 20 लोग घायल हैं। ट्रेन हादसे के प्रत्यक्षदर्शी यात्री संजय विश्वकर्मा ने जो कुछ देखा, उसने उन्हें दहला दिया। 35 वर्षीय संजय पैसेंजर ट्रेन के पहले डिब्बे में बैठे थे और अपने ससुराल अकलतरा से लौट रहे थे।

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संजीव विश्वकर्मा ने पीटीआई से बात करते हुए बताया, 'मैं मोबाइल चला रहा था। कुछ यात्री बातें कर रहे थे और कुछ सो रहे थे। सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन कुछ ही सेकंड बाद जैसे सब कुछ थम गया। गतोरा स्टेशन से लगभग 500 मीटर आगे ही ट्रेन जोर से हिली और किसी चीज से टकरा गई। इतनी भयंकर आवाज आई कि कान सुन्न हो गए। खिड़कियों के शीशे टूट गए और लोग चिल्लाने लगे। फिर सब तरफ अंधेरा छा गया।'



 

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संजय के मुताबिक, टक्कर के बाद उनका डिब्बा सीधे सामने चल रही मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। जब संजय को होश आया, तब वे अपनी सीट के नीचे फंसे हुए थे। संजय ने बताया, 'मैं हिला नहीं पा रहा था। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। मेरे सामने ही तीन लोगों के शव पड़े थे, उनमें एक महिला भी थी। शव क्षत-विक्षत हालत में थे। उनके चेहरे अब भी सामने घूमते हैं।' संजय उस समय अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए यह घटना याद कर रहे थे। जिस डिब्बे में संजय बैठे थे, उसमें लगभग 16-17 लोग सवार थे, जिसमें महिलाएं, पुरुष और छोटे बच्चे शामिल थे।

रेलवे बोर्ड के मुताबिक, आशंका है कि मेमू ट्रेन के चालक ने लाल सिग्नल नजरअंदाज कर दिया, जिससे हादसा हुआ। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद ही सही कारण का पता चल सकेगा।  अधिकारियों ने बताया, टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू का कोच मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। सूचना मिलते ही प्रशासन ने बचाव अभियान शुरू किया एवं घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। 

बिलासपुर के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि देर रात दो लोग ट्रेन के क्षतिग्रस्त हुए कोच में फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही थी। कुछ घायलों की हालत गंभीर है, जिससे मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। 

मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख के मुआवजे की घोषणा
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, जबकि मामूली रूप से घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। 

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