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Kangra News: विस में गूंजा कांगड़ा-चंबा की जीवन रेखा होली-उतराला सड़क का मुद्दा
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विधानसभा में अपनी बात रखी मंत्री विक्रमादित्य सिंह और भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार। -स्रोत ः व
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तपोवन (धर्मशाला)। तपोवन स्थित विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन वीरवार को कांगड़ा-चंबा की जीवनरेखा बनने वाली होली-उतराला सड़क का मुद्दा सदन में छाया रहा। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने इस मार्ग के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का दर्जा देने का मुद्दा उठा। वहीं, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार इसके प्रति संवेदनशील है, लेकिन केंद्रीय स्वीकृति और बजट की कमी आड़े आ रही है।
भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने नियम-62 के तहत सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए इस सड़क को कांगड़ा और चंबा जिलों के लिए जीवन रेखा बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ 71 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। इसके बनने से लोगों का 350 किलोमीटर का लंबा सफर घटकर महज 71 किलोमीटर रह जाएगा।
पर्यटन की क्षमता : परमार ने इस सड़क को पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां आइस स्केटिंग, साइकिलिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मार्ग को आईडीएमआर में शामिल किया जाए, सीआरएफ के तहत डीपीआर केंद्र को भेजी जाए और शेष बचे 20 किलोमीटर सड़क का सर्वे विकसित तकनीक से करवाया जाए।
पीडब्ल्यूडी मंत्री : 2023 में प्रस्ताव भेजा, बजट का इंतजार
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जवाब में कहा कि यह ट्रेक विशेष रूप से चंबा और कांगड़ा के भेड़पालकों (गद्दी समुदाय) के लिए महत्वपूर्ण है। मंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने इस ग्रामीण सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए पांच अक्तूबर 2023 को ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसकी स्वीकृति अभी भी अपेक्षित है।
गति शक्ति योजना : सरकार ने होली-उतराला समेत प्रदेश की पांच सड़कों को पीएम गतिशक्ति योजना के तहत केंद्र को बजट के लिए भेजा है, लेकिन अभी तक बजट की स्वीकृति नहीं मिली है। मंत्री ने कहा कि यह सड़क एक ग्रामीण सड़क (कुल लंबाई 71 किलोमीटर) है। इसके निर्माण पर वर्तमान में केवल राज्य सरकार ही बजट खर्च कर रही है।
विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि इस मार्ग को आईएमडीआर और सीआरएफ में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और प्रदेश सरकार इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करवाने के लिए पूरी तरह से प्रयत्नशील है। मंत्री ने अंत में विपक्ष से आग्रह किया कि प्रदेश के विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबको मिलकर मेहनत और योगदान देना होगा।
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भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने नियम-62 के तहत सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए इस सड़क को कांगड़ा और चंबा जिलों के लिए जीवन रेखा बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ 71 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। इसके बनने से लोगों का 350 किलोमीटर का लंबा सफर घटकर महज 71 किलोमीटर रह जाएगा।
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पर्यटन की क्षमता : परमार ने इस सड़क को पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां आइस स्केटिंग, साइकिलिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मार्ग को आईडीएमआर में शामिल किया जाए, सीआरएफ के तहत डीपीआर केंद्र को भेजी जाए और शेष बचे 20 किलोमीटर सड़क का सर्वे विकसित तकनीक से करवाया जाए।
पीडब्ल्यूडी मंत्री : 2023 में प्रस्ताव भेजा, बजट का इंतजार
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जवाब में कहा कि यह ट्रेक विशेष रूप से चंबा और कांगड़ा के भेड़पालकों (गद्दी समुदाय) के लिए महत्वपूर्ण है। मंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने इस ग्रामीण सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए पांच अक्तूबर 2023 को ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसकी स्वीकृति अभी भी अपेक्षित है।
गति शक्ति योजना : सरकार ने होली-उतराला समेत प्रदेश की पांच सड़कों को पीएम गतिशक्ति योजना के तहत केंद्र को बजट के लिए भेजा है, लेकिन अभी तक बजट की स्वीकृति नहीं मिली है। मंत्री ने कहा कि यह सड़क एक ग्रामीण सड़क (कुल लंबाई 71 किलोमीटर) है। इसके निर्माण पर वर्तमान में केवल राज्य सरकार ही बजट खर्च कर रही है।
विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि इस मार्ग को आईएमडीआर और सीआरएफ में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और प्रदेश सरकार इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करवाने के लिए पूरी तरह से प्रयत्नशील है। मंत्री ने अंत में विपक्ष से आग्रह किया कि प्रदेश के विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबको मिलकर मेहनत और योगदान देना होगा।