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संजौली मस्जिद: देवभूमि संघर्ष समिति ने शुक्रवार को दी आंदोलन की चेतावनी, बच्चों को स्कूल न भेजने का आग्रह
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:57 PM IST
सार
Sanjauli Masjid Controversy: संजौली में आमरण अनशन पर बैठे देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने इस दौरान अभिभावकों से आग्रह किया है कि प्रदर्शन के दौरान वह अपने बच्चों को स्कूल न भेजें।
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देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी।
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
संजौली में मस्जिद विवाद एक बार फिर बढ़ गया है। देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी पिछले तीन दिनों से नगर निगम कोर्ट और जिला अदालत की ओर से अवैध घोषित किया जा चुके ढांचे के बिजली पानी का कनेक्शन काटने और मस्जिद में नमाज सहित अन्य गतिविधियों को बंद करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
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वहीं अब देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली में शुक्रवार को प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने इस दौरान अभिभावकों से आग्रह किया है कि प्रदर्शन के दौरान वह अपने बच्चों को स्कूल न भेजें, ताकि इस वजह से उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान संजौली में चक्का जाम कर दिया जाएगा। प्रदर्शन में प्रदेश भर से विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं समिति स्थानीय लोग भाग लेंगे।
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2010
पहला कानूनी मामला: शिमला नगर निगम आयुक्त (MC) की अदालत में अवैध निर्माण का केस दर्ज। 16 वर्षों में 45-50 सुनवाइयां हुईं।
अगस्त 2024
तनाव बढ़ा: 30 अगस्त को मस्जिद से जुड़े लोगों द्वारा स्थानीय व्यापारियों पर हमले की घटना। हिंदू संगठनों ने "बाहरी लोगों" को शरण देने का आरोप लगाया, जिससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा।
4 सितंबर 2024
राजनीतिक बयानबाजी: ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में अवैध निर्माण पर सख्ती का बयान दिया। बीजेपी ने समर्थन किया।
5 सितंबर 2024
बड़े प्रदर्शन: देवभूमि संघर्ष समिति ने चौरा मैदान और संजौली में विरोध प्रदर्शन किया, मस्जिद ध्वस्त करने और बाहरी लोगों की पंजीकरण की मांग की।
7 सितंबर 2024
MC अदालत की सुनवाई: आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से स्पष्टीकरण मांगा।
11 सितंबर 2024
उग्र प्रदर्शन: हिंदू संगठनों का धरना, धली टनल पर पुलिस लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल। बाजार बंद का आह्वान।
12 सितंबर 2024
मस्जिद कमेटी का कदम: मुस्लिम वेलफेयर कमेटी ने MC को ज्ञापन देकर अवैध हिस्से को सील करने और ध्वस्त करने की पेशकश की, शांति बनाए रखने के लिए।
अक्तूबर 2024
MC अदालत का फैसला: 5 अक्टूबर को ऊपरी तीन मंजिलें अवैध घोषित, ध्वस्त करने का आदेश।
2024 के अंत-2025 की शुरुआत
अपील और हाईकोर्ट हस्तक्षेप: वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में अपील की। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में फैसला लेने का निर्देश दिया।
19 अप्रैल 2025
दस्तावेज प्रस्तुत: वक्फ बोर्ड ने MC अदालत में दस्तावेज पेश करने के लिए 3 मई तक समय मांगा।
3 मई 2025
MC का अंतिम आदेश: पूरी पांच मंजिला संरचना अवैध घोषित, ध्वस्त करने का निर्देश। मस्जिद कमेटी ने ऊपरी मंजिलें तोड़ना शुरू किया।
मई-जुलाई 2025
