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Rampur Bushahar News: जठाई-नेहरा सड़क पर 15 दिन से बंद, ग्रामीणों ने खुद मरम्मत का उठाया बीड़ा
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ग्रामीणों को झेलनी पड़ रहीं परेशानियां, सेब की फसल मंडी तक पहुंचाना बना चुनौती
संवाद न्यूज एजेंसी
ठियोग (रामपुर बुशहर)। ठियोग उपमंडल के अंतर्गत दादास पंचायत के तहत आने वाले जठाई-नेहरा गांव को जोड़ने वाली सड़क बीते 15 दिनों से बंद पड़ी है। सड़क बरसात में क्षतिग्रस्त हो गई है। लगातार अनदेखी से तंग आकर अब ग्रामीणों ने खुद ही इस सड़क की मरम्मत का बीड़ा उठा लिया है। ग्रामीणों ने खराब सड़क पर मिट्टी डालकर और पानी की निकासी के लिए नालियों की खोदाई करने का काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि सड़क पर दो से तीन फीट दरारें पड़ गई हैं, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से ठप है। गांव को जोड़ने वाली करीब डेढ़ किलोमीटर सड़क सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इसके बंद होने से न सिर्फ आम लोगों को आवागमन में मुश्किल पेश आ रही हैं, बल्कि सब्जियों और सेब की फसल को मंडी तक पहुंचाना भी चुनौती बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में बीमार लोगों को सड़क तक पहुंचाना सबसे ज्यादा कठिन हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद सड़क की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। अब वे अपनी मेहनत और संसाधनों से सड़क दुरुस्त करने पर मजबूर हैं।
दादास पंचायत के उपप्रधान वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात में ग्रामीण सड़कों को काफी क्षति पहुंची है। गांव कोंजांर वाली लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क लगातार धंस रही है, जिसकी वजह से मरम्मत का काम शुरू नहीं किया जा सका है। सड़क को दुरुस्त करने के लिए धन की मांग को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई है। धन की व्यवस्था होने के बाद काम शुरू करवाया जाएगा।

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संवाद न्यूज एजेंसी
ठियोग (रामपुर बुशहर)। ठियोग उपमंडल के अंतर्गत दादास पंचायत के तहत आने वाले जठाई-नेहरा गांव को जोड़ने वाली सड़क बीते 15 दिनों से बंद पड़ी है। सड़क बरसात में क्षतिग्रस्त हो गई है। लगातार अनदेखी से तंग आकर अब ग्रामीणों ने खुद ही इस सड़क की मरम्मत का बीड़ा उठा लिया है। ग्रामीणों ने खराब सड़क पर मिट्टी डालकर और पानी की निकासी के लिए नालियों की खोदाई करने का काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि सड़क पर दो से तीन फीट दरारें पड़ गई हैं, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से ठप है। गांव को जोड़ने वाली करीब डेढ़ किलोमीटर सड़क सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इसके बंद होने से न सिर्फ आम लोगों को आवागमन में मुश्किल पेश आ रही हैं, बल्कि सब्जियों और सेब की फसल को मंडी तक पहुंचाना भी चुनौती बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में बीमार लोगों को सड़क तक पहुंचाना सबसे ज्यादा कठिन हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद सड़क की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। अब वे अपनी मेहनत और संसाधनों से सड़क दुरुस्त करने पर मजबूर हैं।
दादास पंचायत के उपप्रधान वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात में ग्रामीण सड़कों को काफी क्षति पहुंची है। गांव कोंजांर वाली लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क लगातार धंस रही है, जिसकी वजह से मरम्मत का काम शुरू नहीं किया जा सका है। सड़क को दुरुस्त करने के लिए धन की मांग को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई है। धन की व्यवस्था होने के बाद काम शुरू करवाया जाएगा।
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