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HP High Court: यंग प्रोफेशनल्स की सेवाओं को तत्काल बहाल करने के आदेश, एएसआई पंकज शर्मा को नहीं मिली जमानत

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Tue, 14 Oct 2025 11:44 AM IST
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सार

आउटसोर्स आधार पर नियुक्त यंग प्रोफेशनल्स की सेवाओं को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तत्काल बहाल करने के आदेश दिए हैं। वहीं, एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव की जांच के दौरान मिली पेन ड्राइव गायब करने के मामले में आरोपी एएसआई पंकज शर्मा को जमानत नहीं मिली है। पढ़ें पूरी खबर...

HP High Court Orders immediate reinstatement of services of young professionals ASI Pankaj Sharma denied bail
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत आउटसोर्स आधार पर नियुक्त यंग प्रोफेशनल्स की सेवाओं को राज्य हाईकोर्ट ने तत्काल बहाल करने के आदेश दिए हैं। परियोजना के कार्यकाल की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ जाने के कारण जिनकी सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गई थीं, उन्हें न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने बहाल कर दिया है।



हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम से परियोजना अवधि के विस्तार की मंजूरी न मिलने के कारण याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को 3 अप्रैल 2025 के कार्यालय पत्र के माध्यम से बंद कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति यंग प्रोफेशनल्स के रूप में अक्तूबर 2018 के कार्यालय पत्र के तहत आउटसोर्स आधार पर परियोजना अवधि के लिए की गई थी, जो एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के फंड पर निर्भर थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रस्तुत 20 जून के कार्यालय पत्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध पर परियोजना की अवधि को छह महीने के लिए यानी 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

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याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को समाप्त नहीं किया गया था, बल्कि केवल परियोजना अवधि के विस्तार की मंजूरी न मिलने के कारण बंद किया गया था और अब परियोजना अवधि को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है, इसलिए न्यायालय ने प्रतिवादियों को याचिकाकर्ताओं को यंग प्रोफेशनल के रूप में तत्काल प्रभाव से उन्हीं नियमों और शर्तों पर फिर से तैनात करने का निर्देश दिए हैं। मुख्य याचिका पर विचार के लिए मामले को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया गया है।

गो उपकर मामले में सरकार को नोटिस
प्रदेश हाईकोर्ट में गो उपकर को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में सरकार से मांग की है कि वर्ष 2023 से अभी तक गो उपकर कहां और कैसे खर्च किया गया, इस पर अदालत को बताया जाए। सरकार ने 2023-24 के बजट में शराब की प्रति बोतल पर 10 रुपये गो सेस लगाने की घोषणा की है। इसके बाद भी सड़कों पर पशु बेसहारा घूम रहे हैं। न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत को बताया गया कि लावारिस पशुओं से संबंधित पहले ही जनहित विचाराधीन है। खंडपीठ ने इस मामले को दूसरी जनहित याचिका के साथ जोड़ दिया है। दोनों मामलों की तीन नवंबर को सुनवाई होगी।

केवल पठानिया एक्स पार्टी घोषित
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में उप मुख्य सचेतक के पद को चुनौती देने वाली याचिका में केवल सिंह पठानिया के अनुपस्थित रहने पर उन्हें मामले में एक्स पार्टी घोषित कर दिया है। पठानिया की ओर से सुनवाई के दौरान कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने पार्टी को सुने बिना एकतरफा आदेश पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्तूबर को होगी। याचिका में मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक बनाने वाले कानून को चुनौती दी गई है। बताया गया है कि यह संविधान के नियमों के खिलाफ है।
 

प्रबोध के सेवा विस्तार मामले में फैसला सुरक्षित
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के सेवा विस्तार मामले में सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में जो रिकॉर्ड रजिस्ट्रार जनरल के पास सीलबंद लिफाफे में पेश किया गया है। उसे फैसला पारित होने के बाद सील्ड कवर में बंद कर वापस भेज दिया जाएगा।
 

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार को एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया था कि क्या मुख्यमंत्री कैबिनेट की मंजूरी के बिना केंद्र सरकार को संस्तुति भेज सकते हैं या नहीं। इस पर राज्य सरकार ने शपथपत्र दाखिल किया है। महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत में अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के एडमिनिस्ट्रेटिव और बिजनेस रूल्स के हिसाब से संबंधित विभाग का मिनिस्टर-इन-चार्ज ऐसा कर सकता है। वहीं सक्सेना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने तर्क दिया कि रूल 7 और 8 में यह स्पष्ट किया गया है कि कौन से मामले काउंसिल ऑफ मिनिस्टर को जाएंगे और कौन से नहीं। दूसरी ओर, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने तर्क दिया कि इन नियमों में कहीं भी सेवा विस्तार का जिक्र नहीं किया गया है। ये नियम आईएएस और एचपीएस अधिकारियों पर लागू होते हैं, न कि सेवा विस्तार पर।
 

हिरासत में चल रहे एएसआई पंकज को नहीं मिली जमानत
हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव की जांच के दौरान मिली पेन ड्राइव गायब करने के मामले में आरोपी एएसआई पंकज शर्मा को जमानत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका पर अब 27 अक्तूबर को सुनवाई होगी। तब तक पंकज शर्मा न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। सीबीआई ने जमानत याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट पहले ही दायर कर दी है। 
 
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