अपील प्रक्रिया: जिला अदालत में सुनवाई टली (5 जुलाई को फाइल इंस्पेक्शन के लिए समय)। 23 मई को नमाज के दौरान हनुमान चालीसा पाठ का विरोध।
30 अक्तूबर 2025
जिला अदालत का फैसला: अपील खारिज, पूरी मस्जिद ध्वस्त करने का आदेश (2 महीने में)। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट जाने की घोषणा की।
13-14 नवंबर 2025
नमाज पर विवाद: स्थानीय महिलाओं ने बाहरी लोगों पर रोक की मांग, DC को ज्ञापन। शुक्रवार को नमाजियों को रोका गया।
15 नवंबर 2025
एफआईआर दर्ज: देवभूमि संघर्ष समिति के 6 सदस्यों पर नमाज रोकने का आरोप।
18-19 नवंबर 2025
अनशन और चेतावनी: समिति ने अनशन शुरू किया, एफआईआर वापस और बिजली-पानी कनेक्शन काटने की मांग। 21 नवंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन और चक्का जाम की चेतावनी। बच्चों को स्कूल न भेजने का आग्रह।
पहला कानूनी मामला: शिमला नगर निगम आयुक्त (MC) की अदालत में अवैध निर्माण का केस दर्ज। 16 वर्षों में 45-50 सुनवाइयां हुईं।
अगस्त 2024
तनाव बढ़ा: 30 अगस्त को मस्जिद से जुड़े लोगों द्वारा स्थानीय व्यापारियों पर हमले की घटना। हिंदू संगठनों ने "बाहरी लोगों" को शरण देने का आरोप लगाया, जिससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा।
4 सितंबर 2024
राजनीतिक बयानबाजी: ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में अवैध निर्माण पर सख्ती का बयान दिया। बीजेपी ने समर्थन किया।
5 सितंबर 2024
बड़े प्रदर्शन: देवभूमि संघर्ष समिति ने चौरा मैदान और संजौली में विरोध प्रदर्शन किया, मस्जिद ध्वस्त करने और बाहरी लोगों की पंजीकरण की मांग की।
7 सितंबर 2024
MC अदालत की सुनवाई: आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से स्पष्टीकरण मांगा।
11 सितंबर 2024
उग्र प्रदर्शन: हिंदू संगठनों का धरना, धली टनल पर पुलिस लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल। बाजार बंद का आह्वान।
12 सितंबर 2024
मस्जिद कमेटी का कदम: मुस्लिम वेलफेयर कमेटी ने MC को ज्ञापन देकर अवैध हिस्से को सील करने और ध्वस्त करने की पेशकश की, शांति बनाए रखने के लिए।
अक्तूबर 2024
MC अदालत का फैसला: 5 अक्टूबर को ऊपरी तीन मंजिलें अवैध घोषित, ध्वस्त करने का आदेश।
2024 के अंत-2025 की शुरुआत
अपील और हाईकोर्ट हस्तक्षेप: वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में अपील की। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में फैसला लेने का निर्देश दिया।
19 अप्रैल 2025
दस्तावेज प्रस्तुत: वक्फ बोर्ड ने MC अदालत में दस्तावेज पेश करने के लिए 3 मई तक समय मांगा।
3 मई 2025
MC का अंतिम आदेश: पूरी पांच मंजिला संरचना अवैध घोषित, ध्वस्त करने का निर्देश। मस्जिद कमेटी ने ऊपरी मंजिलें तोड़ना शुरू किया।
मई-जुलाई 2025
अपील प्रक्रिया: जिला अदालत में सुनवाई टली (5 जुलाई को फाइल इंस्पेक्शन के लिए समय)। 23 मई को नमाज के दौरान हनुमान चालीसा पाठ का विरोध।
30 अक्तूबर 2025
जिला अदालत का फैसला: अपील खारिज, पूरी मस्जिद ध्वस्त करने का आदेश (2 महीने में)। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट जाने की घोषणा की।
13-14 नवंबर 2025
नमाज पर विवाद: स्थानीय महिलाओं ने बाहरी लोगों पर रोक की मांग, DC को ज्ञापन। शुक्रवार को नमाजियों को रोका गया।
15 नवंबर 2025
एफआईआर दर्ज: देवभूमि संघर्ष समिति के 6 सदस्यों पर नमाज रोकने का आरोप।
18-19 नवंबर 2025
अनशन और चेतावनी: समिति ने अनशन शुरू किया, एफआईआर वापस और बिजली-पानी कनेक्शन काटने की मांग। 21 नवंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन और चक्का जाम की चेतावनी। बच्चों को स्कूल न भेजने का आग्रह।