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Himachal: आसन बैराज में विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा, सबसे अधिक साइबेरियन पक्षी; मॉनिटरिंग को लेकर विभाग सतर्क
सुरेश तोमर, पांवटा साहिब (सिरमौर)।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Fri, 24 Oct 2025 03:00 AM IST
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सार
आसन बैराज जल पक्षियों का पसंदीदा स्थल है। हर साल की तरह साइबेरिया और यूरोप के विभिन्न देशों से पक्षी यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं।
आसन बैराज में गूंजने लगा विदेशी परिंदों का कलरव
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
हिमाचल-उत्तराखंड की राज्य सीमा पर स्थित सुंदर घाटियां प्रवासी पक्षियों को भी आकर्षित करती हैं। खासकर आसन बैराज जल पक्षियों का पसंदीदा स्थल है। हर वर्ष की तरह साइबेरिया और यूरोप के विभिन्न देशों से पक्षी यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं।
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वन्य जीव व पक्षी प्रेमी भरत राणा, प्रद्युम्न असवाल, पूनम चौहान, राधिका, अनिता, राहुल सेवल, अकरम व जगीर सिंह ने बताया कि आसन बैराज में विदेशी पक्षियों का आगमन अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में शुरू हो गया है। रंग बिरंगे पक्षी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
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आसन बैराज वन क्षेत्र के आरओ विजय सिंह व वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने कहा कि साइबेरिया, यूरोप, मध्य एशिया चीन, नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान समेत अन्य देशों से ये जल पक्षी आसन बैराज पहुंचने शुरू हो गए हैं। इनमें सुर्खाब, कुचिया बतख, सीखपर, लाल चौंच, गुडगुडा, सुर्खिया बगुला, बयारी बत्तख, मलग बगुला, करचिया बगुला समेत कई किस्म के पक्षियों की आमद झील पर देखी जा रहा है। अभी तक इनकी संख्या 1800 से अधिक पहुंच चुकी है। इसमें सबसे अधिक साइबेरियन पक्षी हैं। संवाद
पक्षियों की देखरेख और मॉनिटरिंग को लेकर विभाग सतर्क
देश विदेश से पहुंचने वाले मेहमान परिंदों की देखरेख व सुरक्षा का जिम्मा उतराखंड वन विभाग टीम पर रहता है। स्थानीय वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने कहा कि वन विभाग के प्रशिक्षुओं की टीम इनकी देखभाल में जुटी है। पक्षियों की देखरेख और मॉनिटरिंग के लिए वन विभाग टीम नजर रखे हुए है।