Himachal: बघाट बैंक प्रबंधकों ने डिफाल्टरों को लोन चुकाने के लिए भी दे दिया ऋण, जांच से बड़ा खुलासा
प्रदेश के बघाट बैंक में लोन वितरण मामले में बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
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हिमाचल प्रदेश के बघाट बैंक में लोन वितरण मामले में बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। डिफाल्टरों की लोन संबंधी फाइलों की जांच में खुलासा हुआ कि तत्कालीन बैंक प्रबंधकों ने डिफाल्टरों को लोन चुकाने के लिए भी ऋण दे दिए। इसके बावजूद डिफाल्टरों ने लोन नहीं चुकाया, जिससे अब यह देनदारी करोड़ों में पहुंच चुकी है। जांच में यह भी पता चला कि नया लोन भी उसी संपत्ति पर दे दिया, जिस संपत्ति पर पहले ही लोन लिया हुआ था। यह खुलासा सहायक पंजीयक की अदालत में चल रही लोन वितरण की जांच में हुआ है। जांच में पाया गया कि करीब 10 डिफाल्टर ऐसे हैं, जिन्हें बैंक ने लोन चुकाने के लिए भी लोन दिए।
इसमें डिफाल्टर को जो लोन पहले दिया था, बाद में उसी लोन की 60 से 80 फीसदी रकम लोन चुकाने के लिए दे दी, जबकि लोन लेने वाले ने उसके बाद भी लोन नहीं चुकाया और अब वह डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं। करीब 20 करोड़ रुपये के लोन में ऐसी गड़बड़ियां पाई गई हैं। इनमें बार-बार एक ही संपत्ति को दिखाकर लोन का आवंटन हुआ था। अब तक अदालत में करीब 60 करोड़ रुपये के लोन की जांच हो चुकी हैं। इसमें ज्यादातर में खामियां पाई गई हैं। अभी भी करीब 70 से 80 करोड़ के लोन की जांच होना बाकी है। हालांकि, अदालत ने यह पहले ही तय कर दिया है कि अगर डिफाल्टर लोन नहीं चुकाते हैं तो बैंक के तत्कालीन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से भरपाई करवाई जाएगी।
अब तक 60 करोड़ के लोन की हुई जांच, 77 हजार ग्राहक हो रहे हैं परेशान
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की लापरवाही के चलते करीब 77 हजार ग्राहक परेशान हो रहे हैं। बैंक की सोलन, शिमला और ऊना समेत कई जगह शाखाएं हैं। बैंक में कैपिंग लगी हुई है। छह माह तक ग्राहकों को सिर्फ 10 हजार रुपये निकालने की अनुमति है। ऐसे में अब अगर डिफाल्टरों से लोन की रकम वापस नहीं होती है तो मुश्किलें बढ़ेंगी।
जांच में सामने आया है कि बैंक ने लोन चुकाने के लिए भी डिफाल्टरों को ऋण दे दिया। बावजूद डिफाल्टरों ने लोन नहीं चुकाया। एक दर्जन के करीब ऐसी फाइलें पाई गई हैं, जिसमें ऐसी खामियां सामने आई हैं। अभी कई फाइलों की जांच होनी है। -गिरीश नड्डा, सहायक, पंजीयक सहकारी सभाएं सोलन