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धर्मशाला: पेंशनरों का सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, चक्काजाम, पुलिस से धक्कामुक्की; 40 मिनट तक फंसे रहे जयराम
संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Fri, 28 Nov 2025 06:51 PM IST
सार
हजारों की संख्या में पेंशनर शुक्रवार दोपहर जोरावर स्टेडियम में इकट्ठा हुए और फिर वह विधानसभा परिसर की ओर कूच करने के लिए निकल पड़े। पढ़ें पूरी खबर...
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धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम के पास विधानसभा को जाते हुए पेंशनरों को जोर लगाकर रोकते हुए पुलिस कर्मी।
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रदेशभर के पेंशनरों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में पेंशनर शुक्रवार दोपहर जोरावर स्टेडियम में इकट्ठा हुए और फिर वह विधानसभा परिसर की ओर कूच करने के लिए निकल पड़े। उनकी मुख्य मांगों में मेडिकल भत्ता, ईपीएफ और अन्य भत्तों का भुगतान करना था, जो कांग्रेस सरकार ने नहीं दिए। पुलिस और पेंशनरों के बीच धक्कामुक्की भी गई। दोपहर बाद करीब दो बजे से पेंशनर सड़क पर बैठ गए और शाम पांच बजे तक प्रदर्शन करते रहे। पेंशनरों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें 5 दिसंबर तक नहीं मानी जातीं तो वह विधानसभा परिसर के बाहर आत्मदाह करेंगे।
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पेंशनरों ने जैसे ही जोरावर स्टेडियम से अपनी यात्रा शुरू की, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बीच गुस्साए पेंशनरों ने चक्का जाम कर दिया और विधानसभा जाने के लिए अड़े रहे। जैसे ही पेंशनरों ने जोरावर स्टेडियम में चक्का जाम किया, कुछ ही देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के विधायक विपिन परमार, सुधीर शर्मा और पवन काजल अपनी गाड़ियों में फंस गए। पेंशनरों ने इनकी गाड़ियों के आगे बैठ गए और पूर्व और वर्तमान सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। विरोध के चलते जयराम की गाड़ी भी 40 मिनट तक फंस गई। जयराम ने पेंशनरों से बातचीत की और अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन पेंशनरों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। जयराम ने पेंशनरों से कहा कि भाजपा ने भी विधानसभा में इन मुद्दों को उठाया था और उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाया था।
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जयराम ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने न तो कर्मचारियों के लिए कुछ किया और न ही पेंशनरों के लिए। उन्होंने कहा कि बीमार पेंशनरों का मेडिकल खर्च रोक दिया गया है और ईपीएफ समेत अन्य भत्ते भी नहीं दिए जा रहे हैं। सड़क पर जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि जयराम और अन्य भाजपा विधायकों को अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल बैरिकेड्स पार करने पड़े। इसके बाद वह किसी अन्य विधायक की गाड़ी में विधानसभा परिसर के लिए रवाना हुए। सड़क पर जाम और धरना जारी रहने के बाद एडीएम शिल्पी बेक्टा और एएसपी बीर बहादुर समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। इन अधिकारियों ने विभिन्न पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और अंततः 18 पेंशनर संगठनों के लगभग 36 प्रतिनिधियों को विधानसभा परिसर में जाने की अनुमति दी। इसके बाद अन्य पेंशनर बाहर सड़क पर बैठे रहे।