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Renuka Singh Thakur: दो साल की उम्र में पिता को खोया, तेरह साल की उम्र में घर छोड़ा, आज बन गईं विश्व विजेता

संवाद न्यूज एजेंसी, रोहड़ू। Published by: अंकेश डोगरा Updated Tue, 04 Nov 2025 10:43 AM IST
सार

Renuka Singh Thakur Story: महिला विश्व कप विजेता टीम की खिलाड़ी रेणुका सिंह ठाकुर का क्रिकेट का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। कपड़े की गेंद से लेकर भारतीय टीम में शामिल होने का ये सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा। जानें विस्तार से...

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Renuka Singh Thakur Story Lost her father at the age of two left home at the age of thirteen
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रेणुका ठाकुर - फोटो : PTI
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विस्तार
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दो साल की उम्र में पिता का सिर से साया उठने के बाद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रेणुका ठाकुर का क्रिकेट का सफर संघर्षपूर्ण रहा। पिता की मौत के बाद माता सुनिता ने कई साल तक जल शक्ति विभाग में चतुर्थ श्रेणी सेवाएं देकर बच्चों का पालन-पोषण किया। चाचा भूपिंद्र ठाकुर की एक पहल ने रेणुका के जीवन को बदल कर रख दिया। रेणुका ठाकुर गांव के स्कूल में पढ़ती थीं। एक शाम रेणुका कपड़े की गेंद से छोटे से मैदान में लकड़ी का बल्ला और डंडों की विकेट बनाकर लड़कों के साथ खेल रहीं थीं। चाचा भूपिंद्र ठाकुर कॉलेज में उस समय प्राध्यापक तैनात थे। उन्हें यह पता तक नहीं था कि यह बच्ची उनके चचेरे भाई की है।

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उन्होंने बच्चों के हाथ से बैट लेकर रेणुका से गेंदबाजी करने के लिए कहा। रेणुका की गेंदबाजी को देखकर उन्होंने पूछा कि किसकी बेटी हो। इसके बाद पता चला कि वह उनके चचेरे भाई स्व. केहर सिंह ठाकुर की बेटी है। उन्होंने उसी दिन से रेणुका को क्रिकेट अकादमी धर्मशाला के लिए भेजने की पहल शुरू की। 13 साल की उम्र में रेणुका का धर्मशाला के लिए चयन हो गया। पिता केहर सिंह भी क्रिकेट के शाैकीन थे। वह पूर्व क्रिकेट विनोद कांबली के बहुत बड़े फैन रहे। उनका सपना था कि उनका का भी एक बच्चा क्रिकेट में आगे आए। 2019 से रेणुका ने धर्मशाला अकादमी में कोच से क्रिकेट की बारीकियां सीखना शुरू कीं। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। पारसा पंचायत के प्रधान गणेश दत्त शर्मा शर्मा का कहना है कि रेणुका ने पारसा गांव का नाम पूरे देश में चमकाया है। रोहड़ू के लोगों को आज इस बेटी पर गर्व है।

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2021 में भारतीय टीम में मिला स्थान
उन्होंने टीम इंडिया, इंडिया वुमन ग्रीन, इंडिया वुमन बोर्ड प्रेजिडेंट और इंडिया बी वुमन का प्रतिनिधित्व किया है। वो बीसीसीआई के महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट 2019 में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं। बता दें कि इस टूर्नामेंट में कमाल की गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 23 विकेट चटकाए थे। इसके बाद रेणुका को टीम इंडिया से खेलने का मौका मिला। वह सात अक्तूबर 2021 का दिन था, जब रेणुका को भारतीय टीम से खेलने का मौका मिला। राष्ट्रमंडल खेलों में रेणुका ने यादगार प्रदर्शन किया। रेणुका ने पांच मैचों में 11 विकेट लिए। आईसीसी ने हाल ही में रेणुका को अपनी वनडे और टी-20 टीम में स्थान दिया है। इसके अलावा साल 2022 की उभरती खिलाड़ी का पुरस्कार भी रेणुका को दिया गया। पहले महिला आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने रेणुका को 1.40 करोड़ में अपनी टीम का हिस्सा बनाया।

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