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Hamirpur (Himachal) News: हमीरपुर की सपना ने हाथों के हुनर से लिखी आत्मनिर्भरता की कहानी
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Tue, 25 Nov 2025 01:12 AM IST
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स्टोन व कपड़े से तैयार किए गए झूमके। संवाद
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हमीरपुर। कलयुग को कला का युग यूं ही नहीं कहा जाता है। अगर इंसान हुनर है, तो वह कोई भी इबारत लिख सकता है। हमीरपुर की सपना ठाकुर ने इसे सच कर दिखाया है।
लगभग 14 वर्षों तक निजी स्कूल में सेवाएं देने के बाद उन्होंने अपने हाथ के हुनर को मजबूत किया और आत्मनिर्भरता की कहानी लिखकर अन्य महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है। परिवार के सदस्यों की देखरेख के साथ अब वह प्रतिमाह घर बैठे 10 से 15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।
सपना घर से विवाह शादियों के साथ अन्य कार्यक्रमों के लिए सजावटी चीड़ की पत्तियों, फूलों, धागों और कबाड़ से विभिन्न प्रकार के कृत्रिम आभूषण तैयार कर रही हैं। जिसके लिए उन्हें काफी ऑर्डर मिल रहे हैं। सपना ने बताया कि एक वर्ष पूर्व पारिवारिक कारणों से नौकरी छोड़ी दी थी। इसके बाद घर पर कार्य करने का मन बनाया और धीरे-धीरे निजी संस्थाओं और यूट्यूब से आभूषण बनाने की कला सीखी।
अब विभिन्न प्रकार के डिजाइनों को बनाने का कार्य कर रही हैं। शादियों के लिए लड़कियां हल्दी, मेहंदी थीम पर अपनी मर्जी से फूलों, धागों और ऊन से आभूषण बनवा रही हैं। आभूषणों में सबसे अधिक डिमांड क्रोशिये से बने झुमकों, हार और अंगूठियों के अलावा धागे की चूड़ियों की है। पूर्व में लोगों को बाजार से महंगे दामों पर आभूषणों की खरीदारी करनी पड़ती थी, लेकिन अब कम व सस्ते दामों पर आभूषणों को तैयार किया जा रहा है।
शादी समारोह के अलावा स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोहों के लिए स्कूल प्रभारी हल्की और टिकाऊ आभूषणों को बनवा रहे हैं, ताकि कम दामों में आभूषणों को प्रदान किया जा सके। सपना ठाकुर के पति का निजी व्यवसाय है और बेटा स्कूल में पढ़ाई करता है। उन्होंने महिलाओं को अपने कौशल को सुधारने और निरंतर मेहनत करने की नसीहत दी है।
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लगभग 14 वर्षों तक निजी स्कूल में सेवाएं देने के बाद उन्होंने अपने हाथ के हुनर को मजबूत किया और आत्मनिर्भरता की कहानी लिखकर अन्य महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है। परिवार के सदस्यों की देखरेख के साथ अब वह प्रतिमाह घर बैठे 10 से 15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।
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सपना घर से विवाह शादियों के साथ अन्य कार्यक्रमों के लिए सजावटी चीड़ की पत्तियों, फूलों, धागों और कबाड़ से विभिन्न प्रकार के कृत्रिम आभूषण तैयार कर रही हैं। जिसके लिए उन्हें काफी ऑर्डर मिल रहे हैं। सपना ने बताया कि एक वर्ष पूर्व पारिवारिक कारणों से नौकरी छोड़ी दी थी। इसके बाद घर पर कार्य करने का मन बनाया और धीरे-धीरे निजी संस्थाओं और यूट्यूब से आभूषण बनाने की कला सीखी।
अब विभिन्न प्रकार के डिजाइनों को बनाने का कार्य कर रही हैं। शादियों के लिए लड़कियां हल्दी, मेहंदी थीम पर अपनी मर्जी से फूलों, धागों और ऊन से आभूषण बनवा रही हैं। आभूषणों में सबसे अधिक डिमांड क्रोशिये से बने झुमकों, हार और अंगूठियों के अलावा धागे की चूड़ियों की है। पूर्व में लोगों को बाजार से महंगे दामों पर आभूषणों की खरीदारी करनी पड़ती थी, लेकिन अब कम व सस्ते दामों पर आभूषणों को तैयार किया जा रहा है।
शादी समारोह के अलावा स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोहों के लिए स्कूल प्रभारी हल्की और टिकाऊ आभूषणों को बनवा रहे हैं, ताकि कम दामों में आभूषणों को प्रदान किया जा सके। सपना ठाकुर के पति का निजी व्यवसाय है और बेटा स्कूल में पढ़ाई करता है। उन्होंने महिलाओं को अपने कौशल को सुधारने और निरंतर मेहनत करने की नसीहत दी है।

स्टोन व कपड़े से तैयार किए गए झूमके। संवाद

स्टोन व कपड़े से तैयार किए गए झूमके। संवाद