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हथेली दर्शन से आती है सकारात्मक ऊर्जा : पंडित सुशील
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Tue, 04 Nov 2025 11:44 PM IST
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ग्राम पंचायत बड़गाव के गटी गांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा में मौजूद श्रद्धालु। संवाद
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भागवत कथा के तीसरे दिन श्रोताओं ने लिया आध्यात्मिक ज्ञान
संवाद न्यूज एजेंसी
बरठीं (बिलासपुर)। ग्राम पंचायत बड़गांव के गटी गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित सुशील शर्मा ने कहा कि सुबह उठकर मोबाइल देखने के बजाय हथेली दर्शन करना शुभ माना गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले ही हथेली दर्शन का विधान इसलिए बताया, क्योंकि हमारे हाथों में देवी-देवताओं का निवास होता है। हथेली दर्शन से व्यक्ति को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार, हथेलियों में अनेक तीर्थों का भी निवास बताया गया है, जिनका दर्शन करने से पापों का नाश होता है और ग्रहदशा में सुधार आता है। भोजन करने से पहले यदि व्यक्ति श्रद्धा से भगवान को भोग लगाता है तो वह भोजन प्रसाद बन जाता है, जो हमारी चेतना को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। ऐसा भोजन ग्रहण करने से मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। कथा के आयोजक जय किशन शर्मा ने बताया कि कथा का समापन 8 नवंबर को होगा, इसी दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस भंडारे में क्षेत्र के समस्त ग्रामीण भाग लेंगे।
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बरठीं (बिलासपुर)। ग्राम पंचायत बड़गांव के गटी गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित सुशील शर्मा ने कहा कि सुबह उठकर मोबाइल देखने के बजाय हथेली दर्शन करना शुभ माना गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले ही हथेली दर्शन का विधान इसलिए बताया, क्योंकि हमारे हाथों में देवी-देवताओं का निवास होता है। हथेली दर्शन से व्यक्ति को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार, हथेलियों में अनेक तीर्थों का भी निवास बताया गया है, जिनका दर्शन करने से पापों का नाश होता है और ग्रहदशा में सुधार आता है। भोजन करने से पहले यदि व्यक्ति श्रद्धा से भगवान को भोग लगाता है तो वह भोजन प्रसाद बन जाता है, जो हमारी चेतना को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। ऐसा भोजन ग्रहण करने से मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। कथा के आयोजक जय किशन शर्मा ने बताया कि कथा का समापन 8 नवंबर को होगा, इसी दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस भंडारे में क्षेत्र के समस्त ग्रामीण भाग लेंगे।
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