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मनरेगा कानून बदलना अन्याय : कौल सिंह
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जिला कांग्रेस कमेटी ने गांधी चौक में किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
मंडी। जिला कांग्रेस कमेटी मंडी की ओर से रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ मंडी के गांधी चौक में गांधी की प्रतिमा के सामने धरना-प्रर्दशन किया गया।
यह प्रदर्शन पूर्व अध्यक्ष चेतराम ठाकुर की अध्यक्षता में मनरेगा कानून के बदलाव के खिलाफ किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि 21 दिसंबर 2004 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस ऐतिहासिक कानून को लागू कर देश के करोड़ों लोगों को सीधे तौर पर रोजगार उनके घर द्वार पर मुहैया करवाया था। इस कानून के बनने से ग्रामीण लोगों की आर्थिक दशा मजबूत हुई, जिसके कारण आज भारत विश्व में तीसरी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर कर सामने आया है।
मनरेगा कानून को बदलने से भारत के करोड़ों गरीब लोगों के साथ अन्याय होगा। इनकी रोजी-रोटी मनरेगा से चलती थी। वर्तमान में जो नया कानून बनाया गया है उसमें बहुत सारी खामियां हैं और उसको लागू किया जाता है तो राज्यों पर जो बोझ पड़ेगा वह नहीं दे पाएंगे और यहां योजना धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। इस अवसर पर चंपा ठाकुर, नरेश चौहान, जगदीश रेड्डी, जोगिंदर, अलकनंदा, तोष कुमार, शकुंतला, अलकनंदा आदि मौजूद रहे। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
मंडी। जिला कांग्रेस कमेटी मंडी की ओर से रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ मंडी के गांधी चौक में गांधी की प्रतिमा के सामने धरना-प्रर्दशन किया गया।
यह प्रदर्शन पूर्व अध्यक्ष चेतराम ठाकुर की अध्यक्षता में मनरेगा कानून के बदलाव के खिलाफ किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि 21 दिसंबर 2004 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस ऐतिहासिक कानून को लागू कर देश के करोड़ों लोगों को सीधे तौर पर रोजगार उनके घर द्वार पर मुहैया करवाया था। इस कानून के बनने से ग्रामीण लोगों की आर्थिक दशा मजबूत हुई, जिसके कारण आज भारत विश्व में तीसरी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर कर सामने आया है।
मनरेगा कानून को बदलने से भारत के करोड़ों गरीब लोगों के साथ अन्याय होगा। इनकी रोजी-रोटी मनरेगा से चलती थी। वर्तमान में जो नया कानून बनाया गया है उसमें बहुत सारी खामियां हैं और उसको लागू किया जाता है तो राज्यों पर जो बोझ पड़ेगा वह नहीं दे पाएंगे और यहां योजना धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। इस अवसर पर चंपा ठाकुर, नरेश चौहान, जगदीश रेड्डी, जोगिंदर, अलकनंदा, तोष कुमार, शकुंतला, अलकनंदा आदि मौजूद रहे। संवाद
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