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आंध्र प्रदेश: 8 विधायक अयोग्य करार दिए गए; विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल मामले में लिया फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अमरावती
Published by: जलज मिश्रा
Updated Tue, 27 Feb 2024 06:05 AM IST
सार
आंध्र प्रदेश के 8 विधायक अयोग्य करार दिए गए हैं। विधानसभा स्पीकर तम्मीनेनी सीताराम ने दलबदल के आरोप साबित होने के बाद 8 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
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आंध्र प्रदेश विधानसभा
- फोटो : ANI
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विस्तार
आंध्रप्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम ने दलबदल मामले में सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने आठ विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक इस मामले में सत्ताधारी दल- युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कार्रवाई की अपील की थी। इस पर निर्णायक फैसला लेते हुए स्पीकर ने अनम रामनारायण रेड्डी, मेकापति चंद्रशेखर रेड्डी, कोटाम रेड्डी श्रीधर रेड्डी और उंदावल्ली श्रीदेवी समेत आठ विधायकों को अयोग्य करार दिया।
वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों के अलावा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने मद्दलागिरी, करणम बलराम, वल्लभनेनी वामसी और वासुपल्ली गणेश के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर की थी। स्पीकर ने इन चारों को भी अयोग्य करार दिया है। सीएमओ से जारी बयान के मुताबिक, राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा बदलने वाले आठ विधायकों को स्पीकर ने इसलिए अयोग्य करार दिया गया क्योंकि विधायकों के आचरण से जनादेश का अपमान होता है। स्पीकर के मुताबिक लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर करने और मतदाताओं के जनादेश का अपमान करने के आरोपी विधायकों के खिलाफ वाईएसआरसीपी की याचिका में पर्याप्त सबूत पाए गए। गहन जांच के बाद उन्होंने दल बदलने वाले आठों विधायकों को अयोग्य करार देने का फैसला लिया।
अयोग्य करार दिए गए विधायकों पर पार्टी अनुशासन के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ है। अयोग्यता की कार्रवाई से आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव होने के आसार हैं। इस फैसले का विधानसभा में शक्ति संतुलन पर भी प्रभाव पड़ सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, स्पीकर की इस कार्रवाई के बाद विधानसभा में खाली होने वाली सीटों को भरने के लिए उप-चुनाव की तैयारियां शुरू होंगी।
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वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों के अलावा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने मद्दलागिरी, करणम बलराम, वल्लभनेनी वामसी और वासुपल्ली गणेश के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर की थी। स्पीकर ने इन चारों को भी अयोग्य करार दिया है। सीएमओ से जारी बयान के मुताबिक, राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा बदलने वाले आठ विधायकों को स्पीकर ने इसलिए अयोग्य करार दिया गया क्योंकि विधायकों के आचरण से जनादेश का अपमान होता है। स्पीकर के मुताबिक लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर करने और मतदाताओं के जनादेश का अपमान करने के आरोपी विधायकों के खिलाफ वाईएसआरसीपी की याचिका में पर्याप्त सबूत पाए गए। गहन जांच के बाद उन्होंने दल बदलने वाले आठों विधायकों को अयोग्य करार देने का फैसला लिया।
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अयोग्य करार दिए गए विधायकों पर पार्टी अनुशासन के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ है। अयोग्यता की कार्रवाई से आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव होने के आसार हैं। इस फैसले का विधानसभा में शक्ति संतुलन पर भी प्रभाव पड़ सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, स्पीकर की इस कार्रवाई के बाद विधानसभा में खाली होने वाली सीटों को भरने के लिए उप-चुनाव की तैयारियां शुरू होंगी।