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Hamirpur (Himachal) News: धमरोल पंचायत के वार्ड-8 को कक्कड़ में मिलाने की मांग
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भरेड़ी (हमीरपुर)। ग्राम पंचायत धमरोल के अंतर्गत वार्ड-8 के ग्रामीणों ने अपने वार्ड को कक्कड़ में शामिल करने की मांग की है। मांग को लेकर रविवार को दर गांव के ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल विधायक सुरेश कुमार से मिला।
ग्रामीणों ने विधायक को ज्ञापन सौंपते हुए दर गांव को कक्कड़ पंचायत में शामिल करने की अपील की। ग्रामीणों ज्ञान चंद, विमला देवी, सुनील कुमार, सुलोचना देवी, संजीव कुमार, बंदना कुमारी, सारिका, रमेश चंद, जगत राम आदि ने कहा कि धमरोल पंचायत का वार्ड नंबर आठ गांव जोल और दर को मिलाकर बना है।
दर से जोल गांव की दूरी दो किलोमीटर है, इस मार्ग से होकर जाने के लिए ग्रामीणों को जंगल का रास्ता तय करना पड़ता है। जंगल के रास्ते में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। दर गांव से धमरोल पंचायत मुख्यालय आठ किलोमीटर, जबकि जंगल के रास्ते से लगभग छह किलोमीटर दूर पड़ता है। इसके विपरीत दर गांव से कक्कड़ पंचायत की दूरी मात्र एक किलोमीटर है, जहां तक पहुंचना सुविधाजनक और सुरक्षित है।
ग्रामीणों की सहकारी सभा, स्कूल, डाकघर, बैंक सभी कक्कड़ में स्थित हैं। दैनिक कार्यों, शिक्षा और बैंकिंग सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को कक्कड़ पंचायत पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में प्रशासनिक दृष्टि से भी दर गांव का कक्कड़ पंचायत में शामिल होना अधिक उपयुक्त है।
इससे पहले ग्रामीणों ने वर्ष 2015 और 2019 में भी दर गांव को कक्कड़ में मिलाने के लिए संबंधित विभागों को समस्त आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। विधायक सुरेश कुमार ने ग्रामीणों को समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।
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ग्रामीणों ने विधायक को ज्ञापन सौंपते हुए दर गांव को कक्कड़ पंचायत में शामिल करने की अपील की। ग्रामीणों ज्ञान चंद, विमला देवी, सुनील कुमार, सुलोचना देवी, संजीव कुमार, बंदना कुमारी, सारिका, रमेश चंद, जगत राम आदि ने कहा कि धमरोल पंचायत का वार्ड नंबर आठ गांव जोल और दर को मिलाकर बना है।
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दर से जोल गांव की दूरी दो किलोमीटर है, इस मार्ग से होकर जाने के लिए ग्रामीणों को जंगल का रास्ता तय करना पड़ता है। जंगल के रास्ते में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। दर गांव से धमरोल पंचायत मुख्यालय आठ किलोमीटर, जबकि जंगल के रास्ते से लगभग छह किलोमीटर दूर पड़ता है। इसके विपरीत दर गांव से कक्कड़ पंचायत की दूरी मात्र एक किलोमीटर है, जहां तक पहुंचना सुविधाजनक और सुरक्षित है।
ग्रामीणों की सहकारी सभा, स्कूल, डाकघर, बैंक सभी कक्कड़ में स्थित हैं। दैनिक कार्यों, शिक्षा और बैंकिंग सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को कक्कड़ पंचायत पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में प्रशासनिक दृष्टि से भी दर गांव का कक्कड़ पंचायत में शामिल होना अधिक उपयुक्त है।
इससे पहले ग्रामीणों ने वर्ष 2015 और 2019 में भी दर गांव को कक्कड़ में मिलाने के लिए संबंधित विभागों को समस्त आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। विधायक सुरेश कुमार ने ग्रामीणों को समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।