सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   The devastation caused by undergrounding the drain for the road in the ward

Mandi News: जेल रोड में प्रभावितों का दर्द झलका, बोले- मलबा फंसा तो सड़क बन गई दरिया

केपी पांजला, संवाद न्यूज एजेंसी, मंडी Published by: शिमला ब्यूरो Updated Wed, 30 Jul 2025 11:53 PM IST
विज्ञापन
सार

गंधर्व जंगल में शान से खुले बहने वाले नाले वार्ड में भूमिगत और सड़कों में जमीदोज हो गए हैं। 

The devastation caused by undergrounding the drain for the road in the ward
वार्ड में सड़क के लिए नाले को भूमिगत करने से हुई तबाही - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दो किलोमीटर ऊपर गंधर्व जंगल की पहाड़ी से आने वाले वाले नालों के पानी को कम आंकना जेल रोड में तबाही का कारण बना। पहाड़ी खत्म होते ही 100 मीटर के बाद सड़क के लिए नाला भूमिगत कर दिया था। बारिश में जब भूमिगत नाले में पहाड़ी से आए पेड़ और मलबा फंसा तो सड़क फिर नाला बन गई। पार्किंग की व्यवस्था न होने से सड़क किनारे खड़े किए ऑटो को सुरक्षित करने निकले परिवार के तीन लोगों को जान की कीमत चुकानी पड़ी।
loader
Trending Videos


40 से ज्यादा लोगों की बाइक, स्कूटी और कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। 20 से ज्यादा घरों में मलबा घुस गया और 15 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा। वार्ड में भूमिगत नाले के किनारों पर ज्यादा नुकसान हुआ है। अब भूूमिगत नाला पूरी तरह बंद होने से प्रभावितों को आगे की चिंता सतानी शुरू हो गई है। यहां रहने वाले अधिकतर किरायेदार बाहर रहने को मजबूर हुए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

खास बात है कि गंधर्व जंगल में शान से खुले बहने वाले नाले वार्ड में भूमिगत और सड़कों में जमीदोज हो गए हैं। हालांकि बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने भी यहां दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। मलबे को हटाने का कार्य शुरू हो गया है।

1. पहाड़ी से नीचे बसे कुलदीप शर्मा ने बताया कि उन्हें भी 2004 में नाले को भूमिगत करने का ऑफर दिया था। लेकिन उन्होंने सुरक्षा को देखते हुए इसे खुला रखवाया। नाला खुला होने से मलबा सीधा नीचे गया। यहां एक बॉवड़ी थी, उसकी छत पर मलबा फंसने से उनके घर को भी नुकसान पहुंचा था।

2. स्थानीय निवासी जितेश वर्मा ने बताया कि उस दिन अगर गाड़ियां निकालने पहुंचे होते तो कई लोगों की मौत हो सकती थी। उनकी दो स्कूटी और एक कार क्षतिग्रस्त हुई है। बताया कि उस रात मंजर काफी भयानक था। पहले कभी नहीं देखा था।

3. स्थानीय निवासी सलमा अंसारी बताती हैं कि नाला अगर भूमिगत नहीं होता तो मलबा सीधा नीचे जाना था। उस रात बड़े-बड़े पेड़ और मलबा फंसने से बाढ़ जैसे हालात थे। 30 साल में दूसरी बार ऐसी स्थिति हुई है।

4. यहां पार्किंग न होने से मजबूरी में सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ते हैं। नाले को भूमिगत करना महंगा पड़ गया। अगर पार्किंग और नाला भूमिगत नहीं किया होता तो शायद इतनी तबाही नहीं होती।

पहले सब नाले ही थे : पुष्पराज
पड्डल के रहने वाले वरिष्ठ पूर्व पार्षद पुष्पराज बताते हैं कि जेल रोड में यह किसी समय नाले ही थे। आबादी बढ़ती गई और अतिक्रमण होना शुरू हो गया। घरद्वार वाहनों के लिए नालों को भूमिगत करवाना अब महंगा पड़ रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed