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Bilaspur News: स्वयं सहायता समूहों को एकीकृत कृषि की दी जानकारी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Tue, 04 Nov 2025 11:53 PM IST
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घुमारवीं में आयोजित क्लस्टर लेवल फेडरेशन की बैठक में भाग लेने वाली स्वयं सहायता समूह की सदस्य व
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घुमारवीं में आयोजित हुई क्लस्टर लेवल फेडरेशन की बैठक
गतिविधियों को एक साथ जोड़कर स्थायी आय के स्रोत होंगे विकसित : देशराज
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिला ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएमएल) की ओर से घुमारवीं में क्लस्टर लेवल फेडरेशन की बैठक हुई, जिसमें एकीकृत कृषि क्लस्टर से संबंधित योजनाओं की जानकारी और स्वयं सहायता समूहों को इसके माध्यम से आय वृद्धि के अवसरों से अवगत कराया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक देशराज ने उपस्थित सदस्यों को एकीकृत कृषि के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों और स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका के विविध माध्यमों को एकीकृत कर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन और अन्य सहायक गतिविधियों को एक साथ जोड़कर स्थायी आय के स्रोत विकसित किए जा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने एनआरएमएल के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन के सदस्यों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य को अपनी इकाई में एकीकृत कृषि के घटकों को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इससे न केवल आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। एनआरएलएम स्टाफ ने एकीकृत कृषि क्लस्टर के तहत गतिविधियों जैसे सब्जी उत्पादन, पशुपालन, मशरूम यूनिट, और बायो फर्टिलाइजर के उपयोग पर भी जानकारी साझा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी समय में फेडरेशन स्तर पर किसानों और स्वयं सहायता समूह सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे, जिसमें उन्हें आधुनिक खेती की तकनीक, विपणन और उत्पाद प्रसंस्करण की जानकारी दी जा सके।
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गतिविधियों को एक साथ जोड़कर स्थायी आय के स्रोत होंगे विकसित : देशराज
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिला ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएमएल) की ओर से घुमारवीं में क्लस्टर लेवल फेडरेशन की बैठक हुई, जिसमें एकीकृत कृषि क्लस्टर से संबंधित योजनाओं की जानकारी और स्वयं सहायता समूहों को इसके माध्यम से आय वृद्धि के अवसरों से अवगत कराया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक देशराज ने उपस्थित सदस्यों को एकीकृत कृषि के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों और स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका के विविध माध्यमों को एकीकृत कर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन और अन्य सहायक गतिविधियों को एक साथ जोड़कर स्थायी आय के स्रोत विकसित किए जा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने एनआरएमएल के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन के सदस्यों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य को अपनी इकाई में एकीकृत कृषि के घटकों को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इससे न केवल आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। एनआरएलएम स्टाफ ने एकीकृत कृषि क्लस्टर के तहत गतिविधियों जैसे सब्जी उत्पादन, पशुपालन, मशरूम यूनिट, और बायो फर्टिलाइजर के उपयोग पर भी जानकारी साझा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी समय में फेडरेशन स्तर पर किसानों और स्वयं सहायता समूह सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे, जिसमें उन्हें आधुनिक खेती की तकनीक, विपणन और उत्पाद प्रसंस्करण की जानकारी दी जा सके।
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