{"_id":"692886544ab714f47e07b71c","slug":"dismissal-of-petition-filed-late-mandi-news-c-90-1-ssml1045-177557-2025-11-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mandi News: देरी से दायर याचिका की खारिज","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mandi News: देरी से दायर याचिका की खारिज
विज्ञापन
विज्ञापन
मंडी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी की अदालत ने भूमि अधिग्रहण अवॉर्ड को चुनौती देने में हुई देरी से दायर याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि कानून में निर्धारित 120 दिन की अधिकतम अवधि के बाद कोई भी देरी माफ नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता ने मध्यस्थता पुरस्कार को चुनौती देने में हुई देरी को माफ करने की मांग की थी।
मामले के तथ्यों के अनुसार कुल्लू जिले के रहने वाले देवेंद्र कुमार और उमेश कुमार ने एनएचएआई की ओर से उनकी भूमि के अधिग्रहण को लेकर मध्यस्थ की ओर से 5 अक्तूबर 2023 को पारित अवॉर्ड को चुनौती दी थी। दोनों को अवॉर्ड की हस्ताक्षरित प्रति 5 फरवरी 2024 को मिली थी, जिसके बाद उन्होंने आपत्ति याचिका तैयार की।
याचिकाकर्ताओं ने यह आवेदन पहले जिला न्यायाधीश कुल्लू के समक्ष दायर किया था, जहां से 9 दिसंबर 2024 को यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि मामले का क्षेत्राधिकार मंडी अदालत के पास है। बाद में यह याचिका मंडी अदालत में 25 फरवरी 2025 को दायर हुई।
अदालत ने सभी तथ्यों के आधार पर कहा कि अवॉर्ड की प्रति 5 फरवरी 2024 को मिल चुकी थी, इसलिए याचिका अधिकतम 5 जून 2024 तक दायर हो सकती थी, इसके बाद की देरी को चुनौती नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि कानून के अनुसार 120 दिन के बाद देरी स्वीकार नहीं की जा सकती। अदालत ने देरी माफी की अर्जी और समय-सीमा से संबंधित अर्जी दोनों को खारिज कर दिया। संवाद
Trending Videos
मामले के तथ्यों के अनुसार कुल्लू जिले के रहने वाले देवेंद्र कुमार और उमेश कुमार ने एनएचएआई की ओर से उनकी भूमि के अधिग्रहण को लेकर मध्यस्थ की ओर से 5 अक्तूबर 2023 को पारित अवॉर्ड को चुनौती दी थी। दोनों को अवॉर्ड की हस्ताक्षरित प्रति 5 फरवरी 2024 को मिली थी, जिसके बाद उन्होंने आपत्ति याचिका तैयार की।
विज्ञापन
विज्ञापन
याचिकाकर्ताओं ने यह आवेदन पहले जिला न्यायाधीश कुल्लू के समक्ष दायर किया था, जहां से 9 दिसंबर 2024 को यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि मामले का क्षेत्राधिकार मंडी अदालत के पास है। बाद में यह याचिका मंडी अदालत में 25 फरवरी 2025 को दायर हुई।
अदालत ने सभी तथ्यों के आधार पर कहा कि अवॉर्ड की प्रति 5 फरवरी 2024 को मिल चुकी थी, इसलिए याचिका अधिकतम 5 जून 2024 तक दायर हो सकती थी, इसके बाद की देरी को चुनौती नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि कानून के अनुसार 120 दिन के बाद देरी स्वीकार नहीं की जा सकती। अदालत ने देरी माफी की अर्जी और समय-सीमा से संबंधित अर्जी दोनों को खारिज कर दिया। संवाद