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हिमाचल प्रदेश: अनिवार्य शिक्षा के अधिकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में नए सिरे से दी जाएगी चुनौती
संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Wed, 26 Nov 2025 03:00 AM IST
सार
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 6 से 14 साल तक बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को नए सिरे से याचिकाकर्ताओं की ओर से चुनौती दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश में 6 से 14 साल तक बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को हाईकोर्ट में नए सिरे से याचिकाकर्ताओं की ओर से चुनौती दी जाएगी। याचिकाकर्ताओं के वकील ने न्यायालय को बताया कि याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान प्रतिवादी राज्य सरकार ने 24 जुलाई को बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, हिमाचल प्रदेश नियम 2025 को अधिसूचित किया है। याचिकाकर्ता अब इन नियमों को भी चुनौती देना चाहते हैं।
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न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को स्वीकार करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं को नए सिरे से याचिका दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की है। याचिकाकर्ताओं ने स्कूलों को बंद करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अधिवक्ता ने बताया कि सरकार की इस पॉलिसी और रूल्स के तहत जिन स्कूलों में 25 से कम छात्र हैं, उन स्कूलों को सरकार ने नजदीक के स्कूलों में विलय करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि, केंद्र सरकार के 2010 के रूल्स के मुताबिक ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।
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उन्होंने बताया कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक यह रूल्स नहीं बनाए गए हैं। यहां पर दूरदराज के क्षेत्र में जहां पर अभी सड़कें नहीं हैं और जहां सड़कें है, वहां बसों का प्रावधान नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकार की ओर से जारी नियम तर्कसंगत नहीं है। संविधान की धारा 21 ए के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है।