{"_id":"69470450eba52d3e6e0f9930","slug":"manohar-lal-got-possession-of-the-shop-after-14-years-hamirpur-hp-news-c-94-1-hmp1004-177480-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur (Himachal) News: मनोहर लाल को 14 वर्ष बाद मिला दुकान का कब्जा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur (Himachal) News: मनोहर लाल को 14 वर्ष बाद मिला दुकान का कब्जा
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:47 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
भोरंज/भरेड़ी (हमीरपुर।)। उपमंडल भोंरज के तहत कक्कड़ गांव में लंबे कानूनी संघर्ष के बाद आखिरकार मनोहर लाल को अपनी दुकान का कब्जा प्राप्त हो गया। यह मामला करीब 14 वर्षों तक न्यायालय में लंबित रहा। वहीं, 19 दिसंबर को राजस्व एवं प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस की मौजूदगी में दुकान को खाली करवाकर मनोहर लाल को सौंप दिया गया।
जानकारी के अनुसार मनोहर लाल पुत्र दिवंगत जगदीश चंद, निवासी गांव रिहड़ा, डाकघर भरेड़ी, तहसील भोंरज जिला हमीरपुर की दुकान वर्ष 2009 में एक व्यक्ति को किराये पर दी गई थी। शुरू में तो सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन वर्ष 2011 में जब मनोहर लाल ने उक्त व्यक्ति से दुकान खाली करने को कहा, तो किरायेदार ने दुकान खाली करने से साफ इन्कार कर दिया।
इसके बाद मनोहर लाल को न्याय के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ा। मामला न्यायालय में लंबे समय तक चला, जिसमें कई वर्षों तक सुनवाई होती रही। अंततः न्यायालय के आदेशों के अनुसार प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को दुकान को खाली करवाया। कार्रवाई के दौरान राजस्व विभाग के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और पुलिस कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे, ताकि किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो।
दुकान को विधिवत खाली करवाकर उसका कब्जा मनोहर लाल को सौंप दिया गया। दुकान का कब्जा मिलने के बाद मनोहर लाल ने न्यायालय और प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें न्याय मिलने में भले ही लंबा समय लगा, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
Trending Videos
जानकारी के अनुसार मनोहर लाल पुत्र दिवंगत जगदीश चंद, निवासी गांव रिहड़ा, डाकघर भरेड़ी, तहसील भोंरज जिला हमीरपुर की दुकान वर्ष 2009 में एक व्यक्ति को किराये पर दी गई थी। शुरू में तो सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन वर्ष 2011 में जब मनोहर लाल ने उक्त व्यक्ति से दुकान खाली करने को कहा, तो किरायेदार ने दुकान खाली करने से साफ इन्कार कर दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसके बाद मनोहर लाल को न्याय के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ा। मामला न्यायालय में लंबे समय तक चला, जिसमें कई वर्षों तक सुनवाई होती रही। अंततः न्यायालय के आदेशों के अनुसार प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को दुकान को खाली करवाया। कार्रवाई के दौरान राजस्व विभाग के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और पुलिस कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे, ताकि किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो।
दुकान को विधिवत खाली करवाकर उसका कब्जा मनोहर लाल को सौंप दिया गया। दुकान का कब्जा मिलने के बाद मनोहर लाल ने न्यायालय और प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें न्याय मिलने में भले ही लंबा समय लगा, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।