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संजौली मस्जिद विवाद: देवभूमि संघर्ष समिति ने शुरू किया आमरण अनशन, बिजली और पानी का कनेक्शन काटने की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Tue, 18 Nov 2025 04:07 PM IST
सार
Sanjauli Mosque Controversy: देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली पुलिस थाने के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। समीति का कहना है कि अदालत ने मस्जिद गिराने के आदेश तक दिए हैं। इसके बावजूद मस्जिद की बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काटा गया है।
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आमरण अनशन पर बैठे देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
राजधानी शिमला में मंगलवार को संजौली पुलिस थाने के बाहर देवभूमि संघर्ष समिति ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। समिति का आरोप है कि विवादित और अदालत द्वारा अवैध घोषित की गई मस्जिद को हटाने में प्रशासन ढिलाई बरत रहा है। साथ ही संगठन ने नमाज के लिए जा रहे लोगों को रोकने को लेकर समिति के 6 सदस्यों पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग भी की है।
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'बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काटा'
समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा और सदस्य विकास थापटा ने कहा कि अदालत ने संजौली मस्जिद को अवैध घोषित किया है। यही नहीं अदालत ने उसे गिराने के आदेश तक दिए हैं। इसके बावजूद मस्जिद की बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काटा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम और प्रशासन जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि संघर्ष समिति के लोगों को उल्टा मामलों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
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ये भी पढ़ें- Sanjauli Mosque: शिमला की संजौली मस्जिद में नमाज पढ़ने आए थे मुस्लिम लोग, स्थानीय ने किया विरोध; पुलिस पहुंची
24 घंटे के भीतर एफआईआर ली जाए वापस
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पिछले हफ्ते मस्जिद में बाहरी राज्यों से नमाज पढ़ने के लिए लोग आए थे। इन लोगों को नमाज पढ़ने से रोकने के दौरान जो विवाद हुआ उसमें पुलिस ने उनके 6 सदस्यों पर समुदाय विशेष की भावनाएं आहत करने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है जो गलत है। समिति की मांग है कि 24 घंटे के भीतर यह एफआईआर वापस ली जाए और मस्जिद को गिराने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति दे रहा था प्रलोभन
विजय शर्मा ने कहा कि अदालत के आदेश स्पष्ट हैं। प्रशासन को बिना देरी कार्रवाई करनी चाहिए। यदि पुलिस और प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो शुक्रवार को प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी कल्पना भी प्रशासन नहीं कर सकता है। समिति के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय का एक व्यक्ति उन्हें प्रलोभन देकर पीछे हटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वे बिकने वाले नहीं हैं। वे लड़ाई जारी रखेंगे।
ये भी पढ़ें- Sanjauli Mosque: नमाज पढ़ने जा रहे लोगों का रोका था रास्ता, देवभूमि संघर्ष समिति के 6 लोगों पर एफआईआर
विजय शर्मा ने कहा कि अदालत के आदेश स्पष्ट हैं। प्रशासन को बिना देरी कार्रवाई करनी चाहिए। यदि पुलिस और प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो शुक्रवार को प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी कल्पना भी प्रशासन नहीं कर सकता है। समिति के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय का एक व्यक्ति उन्हें प्रलोभन देकर पीछे हटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वे बिकने वाले नहीं हैं। वे लड़ाई जारी रखेंगे।
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मस्जिद विवाद की पूरी टाइमलाइन कुछ इस प्रकार है।
2023
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया।
केस की शुरुआत; अवैध निर्माण की शिकायत पर सुनवाई शुरू। वक्फ बोर्ड ने स्वामित्व का दावा किया।
5 सितंबर 2024
हिंदू संगठनों ने चौरा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
देव भूमि संघर्ष समिति के नेतृत्व में "अवैध मस्जिद" गिराने की मांग; शिमला विधानसभा के पास तनाव।
8 सितंबर 2024
वक्फ बोर्ड ने अदालत में स्वामित्व का दावा किया।
बोर्ड ने कहा कि विवाद विकास का है, न कि स्वामित्व का; अदालत ने सवाल उठाया कि एक मंजिल कैसे 5 हो गई।
11 सितंबर 2024
हिंदू संगठनों का मार्च; पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
धल्ली टनल पर भारी सुरक्षा; व्यापार मंडल ने बाजार बंद रखा।
12 सितंबर 2024
मस्जिद कमिटी ने अवैध हिस्से को सील करने और खुद गिराने की पेशकश की।
मुस्लिम कल्याण समिति ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपा; शांति बनाए रखने की अपील।
