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Hamirpur (Himachal) News: अमन के लिए आधार कार्ड बना परिजनों से मिलने का सहारा
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:48 AM IST
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बिहार के बेगुसराय में परिजनों के साथ अमन। स्रोत विभाग
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हमीरपुर। आधार कार्ड केवल एक पहचान नहीं है, बल्कि परिजनों से बिछड़े हुए लोगों को आपस में मिलाने का भी एक जरिया बन रहा है। जुलाई में ऊना जिले में मिले दस वर्षीय अमन को बाल कल्याण समिति हमीरपुर ने उसके परिजनों से बिहार के बेगुसराय में मिला दिया है।
जुलाई में ऊना रेलवे स्टेशन के समीप लोगों को अमन मिला। इसके बाद उन्होंने बाल कल्याण समिति को सूचित किया। समिति ने अमन का रेस्क्यू कर उसे बाल कल्याण समिति के पास भेजा। जहां पर प्रारंभिक पूछताछ के बाद समिति ने मंडी ओपन शेल्टर में भेजा। वहां पर दो माह के बाद कमेटी ने उसे बाल आश्रम सुजानपुर में रहने के लिए भेजा।
इसके बाद आश्रम में अमन के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। जब आश्रम की टीम आधार केंद्र में पहुंची तो वहां पर आधार कार्ड नहीं बना। समिति को पता चला कि बच्चे का पहले ही आधार कार्ड बना हुआ है। इसके बाद उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह ने आधार कार्ड के रीजनल कार्यालय चंडीगढ़ में बच्चे का एड्रेस पता किया तो वहां पर पुष्टि हुई कि वह बिहार का रहने वाला है।
इसके बाद कमेटी ने बाल कल्याण समिति बेगुसराय बिहार में संपर्क किया। इसके बाद औपचारिकताएं पूरी करते हुए बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों के साथ अमन को बिहार के लिए रवाना किया और बेगुसराय भेजा। बच्चे को लेने के लिए परिजन रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे। परिजनों ने बताया कि अमन जुलाई माह में गांव के लोगों के साथ ट्रेन में बैठकर ऊना पहुंचकर भटक गया था।
कोट
बच्चे को सुरक्षित परिजनों तक पहुंचा दिया गया है। पांच माह पूर्व ऊना रेलवे स्टेशन पर दस वर्षीय अमन लोगों को भटकते हुए मिला था। इसके बाद बाल कल्याण समिति के प्रयासों से वह परिजनों से मिल पाया है। -कुलदीप सिंह चौहान, डीसीपीओ, हमीरपुर
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जुलाई में ऊना रेलवे स्टेशन के समीप लोगों को अमन मिला। इसके बाद उन्होंने बाल कल्याण समिति को सूचित किया। समिति ने अमन का रेस्क्यू कर उसे बाल कल्याण समिति के पास भेजा। जहां पर प्रारंभिक पूछताछ के बाद समिति ने मंडी ओपन शेल्टर में भेजा। वहां पर दो माह के बाद कमेटी ने उसे बाल आश्रम सुजानपुर में रहने के लिए भेजा।
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इसके बाद आश्रम में अमन के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। जब आश्रम की टीम आधार केंद्र में पहुंची तो वहां पर आधार कार्ड नहीं बना। समिति को पता चला कि बच्चे का पहले ही आधार कार्ड बना हुआ है। इसके बाद उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह ने आधार कार्ड के रीजनल कार्यालय चंडीगढ़ में बच्चे का एड्रेस पता किया तो वहां पर पुष्टि हुई कि वह बिहार का रहने वाला है।
इसके बाद कमेटी ने बाल कल्याण समिति बेगुसराय बिहार में संपर्क किया। इसके बाद औपचारिकताएं पूरी करते हुए बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों के साथ अमन को बिहार के लिए रवाना किया और बेगुसराय भेजा। बच्चे को लेने के लिए परिजन रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे। परिजनों ने बताया कि अमन जुलाई माह में गांव के लोगों के साथ ट्रेन में बैठकर ऊना पहुंचकर भटक गया था।
कोट
बच्चे को सुरक्षित परिजनों तक पहुंचा दिया गया है। पांच माह पूर्व ऊना रेलवे स्टेशन पर दस वर्षीय अमन लोगों को भटकते हुए मिला था। इसके बाद बाल कल्याण समिति के प्रयासों से वह परिजनों से मिल पाया है। -कुलदीप सिंह चौहान, डीसीपीओ, हमीरपुर