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Mandi News: कांगनीधार में वन संपदा के नुकसान की पनारसा रेंज में होगी भरपाई
संवाद न्यूज एजेंसी, मंडी
Updated Thu, 27 Nov 2025 06:36 AM IST
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मंडी। मंडी शहर के साथ सटे डीपीएफ कांगनीधार में न्यायिक न्यायालय परिसर के निर्माण में वन संपदा को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई पनारसा वन रेंज में होगी। प्रयोक्ता एजेंसी को पनारसा वन रेंज में 19.20 हेक्टेयर वन भूमि में क्षतिपूर्ति की एवज में पौधरोपण करना होगा। जहां तक संभव हो यहां पर पेड़ों की स्वदेशी प्रजातियों को उगाया जाएगा।
इसके अलावा कांगनीधार में भी 1.58 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण करना होगा। यह पौधरोपण फाइनल अप्रूवल मिलने की एक साल की अवधि के अंदर करना होगा। जब कभी भी उच्चतम न्यायालय की ओर से नेट प्रेजेंट वेल्यू (एनपीवी) राशि बढ़ाई जाएगी तो प्रयोक्ता एजेंसी को इसे जमा करवाना होगा। 99 साल के लिए लीज, राज्य सरकार इस लीज अवधि को बढ़ाने के लिए सक्षम रहेगी। काटे जाने वाले पेड़ पौधों की संख्या प्रस्ताव में दर्शाई गई संख्या से अधिक नहीं होनी चाहिए। वन्य जीवों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना होगा। डीपीएफ कांगनीधार में 9.6 हेक्टेयर वन भूमि में न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी का निर्माण होगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन भूमि हस्तांतरण के लिए पहले सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई थी लेकिन अब अंतिम मंजूरी मिलने से न्यायिक न्यायालय परिसर निर्माण की राह की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है।
डीपीएफ कांगनीधार में न्यायिक न्यायालय परिसर का निर्माण करने के लिए वन भूमि हस्तांतरित करने की अंतिम मंजूरी मिल गई है। वन संपदा को पहुंचने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए यूजर एजेंसी को पनारसा वन रेंज में पौधरोपण करना होगा।
-वासु डोगर, वन मंडलाधिकारी मंडी
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इसके अलावा कांगनीधार में भी 1.58 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण करना होगा। यह पौधरोपण फाइनल अप्रूवल मिलने की एक साल की अवधि के अंदर करना होगा। जब कभी भी उच्चतम न्यायालय की ओर से नेट प्रेजेंट वेल्यू (एनपीवी) राशि बढ़ाई जाएगी तो प्रयोक्ता एजेंसी को इसे जमा करवाना होगा। 99 साल के लिए लीज, राज्य सरकार इस लीज अवधि को बढ़ाने के लिए सक्षम रहेगी। काटे जाने वाले पेड़ पौधों की संख्या प्रस्ताव में दर्शाई गई संख्या से अधिक नहीं होनी चाहिए। वन्य जीवों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना होगा। डीपीएफ कांगनीधार में 9.6 हेक्टेयर वन भूमि में न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी का निर्माण होगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन भूमि हस्तांतरण के लिए पहले सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई थी लेकिन अब अंतिम मंजूरी मिलने से न्यायिक न्यायालय परिसर निर्माण की राह की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है।
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डीपीएफ कांगनीधार में न्यायिक न्यायालय परिसर का निर्माण करने के लिए वन भूमि हस्तांतरित करने की अंतिम मंजूरी मिल गई है। वन संपदा को पहुंचने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए यूजर एजेंसी को पनारसा वन रेंज में पौधरोपण करना होगा।
-वासु डोगर, वन मंडलाधिकारी मंडी