5 अक्टूबर 2024
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने 3 अवैध मंजिलें गिराने का आदेश दिया।
मस्जिद कमिटी और वक्फ बोर्ड को 2 महीने का समय; अगली सुनवाई 21 दिसंबर।
19 अक्टूबर 2024
हाईकोर्ट ने नगर निगम को 8 हफ्तों में फैसला देने का निर्देश दिया।
स्थानीय निवासी की याचिका पर; केस 15 साल से लंबित था।
21 दिसंबर 2024
अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश; 50% ध्वस्तीकरण पूरा।
3 मंजिलों का आधा काम हुआ; वक्फ बोर्ड को दस्तावेज जमा करने और 15 मार्च 2025 तक रिपोर्ट देने का आदेश।
मई 2025
नगर निगम अदालत ने पूरी मस्जिद को अवैध घोषित किया।
सभी 5 मंजिलें गिराने का आदेश; वक्फ बोर्ड की अपील खारिज।
27 मई 2025
जिला अदालत ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई।
स्टे ऑर्डर जारी।
29 मई 2025
जिला अदालत में नगर निगम का जवाब दायर।
सुनवाई जारी।
30 मई 2025
जिला सेशन कोर्ट ने 5 जुलाई तक रोक लगाई।
अवैध निर्माण हटाने पर स्थगन।
16 मई 2025
हाईकोर्ट में याचिका दायर।
मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम के फैसले को चुनौती दी।
18 मई 2025
मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी।
नगर निगम के फैसले पर अपील।
21 मई 2025
आंदोलन की चर्चा; विरोध प्रदर्शन की आशंका।
देशहित कार्यक्रम में संजौली मस्जिद पर बहस।
अगस्त 2025
जिला अदालत में सुनवाई।
केस पर अपडेट।
30 अक्टूबर 2025
जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड की अपील खारिज की; पूरी मस्जिद ध्वस्त करने का आदेश।
2 महीने में अवैध हिस्सा गिराने का निर्देश, अन्यथा नगर निगम करेगा; भूमि राज्य सरकार के नाम पर।
31 अक्टूबर 2025
अदालत ने पुष्टि की: निचली 2 मंजिलें भी अवैध।
पूरा ढांचा गिरेगा।
14 नवंबर 2025
महिलाओं ने नमाज रोकने का प्रयास किया; तनाव।
बाहरी मुसलमानों को प्रवेश न देने पर बहस।
15-16 नवंबर 2025
नमाज में प्रवेश न देने पर विवाद; वीडियो वायरल।
अवैध मस्जिद में तनाव; पुलिस अलर्ट।
2023
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया।
केस की शुरुआत; अवैध निर्माण की शिकायत पर सुनवाई शुरू। वक्फ बोर्ड ने स्वामित्व का दावा किया।
5 सितंबर 2024
हिंदू संगठनों ने चौरा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
देव भूमि संघर्ष समिति के नेतृत्व में "अवैध मस्जिद" गिराने की मांग; शिमला विधानसभा के पास तनाव।
8 सितंबर 2024
वक्फ बोर्ड ने अदालत में स्वामित्व का दावा किया।
बोर्ड ने कहा कि विवाद विकास का है, न कि स्वामित्व का; अदालत ने सवाल उठाया कि एक मंजिल कैसे 5 हो गई।
11 सितंबर 2024
हिंदू संगठनों का मार्च; पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
धल्ली टनल पर भारी सुरक्षा; व्यापार मंडल ने बाजार बंद रखा।
12 सितंबर 2024
मस्जिद कमिटी ने अवैध हिस्से को सील करने और खुद गिराने की पेशकश की।
मुस्लिम कल्याण समिति ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपा; शांति बनाए रखने की अपील।
5 अक्टूबर 2024
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने 3 अवैध मंजिलें गिराने का आदेश दिया।
मस्जिद कमिटी और वक्फ बोर्ड को 2 महीने का समय; अगली सुनवाई 21 दिसंबर।
19 अक्टूबर 2024
हाईकोर्ट ने नगर निगम को 8 हफ्तों में फैसला देने का निर्देश दिया।
स्थानीय निवासी की याचिका पर; केस 15 साल से लंबित था।
21 दिसंबर 2024
अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश; 50% ध्वस्तीकरण पूरा।
3 मंजिलों का आधा काम हुआ; वक्फ बोर्ड को दस्तावेज जमा करने और 15 मार्च 2025 तक रिपोर्ट देने का आदेश।
मई 2025
नगर निगम अदालत ने पूरी मस्जिद को अवैध घोषित किया।
सभी 5 मंजिलें गिराने का आदेश; वक्फ बोर्ड की अपील खारिज।
27 मई 2025
जिला अदालत ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई।
स्टे ऑर्डर जारी।
29 मई 2025
जिला अदालत में नगर निगम का जवाब दायर।
सुनवाई जारी।
30 मई 2025
जिला सेशन कोर्ट ने 5 जुलाई तक रोक लगाई।
अवैध निर्माण हटाने पर स्थगन।
16 मई 2025
हाईकोर्ट में याचिका दायर।
मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम के फैसले को चुनौती दी।
18 मई 2025
मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी।
नगर निगम के फैसले पर अपील।
21 मई 2025
आंदोलन की चर्चा; विरोध प्रदर्शन की आशंका।
देशहित कार्यक्रम में संजौली मस्जिद पर बहस।
अगस्त 2025
जिला अदालत में सुनवाई।
केस पर अपडेट।
30 अक्टूबर 2025
जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड की अपील खारिज की; पूरी मस्जिद ध्वस्त करने का आदेश।
2 महीने में अवैध हिस्सा गिराने का निर्देश, अन्यथा नगर निगम करेगा; भूमि राज्य सरकार के नाम पर।
31 अक्टूबर 2025
अदालत ने पुष्टि की: निचली 2 मंजिलें भी अवैध।
पूरा ढांचा गिरेगा।
14 नवंबर 2025
महिलाओं ने नमाज रोकने का प्रयास किया; तनाव।
बाहरी मुसलमानों को प्रवेश न देने पर बहस।
15-16 नवंबर 2025
नमाज में प्रवेश न देने पर विवाद; वीडियो वायरल।
अवैध मस्जिद में तनाव; पुलिस अलर्ट।