{"_id":"692741583a672ecfa909703e","slug":"sushma-achieved-success-through-struggle-and-became-an-example-of-self-reliance-mandi-news-c-90-1-ssml1045-177378-2025-11-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mandi News: सुषमा ने संघर्ष से पाई सफलता, आत्मनिर्भरता की बनीं मिसाल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mandi News: सुषमा ने संघर्ष से पाई सफलता, आत्मनिर्भरता की बनीं मिसाल
संवाद न्यूज एजेंसी, मंडी
Updated Thu, 27 Nov 2025 06:31 AM IST
विज्ञापन
सुषमा देवी
विज्ञापन
सरकाघाट (मंडी)। उपमंडल सरकाघाट के तांलगरा डाकघर मसेरन की रहने वाली सुषमा देवी ने वह कर दिखाया जो हिम्मत और संकल्प की ताकत से ही संभव है। करीब 23 वर्ष पहले जब उनके पति का निधन हुआ, तब बेटा विशाल मात्र डेढ़ वर्ष का था और बेटी आंचल ढाई साल की। जीवन अचानक कठिनाइयों से घिर गया लेकिन सुषमा ने हार नहीं मानी। संघर्ष कर उन्होंने सफलता पाई और कई युवतियों को प्रशिक्षण देकर खुद के पैरों पर खड़ा किया।
शुरूआत में सुषमा देवी ने मनियारी का छोटा सा काम शुरू किया परंतु आमदनी परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में उन्होंने खुद को निखारने का निर्णय लिया और ब्यूटी पार्लर का हुनर सीखा। कौशल सीखते ही उन्होंने सरकाघाट के अपर बाजार धर्मपुर रोड पर अपना पार्लर शुरू किया। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी और वही हुनर उनका सहारा बन गया। आज सुषमा न सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं बल्कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर उनका भविष्य भी सुरक्षित कर चुकी हैं।
बेटी आंचल भारद्वाज ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक से एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की और उनकी शादी भी सुषमा ने अपने परिश्रम की बदौलत तीन साल पहले धर्मपुर में बैंक में तैनात युवक से कर दी। बेटे विशाल भारद्वाज ने पंजाब जालंधर से डॉक्टर फिजियो और उसके साथ मास्टर फिजियो पूरा किया। आज वह गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ में डॉक्टर के पद पर कार्यरत है।
सुषमा ने केवल अपना जीवन नहीं बदला बल्कि 20 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को ब्यूटी पार्लर और मेकअप का प्रशिक्षण देकर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया है। विवाह और अन्य आयोजनों में महिलाओं को श्रृंगार सेवा प्रदान कर वह अन्य महिलाओं को भी निरंतर काम उपलब्ध करा रही हैं। सुषमा आज इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हिम्मत और मेहनत से कोई भी महिला अपने जीवन को नई दिशा दे सकती है।
Trending Videos
शुरूआत में सुषमा देवी ने मनियारी का छोटा सा काम शुरू किया परंतु आमदनी परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में उन्होंने खुद को निखारने का निर्णय लिया और ब्यूटी पार्लर का हुनर सीखा। कौशल सीखते ही उन्होंने सरकाघाट के अपर बाजार धर्मपुर रोड पर अपना पार्लर शुरू किया। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी और वही हुनर उनका सहारा बन गया। आज सुषमा न सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं बल्कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर उनका भविष्य भी सुरक्षित कर चुकी हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
बेटी आंचल भारद्वाज ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक से एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की और उनकी शादी भी सुषमा ने अपने परिश्रम की बदौलत तीन साल पहले धर्मपुर में बैंक में तैनात युवक से कर दी। बेटे विशाल भारद्वाज ने पंजाब जालंधर से डॉक्टर फिजियो और उसके साथ मास्टर फिजियो पूरा किया। आज वह गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ में डॉक्टर के पद पर कार्यरत है।
सुषमा ने केवल अपना जीवन नहीं बदला बल्कि 20 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को ब्यूटी पार्लर और मेकअप का प्रशिक्षण देकर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया है। विवाह और अन्य आयोजनों में महिलाओं को श्रृंगार सेवा प्रदान कर वह अन्य महिलाओं को भी निरंतर काम उपलब्ध करा रही हैं। सुषमा आज इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हिम्मत और मेहनत से कोई भी महिला अपने जीवन को नई दिशा दे सकती है।