{"_id":"6925b80072e265fcd60916d7","slug":"himachal-pradesh-high-court-said-police-should-take-action-to-stop-illegal-mining-in-shah-canal-2025-11-25","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"HP High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- शाह नहर में अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई करे पुलिस","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
HP High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- शाह नहर में अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई करे पुलिस
संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Wed, 26 Nov 2025 02:00 AM IST
सार
शाह नहर में अवैध खनन पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह उपमंडल मजिस्ट्रेट फतेहपुर के अनुरोध पर आवश्यक कदम उठाएं। पढ़ें पूरी खबर...
विज्ञापन
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन
विस्तार
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शाह नहर में खनन माफियाओं की ओर से किए जा रहे अवैध खनन पर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह उपमंडल मजिस्ट्रेट फतेहपुर के अनुरोध पर आवश्यक कदम उठाएं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने क्षेत्र में कोई अवैध खनन की गतिविधि न हो, इस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शाह नहर पुल के आरडी नंबर 7315 और 7910 पर बने रास्ते का इस्तेमाल रेत और अल्प खनिजों के अवैध परिवहन के लिए भारी व्यावसायिक वाहनों की ओर से किया जा रहा है। यह सुविधा केवल किसानों के लिए है। पुल पर एक ऊंचाई अवरोधक गेट लगाया गया था, जिसे खनन माफिया के इशारे पर हटा दिया गया है। कोर्ट में पेश की गई तस्वीरों का हवाला देते हुए बताया गया कि पुल से पंजाब राज्य में आसान पहुंच के कारण अब एक गेट लगाया गया है। इस मार्ग का उपयोग टैक्स से बचने के लिए भी किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई 30 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने इन गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेते हुए प्रतिवादियों के लिए इस पर आवश्यक निर्देश लेने के लिए समय दिया। इसको लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर न्यायालय ने यह आदेश दिए हैं।
Trending Videos
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शाह नहर पुल के आरडी नंबर 7315 और 7910 पर बने रास्ते का इस्तेमाल रेत और अल्प खनिजों के अवैध परिवहन के लिए भारी व्यावसायिक वाहनों की ओर से किया जा रहा है। यह सुविधा केवल किसानों के लिए है। पुल पर एक ऊंचाई अवरोधक गेट लगाया गया था, जिसे खनन माफिया के इशारे पर हटा दिया गया है। कोर्ट में पेश की गई तस्वीरों का हवाला देते हुए बताया गया कि पुल से पंजाब राज्य में आसान पहुंच के कारण अब एक गेट लगाया गया है। इस मार्ग का उपयोग टैक्स से बचने के लिए भी किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई 30 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने इन गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेते हुए प्रतिवादियों के लिए इस पर आवश्यक निर्देश लेने के लिए समय दिया। इसको लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर न्यायालय ने यह आदेश दिए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
धन शोधन मामले में आरोपी बंसल को हाईकोर्ट से सशर्त अग्रिम जमानत
छात्रवृत्ति घोटाले के धन शोधन मामले में आरोपी रजनीश बंसल को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सर्शत अग्रिम जमानत दी है। अदालत ने आरोपी को 2 लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों को जांच अधिकारी की संतुष्टि पर प्रस्तुत करने के बाद जमानत पर रिहा करने को कहा है।
याचिका में बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय शिमला की ओर से 19 जुलाई 2019 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के अंतर्गत रजनीश को गिरफ्तार किया गया था। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को जांच अधिकारी की ओर से बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने, न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना विदेश जाने, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई प्रलोभन, धमकी नहीं देेने और सुनवाई की प्रत्येक तिथि पर न्यायालय में उपस्थित होना होगा। यह मामला छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित है।
रजनीश बंसल हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस और अपेक्स ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट्स का चेयरमैन है। उस पर फर्जी दावे करके छात्रों के नाम पर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है। अदालत को बताया गया कि बंसल को सीबीआई ने पहले गिरफ्तार किया था और उन्हें जमानत मिल गई थी। वहीं, ईडी ने आरोप लगाया कि बंसल जानबूझकर ईडी के समन से बच रहा है। इस कारण निचली अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए। इसी को चुनौती दी गई थी।
छात्रवृत्ति घोटाले के धन शोधन मामले में आरोपी रजनीश बंसल को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सर्शत अग्रिम जमानत दी है। अदालत ने आरोपी को 2 लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों को जांच अधिकारी की संतुष्टि पर प्रस्तुत करने के बाद जमानत पर रिहा करने को कहा है।
याचिका में बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय शिमला की ओर से 19 जुलाई 2019 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के अंतर्गत रजनीश को गिरफ्तार किया गया था। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को जांच अधिकारी की ओर से बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने, न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना विदेश जाने, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई प्रलोभन, धमकी नहीं देेने और सुनवाई की प्रत्येक तिथि पर न्यायालय में उपस्थित होना होगा। यह मामला छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित है।
रजनीश बंसल हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस और अपेक्स ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट्स का चेयरमैन है। उस पर फर्जी दावे करके छात्रों के नाम पर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है। अदालत को बताया गया कि बंसल को सीबीआई ने पहले गिरफ्तार किया था और उन्हें जमानत मिल गई थी। वहीं, ईडी ने आरोप लगाया कि बंसल जानबूझकर ईडी के समन से बच रहा है। इस कारण निचली अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए। इसी को चुनौती दी गई थी।