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Kangra News: नन्हे वैज्ञानिकों का स्मार्ट समाधान, अब भूस्खलन नहीं लेगा जान
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Sat, 20 Dec 2025 09:03 AM IST
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परौर स्कूल के नन्हें वैज्ञानिकों को सम्मानित करते प्रधानाचार्य संगीता और अन्य। -स्रोत : संस्थान
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पालमपुर (कांगड़ा)। शहीद सुरेंद्र सिंह राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परौर के नन्हे वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्कूल के विद्यार्थियों आरव, चिराग और अश्विन ने अपनी मेंटर पारुल विज के मार्गदर्शन में एक ऐसा लैंडस्लाइड डिटेक्शन सिस्टम (मॉडल कम एप) तैयार किया है, जो भूस्खलन होने से पहले ही वाहन चालकों और प्रशासन को सचेत कर देगा।
इस नवाचारी मॉडल को प्रदेश स्तरीय इनोवेट हिमाचल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। समग्र शिक्षा अभियान और अटल इनोवेशन मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रदेशभर के स्कूलों ने भाग लिया था। एडसिल वेल्वर एंड जप्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अक्तूबर और नवंबर में दो चरणों में ऑनलाइन आयोजित इस प्रतियोगिता में परौर स्कूल के मॉडल को सर्वश्रेष्ठ चुना गया।
18 दिसंबर को स्कूल पहुंची टीम ने विजेता छात्रों को सम्मानित किया। परियोजना मेंटर पारुल विज ने बताया कि इस तकनीक के तहत भूस्खलन संभावित पहाड़ियों पर विशेष सेंसर लगाए जाएंगे। ये सेंसर पहाड़ी में होने वाली हलचल को पकड़कर तुरंत एप के माध्यम से वाहन चालकों को सूचना भेजेंगे। इससे चालक पहाड़ी से गिरते पत्थरों या भूस्खलन का खतरा भांपकर समय रहते अपनी और सवारियों की जान बचा सकेंगे।
विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानाचार्या संगीता ने विजेता छात्रों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यावहारिक समस्या समाधान की क्षमता विकसित करते हैं। इस अवसर पर क्लस्टर को-ऑर्डिनेटर विनय कुमार, मोहित भाटी, इंस्ट्रक्टर सनी राणा सहित अभिभावक और शिक्षक मौजूद रहे।
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इस नवाचारी मॉडल को प्रदेश स्तरीय इनोवेट हिमाचल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। समग्र शिक्षा अभियान और अटल इनोवेशन मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रदेशभर के स्कूलों ने भाग लिया था। एडसिल वेल्वर एंड जप्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अक्तूबर और नवंबर में दो चरणों में ऑनलाइन आयोजित इस प्रतियोगिता में परौर स्कूल के मॉडल को सर्वश्रेष्ठ चुना गया।
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18 दिसंबर को स्कूल पहुंची टीम ने विजेता छात्रों को सम्मानित किया। परियोजना मेंटर पारुल विज ने बताया कि इस तकनीक के तहत भूस्खलन संभावित पहाड़ियों पर विशेष सेंसर लगाए जाएंगे। ये सेंसर पहाड़ी में होने वाली हलचल को पकड़कर तुरंत एप के माध्यम से वाहन चालकों को सूचना भेजेंगे। इससे चालक पहाड़ी से गिरते पत्थरों या भूस्खलन का खतरा भांपकर समय रहते अपनी और सवारियों की जान बचा सकेंगे।
विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानाचार्या संगीता ने विजेता छात्रों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यावहारिक समस्या समाधान की क्षमता विकसित करते हैं। इस अवसर पर क्लस्टर को-ऑर्डिनेटर विनय कुमार, मोहित भाटी, इंस्ट्रक्टर सनी राणा सहित अभिभावक और शिक्षक मौजूद रहे।